पटना: शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है. रिजवी अपने ही मजहब के लोगों के निशाने पर हैं. रिजवी ने कुरान की 26 आयतों को हटाने की मांग करते हुए सर्वोच्च न्यायालय में जनहित याचिका दाखिल की है, जिसके बाद से वे टारगेट बने हुए हैं. बिहार की राजधानी पटना में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है.
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पटना सिटी में काश्मीरी कोठी स्तिथ खादिमुल इस्लाम यतीमखाना में आयोजित अजमते कुरान कॉन्फ्रेंस में इस्लामिक शिक्षाविदों ने कहा कि कुरान एक ईश्वरीय ग्रन्थ है. इसके एक नुक्ते का संशोधन भी सम्भव नहीं है. यह पवित्र पुस्तक हर एक हाफिज के सीने में महफुज है.
मौजूद लोगों ने कहा कि कुरान से आयत हटाने के लिये सिया बक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष मोहमद वसीम रिजवी ने न्यायालय में कुरान जैसे धार्मिक ग्रंथों से छेड़-छाड़ करने की अर्जी देकर गुनाह किया है. उन्हें अपनी अर्जी वापस लेनी चाहिये. वे अगर ऐसा नहीं करेंगे तो इस्लामिक संगठन इसका कड़ा विरोध करेगा.
जानिए वसीम रिजवी का तर्क
26 आयतों को लेकर वसीम रिजवी का कहना है कि ये धर्म से जुड़ा मामला नहीं हैं. उन आयतों को हटाने के लिए मैंने याचिका डाली है, जिससे राष्ट्र की सुरक्षा खतरे में पड़ती है. मेरी याचिका के बाद मुझे धमकी मिल रही है. इससे पहले मैंने कई मुस्लिम संगठन को पत्र लिख कर इन आयतों को हटाने की मांग भी की थी.
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