पटनाः बिहार में 16 अगस्त से प्राइमरी और मिडिल स्कूल (Primary And Middle School) खोले जा रहे हैं. काफी समय से बंद पड़े स्कूलों को खोले जाने के फैसले से छात्र-छात्राएं काफी खुश हैं. कोरोना के कम होते संक्रमण (Corona Infection) के बीच स्कल खुलने से पहले ईटीवी भारत की टीम ने पटना के स्कूलों में जाकर साफ-सफाई और तैयारियों का जायजा लिया.
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पटना के एक आवासीय सरकारी कन्या मध्य विद्यालय अमला टोली में स्कूल खुलने से पहले व्यापक पैमाने पर तैयारियां की जा रही है. स्कूल के छात्र अभिभावक और शिक्षक दोनों खुश हैं.
"स्कूलों को खोलने के सरकार के फैसले का हम स्वागत करते हैं. बच्चों को अभी तक ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाया जा रहा था, पर अब से स्कूल आकर बेहतर पढ़ाई कर सकेंगे. सरकार का यह फैसला सराहनीय है."- कमलेश यादव, प्रिंसिपल
"लंबे समय के बाद उच्चतर शिक्षण संस्थानों को खोला गया था. इसके बाद कोई खराब केस सुनने में नहीं आया है. अब सरकार पहली से आठवीं तक की कक्षाएं खोल रही है. रोज स्कूल खोले जाने के फैसले से सहमत हूं. किंतु हमें कोरोना गाइडलाइंस का पालन करना होगा. स्कूल के क्लास, बाथरूम सहित अन्य जगहों की सफाई पर ध्यान देना होगा."- शिक्षिका
इन सब के बीच पटना के जाने माने शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. एनपी नारायण ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर आगाह किया है. उन्होने कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के बीच सरकार का यह फैसला चिंताजनक है.
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"प्रदेश में सरकार ने स्कूलों को खोलने का फैसला किया है. लेकिन स्कूलों में एक साथ सभी छात्रों को भेजना खतरनाक होगा. इससे संक्रमण तेजी से ब्लास्ट कर सकता है. जरूरी है कि एक सभी छात्रों को एक साथ स्कूल आने के बजाय धीरे-धीरे उनकी उपलब्धता बढ़ाई जानी चाहिए."- डॉ. एनपी नारायण, चिकित्सक
कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम हुई है, लेकिन खतरा कम नहीं हुआ है. हमें इस दौर ने सतर्कता बरतनी चाहिए. विद्यालय से जुड़े सारे कर्मचारियों और छात्रों को मास्क अनिवार्य रूप से पहनना होगा. साथ ही सरकार के द्वारा जारी गाइडलाइंस का पालन करना बेहद जरूरी है.