पटना : बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन भी जोरदार हंगामा देखने को मिला. बीजेपी के हंगामे के बीच प्रश्नकाल चला. विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी के कार्यक्रात वेल में पहुंचकर नारेबाजी शुरू कर दी. सत्ताधारी दल और बीजेपी के बीच नोंक-झोंक भी हुई. हंगामे को देखते हुए 2 बजे तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई. माकपा के विधायक सत्येन्द्र यादव सत्ता पक्ष की तरफ जा रहे थे लेकिन मार्शल ने उन्हें रोक दिया.
दोनों सदनों में जोरदार हंगामा : इधर विधान परिषद में भी नजारा कुछ वैसा ही था. यहां भी कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी के सदस्यों ने सीएम नीतीश के आपत्तिजनक बयान को लेकर इस्तीफे की मांग करते रहे. वेल में पहुंचकर सदस्यों ने नारेबाजी की. हंगामे को देखते हुए विधानपरिषद की कार्यवाही दोपहर 1 बजे तक स्थगित कर दी गई. दोनों सदनों में नजारा एकजैसा ही दिखा. दोनों सदनों के विपक्षी सदस्य सीएम नीतीश से इस्तीफे की मांग कर रहे थे.
भाकपा माले ने केंद्र के खिलाफ खोला मोर्चा : इधर विधानसभा के बाहर सीपीआई के विधायक केंद्र सरकार से बिहार को विशेष राज्य की मांग किया है. भाकपा माले ने कहा है की राज्य सरकार आज स्कीम वर्कर को सही समय पर उसका मानदेय नहीं दे पा रही है. इसका कारण है की केंद्र सरकार स्कीम वर्कर को पैसा नहीं दे रही है. उल्टे बीजेपी के लोग गलत तरीके से बयानबाजी कर रहे हैं, उन्होंने कहा की जबतक केंद्र सरकार स्कीम वर्कर के मानदेय की राशि को नहीं बढ़ाती है तब तक हम प्रदर्शन करते रहेंगे.
'केंद्र नहीं दे रही विशेष राज्य का दर्जा' : भाकपा माले के विधायक महबूब आलम ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना जरूरी है. विशेष राज्य के दर्जा नहीं मिलने के कारण आर्थिक रूप से बिहार मजबूत नहीं हो पा रहा है. आज आंगनबाड़ी सेविका हो या रसोईया बहन हो सभी को मानदेय सही समय पर नहीं दिया जा रहा है, तो इसका कारण केंद्र की सरकार है. केंद्र में बैठी हुई सरकार स्कीम वर्कर को जो राशि देती है निश्चित तौर पर उसमें कटौती की है. इसका असर बिहार में देखने को मिल रहा है.
''केंद्र सरकार के खिलाफ हमारा प्रदर्शन है. और कहीं न कहीं जब तक केंद्र सरकार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दे देती है स्कीम वर्कर को सही ढंग से मानदेय नहीं देती है. तब तक हम लोगों का प्रदर्शन जारी रहेगा. बीजेपी के लोग कुछ भी पहले लेकिन आज जो कुछ भी रसोईया बहन या आंगनबाड़ी सेविका के साथ हो रहा है सब कुछ केंद्र सरकार का किया कराया है. केंद्र सरकार राशि नहीं दे रही है. तो राज्य सरकार इसका कहीं से भी जवाब देय नहीं है. फिर भी हम लोग कोशिश करेंगे कि राज्य सरकार अपने हिसाब से उनके मानदेय पर विचार करें.''- महबूब आलम, भाकपा माले विधायक
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