पटनाः नए साल में बिहार वासियों को बिजली कंपनियां झटका दे सकती है. बिहार में बिजली और महंगी होने वाली है. ऊर्जा विभाग की होल्डिंग कंपनियों ने सरकार को बिजली की दरें बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है. प्रदेश के ऊर्जा मंत्री विजेन्द्र यादव (Energy Minister Vijender Yadav) ने इस ओर इशारा कर दिया है.
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उर्जा मंत्री ने कहा कि हर साल बिजली का रेट बढ़ता है. कोयले का रेट भी बढ़ रहा है. बिजली की दरें सरकार नहीं बल्कि होल्डिंग कंपनियां बढ़ाती है. हालांकि, सरकार सब्सिडी भी देती है. कंपनियों ने बिजली की दरों के साथ फिक्सड चार्ज बढ़ाने का प्रस्ताव सरकार को दिया है, जिसपर सरकार को फैसला लेना है.
संभावना है कि अगले साल अप्रैल महीने से 10 फीसदी महंगी हो सकती है. बिजली कंपनियों ने बिहार विद्युत विनियामक आयोग को याचिकाएं देकर बिजली दरों में करीब 10% तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है. आयोग अब इन याचिकाओं पर जनसुनवाई के बाद नयी दरें तय कर सकता है.
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कंपनियों ने बिजली आपूर्ति के खर्च में बढ़ाेतरी का हवाला देते हुए सभी श्रेणियों में लगभग 10% तक दरें बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है. वहीं, शहरी घरेलू उपभोक्ताओं के स्लैब को तीन के बदले दो करने का प्रस्ताव दिया गया है. इसमें शून्य से 100 यूनिट के स्लैब को समाप्त कर शून्य से 200 यूनिट का पहला स्लैब और 200 यूनिट से अधिक का दूसरा स्लैब तय करने का प्रस्ताव है.
बिजली कंपनियों ने मॉल जैसे व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए अगल से एचटीआइएस श्रेणी बनाने का भी प्रस्ताव दिया है. ऊर्जा सचिव सह बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के सीएमडी संजीव हंस ने कहा कि कंपनियों ने बिजली दरों में 10% तक वृद्धि का प्रस्ताव सौंपा गया है. आयोग की ओर से दरें तय होने के बाद राज्य सरकार अनुदान की घोषणा करेगी.
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