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प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने निजी स्कूलों को बचाने के लिए CM से लगाई गुहार, क्षतिपूर्ती देने की मांग

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Published : Apr 28, 2021, 7:23 PM IST

निजी विद्यालयों के कर्मियों की समस्या को लेकर प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्यामल अहमद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने परिस्थिति को देखते हुए सरकार से क्षतिपूर्ति अनुदान देने की मांग की है.

Private school association wrote a letter to employees of private schools
Private school association wrote a letter to employees of private schools

पटना: कोरोना महामारी के कारण बिहार सरकार ने 15 मई तक सभी शिक्षण संस्थानों को बंद करने का आदेश दे दिया है. ऐसे में प्रइवेट स्कूल चलाने वाले संचालक और शिक्षक खासे परेशान हैं. इसी वजह से प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्यामल अहमद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पत्र लिखा है.

ये भी पढ़ें-बिहार सरकार का बड़ा फैसला: 18 साल से ज्यादा की उम्र वालों को मुफ्त में लगेगी वैक्सीन

पत्र के जरिए श्यामल अहमद ने सरकार से प्रदेश के लाखों निजी विद्यालयों के कर्मियों की जान बचाने की गुहार लगाई है. उन्होंने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अवगत कराया है कि पिछले 13 महीनों से निजी विद्यालय बंद हैं. इस कारण अधिकांश कर्मियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है. बच्चों के अभिभावक अभी फीस नहीं दे रहे हैं. ऐसे में शैक्षणिक गतिविधि से जुड़े लोग भुखमरी के कगार पर आ गए हैं.

शैक्षणिक कर्मचारियों के सामने रोजगार का संकट
इसके अलावा श्यामल अहमद ने कहा है कि प्रदेश में एक ओर निर्माण कार्य और औद्योगिक प्रतिष्ठान पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. वहां पूर्व की तरह ही काम हो रहा है. लेकिन राष्ट्र निर्माण के कार्य में लगे शिक्षण संस्थानों के बंद रहने से भावी पीढ़ी का विकास रुक गया है. इसके साथ ही निजी शिक्षण संस्थानों के अस्तित्व पर प्रश्न चिन्ह लग गया है. शिक्षा संस्थानों से जुड़े प्राचार्य, शिक्षक और शैक्षणिक कर्मचारियों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है. इस वजह से उनके परिवार का जीवन यापन कठिनाई में पड़ गया है.

क्षतिपूर्ति अनुदान देने की मांग
प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्यामल अहमद ने इस परिस्थिति को देखते हुए सरकार से क्षतिपूर्ति अनुदान देने की मांग की है. साथ ही पांच प्रकार की अन्य मांगे की है.

  • निजी शिक्षा संस्थानों के मकान का भाड़ा सरकार की ओर से भुगतान किया जाए
  • बिजली बिल के भुगतान की भी इसी प्रकार व्यवस्था की जाए
  • निजी शिक्षण संस्थानों में चलाए जा रहे वाहनों का सभी तरह से टैक्स और इंश्योरेंस की भरपाई सरकार करें
  • स्कूल संचालक, प्राचार्य, शिक्षक और सभी शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को बंद अवधि का प्रति व्यक्ति कम से कम 10 हजार रुपये की राशि प्रति माह के दर से मानदेय का भुगतान किया जाए और उनके परिवार को जिंदा रखने के लिए 50 किलो अनाज दिया जाए.
  • और निजी शिक्षण संस्थानों के संचालक और व्यवस्थापक को संचालन की व्यवस्था के साथ रखरखाव के एवज में यथोचित राशि का भुगतान किया जाए.

पटना: कोरोना महामारी के कारण बिहार सरकार ने 15 मई तक सभी शिक्षण संस्थानों को बंद करने का आदेश दे दिया है. ऐसे में प्रइवेट स्कूल चलाने वाले संचालक और शिक्षक खासे परेशान हैं. इसी वजह से प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्यामल अहमद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पत्र लिखा है.

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पत्र के जरिए श्यामल अहमद ने सरकार से प्रदेश के लाखों निजी विद्यालयों के कर्मियों की जान बचाने की गुहार लगाई है. उन्होंने पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अवगत कराया है कि पिछले 13 महीनों से निजी विद्यालय बंद हैं. इस कारण अधिकांश कर्मियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है. बच्चों के अभिभावक अभी फीस नहीं दे रहे हैं. ऐसे में शैक्षणिक गतिविधि से जुड़े लोग भुखमरी के कगार पर आ गए हैं.

शैक्षणिक कर्मचारियों के सामने रोजगार का संकट
इसके अलावा श्यामल अहमद ने कहा है कि प्रदेश में एक ओर निर्माण कार्य और औद्योगिक प्रतिष्ठान पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. वहां पूर्व की तरह ही काम हो रहा है. लेकिन राष्ट्र निर्माण के कार्य में लगे शिक्षण संस्थानों के बंद रहने से भावी पीढ़ी का विकास रुक गया है. इसके साथ ही निजी शिक्षण संस्थानों के अस्तित्व पर प्रश्न चिन्ह लग गया है. शिक्षा संस्थानों से जुड़े प्राचार्य, शिक्षक और शैक्षणिक कर्मचारियों के सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है. इस वजह से उनके परिवार का जीवन यापन कठिनाई में पड़ गया है.

क्षतिपूर्ति अनुदान देने की मांग
प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्यामल अहमद ने इस परिस्थिति को देखते हुए सरकार से क्षतिपूर्ति अनुदान देने की मांग की है. साथ ही पांच प्रकार की अन्य मांगे की है.

  • निजी शिक्षा संस्थानों के मकान का भाड़ा सरकार की ओर से भुगतान किया जाए
  • बिजली बिल के भुगतान की भी इसी प्रकार व्यवस्था की जाए
  • निजी शिक्षण संस्थानों में चलाए जा रहे वाहनों का सभी तरह से टैक्स और इंश्योरेंस की भरपाई सरकार करें
  • स्कूल संचालक, प्राचार्य, शिक्षक और सभी शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को बंद अवधि का प्रति व्यक्ति कम से कम 10 हजार रुपये की राशि प्रति माह के दर से मानदेय का भुगतान किया जाए और उनके परिवार को जिंदा रखने के लिए 50 किलो अनाज दिया जाए.
  • और निजी शिक्षण संस्थानों के संचालक और व्यवस्थापक को संचालन की व्यवस्था के साथ रखरखाव के एवज में यथोचित राशि का भुगतान किया जाए.
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