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फिजिकल सुनवाई न होने का असर, जेलों में 50 हजार पहुंची कैदियों की संख्या

बिहार के जेलों की क्षमता 44 हजार कैदियों को रखने की है, लेकिन इन दिनों कैदियों की संख्या बढ़कर 50 हजार हो गई है. जेल में क्षमता से ज्यादा कैदी होने की वजह से जेल प्रशासन को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. कैदियों के रखरखाव, खानपान और कोरोना के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना जेल प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है.

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Published : Jan 16, 2021, 3:30 PM IST

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जेल

पटना: बिहार में अपराध के ग्राफ के साथ ही जेलों में कैदियों की संख्या भी बढ़ रही है. बिहार के जेलों की क्षमता 44 हजार कैदियों को रखने की है, लेकिन इन दिनों कैदियों की संख्या बढ़कर 50 हजार हो गई है. कैदियों की संख्या बढ़ने की मुख्य वजह कोरोना काल में कोर्ट में फिजिकल सुनवाई न होना भी है, जिससे कम संख्या में कैदी जेल से बाहर गए.

जेल में क्षमता से ज्यादा कैदी होने की वजह से जेल प्रशासन को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. कैदियों के रखरखाव, खानपान और कोरोना के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना जेल प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है. कैदियों के परिजनों से मुलाकात करने पर अभी रोक लगी हुई है. कैदी अपने परिवार के सदस्यों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या व्हाट्सएप कॉलिंग द्वारा ही बात कर पा रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

44 हजार कैदी रखने की है क्षमता
बिहार में कुल छोटे बड़े और सेंट्रल जेल मिलाकर 59 जेल हैं, जिसमें कैदियों की रखने की क्षमता 44000 है. परंतु इन दिनों कैदियों की संख्या में इजाफा होकर 50000 पहुंच गया है. जेल प्रशासन के अनुसार कोरोना काल में कोर्ट में फिजिकल सुनवाई नहीं होने की वजह से कैदियों की संख्या में इजाफा हो गया है. कोरोना काल के दौरान भी कोर्ट में वर्चुअल माध्यम से सुनवाई चल रही थी, लेकिन फिजिकल माध्यम से जितनी सुनवाई होनी चाहिए उतनी नहीं हो पा रही थी. हालांकि कोर्ट द्वारा अब कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए फिजिकल सुनवाई शुरू कर दी गई है.

वैक्सीनेशन के लिए दी 5 हजार अधिकारियों और कर्मियों की लिस्ट
ठंड के मद्देनजर जिला प्रशासन द्वारा बिहार के सभी जेलों में बंद कैदियों को ठंड से बचाव के लिए सभी वार्डों में पर्दा के साथ-साथ अलाव जलाने का निर्देश दिया गया है. कोरोना महामारी के मद्देनजर जेल प्रशासन द्वारा कोरोना वैक्सीनेशन के लिए करीब 5000 अधिकारियों और कर्मचारियों की लिस्ट सरकार को दी गई है. उम्मीद है कि दूसरे फेज में पुलिस और जेल प्रशासन और अन्य लोगों को टीकाकरण का लाभ मिल पाएगा. हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि जेलों में बंद कैदियों के टीकाकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा क्या व्यवस्था की गई है.

पटना: बिहार में अपराध के ग्राफ के साथ ही जेलों में कैदियों की संख्या भी बढ़ रही है. बिहार के जेलों की क्षमता 44 हजार कैदियों को रखने की है, लेकिन इन दिनों कैदियों की संख्या बढ़कर 50 हजार हो गई है. कैदियों की संख्या बढ़ने की मुख्य वजह कोरोना काल में कोर्ट में फिजिकल सुनवाई न होना भी है, जिससे कम संख्या में कैदी जेल से बाहर गए.

जेल में क्षमता से ज्यादा कैदी होने की वजह से जेल प्रशासन को भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. कैदियों के रखरखाव, खानपान और कोरोना के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना जेल प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है. कैदियों के परिजनों से मुलाकात करने पर अभी रोक लगी हुई है. कैदी अपने परिवार के सदस्यों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या व्हाट्सएप कॉलिंग द्वारा ही बात कर पा रहे हैं.

देखें रिपोर्ट

44 हजार कैदी रखने की है क्षमता
बिहार में कुल छोटे बड़े और सेंट्रल जेल मिलाकर 59 जेल हैं, जिसमें कैदियों की रखने की क्षमता 44000 है. परंतु इन दिनों कैदियों की संख्या में इजाफा होकर 50000 पहुंच गया है. जेल प्रशासन के अनुसार कोरोना काल में कोर्ट में फिजिकल सुनवाई नहीं होने की वजह से कैदियों की संख्या में इजाफा हो गया है. कोरोना काल के दौरान भी कोर्ट में वर्चुअल माध्यम से सुनवाई चल रही थी, लेकिन फिजिकल माध्यम से जितनी सुनवाई होनी चाहिए उतनी नहीं हो पा रही थी. हालांकि कोर्ट द्वारा अब कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए फिजिकल सुनवाई शुरू कर दी गई है.

वैक्सीनेशन के लिए दी 5 हजार अधिकारियों और कर्मियों की लिस्ट
ठंड के मद्देनजर जिला प्रशासन द्वारा बिहार के सभी जेलों में बंद कैदियों को ठंड से बचाव के लिए सभी वार्डों में पर्दा के साथ-साथ अलाव जलाने का निर्देश दिया गया है. कोरोना महामारी के मद्देनजर जेल प्रशासन द्वारा कोरोना वैक्सीनेशन के लिए करीब 5000 अधिकारियों और कर्मचारियों की लिस्ट सरकार को दी गई है. उम्मीद है कि दूसरे फेज में पुलिस और जेल प्रशासन और अन्य लोगों को टीकाकरण का लाभ मिल पाएगा. हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि जेलों में बंद कैदियों के टीकाकरण को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा क्या व्यवस्था की गई है.

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