पटनाः बिहार में कोरोना संक्रमण काफी तेजी से फैल रहा है. जिसके चलते बिहार सरकार ने कई बार बिहार में लॉकडाउन लगाया. जिस कारण बिहार में उद्योगों को काफी नुकसान हुआ. हालांकि सरकार की ओर से रियायत मिलने के बाद कुछ उद्योग शुरू हुए. लेकिन बिहार में आई बाढ़ के कारण फिर से सभी काफी प्रभावित हुए हैं.
लॉकडाउन के कारण उद्योग हुए प्रभावित
उद्योगपतियों को किसी प्रकार की कोई समस्या ना हो और बिहार में उद्योग अच्छे से चले. इसके लिए लगातार बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन कार्य कर रहा है. बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष रामलाल खेतान ने बताया कि हमारा कार्य है कि बिहार में उद्योग बेहतर तरीके से चले और उद्योगपतियों को कोई समस्या ना हो. लॉकडाउन के दौरान हमने केंद्र सरकार और राज्य सरकार को कई मुद्दों पर पत्र लिखा, जिसके बाद सरकार ने संज्ञान भी लिया और उद्योगों को काफी लाभ भी मिला. हमने लॉकडाउन के दौरान फिक्स चार्ज माफ, उद्योगपतियों का बकाया राशि का भुगतान, मजदूरों की समस्याओं जैसे कई मुद्दों पर सरकार को पत्र लिखा था. जिसमें सरकार ने हमारी मांगों को माना है और सभी को इसका लाभ भी मिला. लेकिन अभी भी कई ऐसे उद्योग हैं जो शुरू नहीं हो पाए हैं. जिस पर सरकार का ध्यान भी नहीं गया है. अभी सबसे अधिक जरूरत है उनको मदद करने की.
बिहार में उद्योग 30 से 40% ही कार्यरत
रामलाल खेतान ने बताया कि बिहार में उद्योग अभी केवल 30 से 40% ही कार्यरत हैं. कारण है कोरोना वायरस का संक्रमण और बाढ़. सरकार ने हमारी कई बातों को माना. लेकिन अभी भी कई ऐसी चीजें हैं जिस पर सरकार को विशेष ध्यान देने की जरूरत है. उद्योग जगत को पटरी पर आने में काफी लंबा समय लगेगा. जब तक कोरोना संक्रमण पूरी तरीके से खत्म नहीं हो जाएगा, तब तक उद्योग पटरी पर आने की उम्मीद भी नहीं है. कोरोना पूरी तरीके से खत्म होने के बाद भी सभी को वापस पूर्व की तरह चलने में कई साल लग जाएंगे.