पटनाः राजधानी के मुख्य सचिवालय में तकरीबन 8 महीने पहले एक सचिवालय कर्मी की हृदयाघात से मौत हो गई थी. जिसके बाद मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सचिवालय परिसर में एक स्वास्थ्य केंद्र खोलने का आदेश दिया था. सरकार के इस आदेश का पालन करते हुए स्वास्थ्य केंद्र की तैयारी पूरी कर ली गई है.
बता दें कि मुख्य सचिवालय में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं था. शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के तहत 24 अक्टूबर इसकी शुरुआत की जा रही है. ईटीवी भारत संवाददाता ने इसका जायजा लिया. मौके पर मौजूद स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस स्वास्थ्य केंद्र में सुबह 11 से शाम 7 बजे तक दो डॉक्टरों की तैनाती रहेगी. इसके अलावा आंखों की समस्याओं को भी देखने के लिए टेक्नीशियन मौजूद रहेंगे. पैथोलौजिकल जांच से लेकर 24 घंटे एम्बुलेंस की सुविधा मौजूद रहेगी. दूसरी तरफ वीपी, शुगर, कैंसर के मरीजों का स्क्रीनिंग भी किया जायेगा. अधिकारी ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्र में पर्याप्त संख्या में दवाइयां भी उपलब्ध रहेंगी. बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए टीकाकरण का भी पर्याप्त इंतजाम किया गया है.
डॉक्टरों पर निगरानी के लिए सीसीटीवी
डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों पर विशेष निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं. जिसकी मॉनिटटिंग समय-समय पर सिविल सर्जन करेंगे. स्वास्थ्य केंद्र के खुलने से सचिवालय में काम करने वाले हजारों कर्मचारियों के साथ-साथ आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों को काफी राहत होगी.
स्वास्थ्य केंद्र को लेकर गंभीर स्वास्थ विभाग
गौरतलब है कि राज्य के सरकारी अस्पताल या प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लापरवाही का शिकार है. जिसके कारण कई बार डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की अनुपस्थिति होने की खबर आती है. लेकिन सचिवालय परिसर के अंदर खुलने वाले स्वास्थ्य केंद्र को लेकर स्वास्थ विभाग सकारात्मक दिख रहा है. सचिवालय परिसर में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, मुख्य सचिव सहित कई आला अफसर और मंत्री बैठते हैं. जिसके कारण उम्मीद की जा रही है कि यह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लचर सिस्टम का बलि नहीं चढ़ेगा.