पटना: राजधानी पटना के गांधी मैदान में आज कई दिव्यांग धरना प्रदर्शन पर बैठे हैं. उन दिव्यांगों का साफ तौर पर कहना है कि यह धरना अनिश्चितकालीन समय के लिए है. जब तक सरकार हमारी 46 सूत्री मांगों पर विचार नहीं करती है. उस समय तक पटना के गांधी मैदान में धरना लगातार जारी रहेगा. इसके लिए चाहे कुछ भी हो जाए.
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46 सूत्री मांग के साथ दिव्यांगों का धरना: पटना गांधी मैदान में अपनी 46 सूत्री मांगों को लेकर दिव्यांगों ने धरना पर बैठे हैं. उन दिव्यांगों का साफ तौर पर कहना है कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होती है. तब तक हम यहीं पर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठे रहेंगे. उनलोगों का कहना है कि सरकार जब तक हमारी बात नहीं सुनती है. तब हमलोग को यह मंजूर है कि हमलोग यहीं पर अपना दम तोड़ दें. लेकिन यहां से नहीं हटेंगे. इन दिव्यांगों की मुख्य पांच तरह की मांगे हैं.
मांगे पूरी करे सरकार: इन लोगों की सरकार से यहीं मांग है कि दिव्यांगों को प्रति माह तीन हजार रुपए दी जाएं, दिव्यांग जनों के समस्याओं के समाधान हेतु राज्य आयुक्त की नियुक्ति की जाए. क्योंकि पिछले 20 महीने से यह पद खाली है. जिससे दिव्यांग जनों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. वहीं 40% से उपर सभी लोकोमोटिव दिव्यांग जनों को बैटरी चलित वाहन प्रदान किए जाए ताकि दिव्यांगों को जीवन यापन करने में समस्याओं का सामना ना करना पड़े. इसके साथ ही 40% से उपर वाले दिव्यांग जनों को मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत 11लाख रुपये का लोन दिया जाए. वहीं 5% आरक्षण दिव्यांग जनों के लिए उपलब्ध कराई जाए.
धरना स्थल पर डटे रहने की धमकी: दिव्यांगों का कहना है कि मुख्यतः पांच मांगों को जल्द से जल्द सरकार पूरा करे. सरकार के द्वारा इन मांगों पर अगर कोई कार्रवाई नहीं होती है. तब हमलोग अपनी मांगों को लेकर यहीं पर डटे रहेंगे. दिव्यांग जनों का कहना है कि जब तेजस्वी यादव सरकार में नहीं थे. उसी समय उन्होंने वादा किया था कि जैसे ही मैं सरकार में आउंगा. उसी समय दिव्यांगों को प्रति माह तीन हजार रुपये दिए जाऐंगे. जबकि वह अभी सरकार में ही हैं लेकिन इन सारी चीजों को भूल गए. कई दिव्यांगों ने यह भी बताया कि सरकार के द्वारा दिव्यांग योजना से चलाई जा रही है उससे कई दिव्यांगों को लाभान्वित योजना नहीं मिल रही है. और सबसे बड़ी मांग है कि दिव्यांगों के लिए दिव्यांग आयोग गठन किया जाए जिससे कि बिहार के दिव्यांगों का समस्या का निदान होगा तब जाकर के बिहार के दिव्यांगों को लाभ मिलेगा.
"दिव्यांगों को प्रति माह तीन हजार रुपए दी जाएं, दिव्यांग जनों के समस्याओं के समाधान हेतु राज्य आयुक्त की नियुक्ति की जाए. क्योंकि पिछले 20 महीने से यह पद खाली है. जिससे दिव्यांग जनों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. 40% से उपर वाले दिव्यांग जनों को मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत 11लाख रुपये का लोन दिया जाए".- बबलू कुमार, दिव्यांग
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