ETV Bharat / state

सस्ती हुईं हरी सब्जियां, खरीदार नहीं, किसान बोले- लागत भी नहीं निकल पा रही

author img

By

Published : Jun 4, 2020, 6:31 PM IST

Updated : Jun 4, 2020, 10:32 PM IST

सब्जी का उत्पादन के मामले में बिहार देशभर में चौथे नंबर पर आता है. कोरोना काल में सब्जी की डिमांड घटी है. तो वहीं उत्पादन उतना ही रहा है. ऐसे में सब्जी बेंचने के लिए किसान बाजारों में व्यापारियों की राह देख रहे हैं.

Bihar
ईटीवी भारत की खबर

पटना: लॉकडाउन में जहां होटल, रेस्टोरेंट पर ताला लटक गया. शादी-पार्टी रद्द हो गईं. ऐसे में सब्जियों की खपत भी कम हुई. लिहाजा, किसानों के खेतों की सब्जी खरीदने वाला कोई नहीं मिल रहा है. वजह परिवहन का बंद होना भी रहा, तो व्यापारियों का किसानों तक न पहुंचना भी.

Bihar
दुकानों में रखी सब्जी

बिहार भारत का चौथा प्रदेश हैं, जहां सबसे ज्यादा सब्जी का उत्पादन होता है. ईटीवी भारत ने कई जिलों से सब्जी की थोक कीमतों के बारे में जब किसानों से पता किया, तो किसानों की बेबसी सामने आई. मुंगेर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण रोहतास, और नालंदा में इन दिनों किसान अपनी सब्जी सस्ते दामों पर बेंच रहे हैं. किसानों का कहना है कि बाहर से व्यापारी आ नहीं रहे हैं. ऐसे में वो अपनी सब्जी फुटकर में और स्थानीय व्यापारियों को बेंच रहे हैं.

Bihar
लॉकडाउन में बर्बाद हो गई सब्जियां

मुंगेर में नहीं बिक रहीं ये सब्जियां
मुंगेर जिले में सब्जी की कीमतें काफी कम है. यहां हजारों एकड़ में गंगा के मैदानी भाग एवं पहाड़ की तराई में सब्जी की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. किसानों को इस वर्ष जबरदस्त घाटा उठाना को पड़ा है.

Bihar
दुकानों पर नहीं पहुंच रहे ग्राहक

थोक मंडी के व्यापारी रंजीत कुमार ने बताया कि यहां सब्जियों की कीमत काफी कम है. 5 से 8 रुपये प्रति किलो भिंडी, 12 से 18 रुपये किलो परवल, 10 रुपये किलो हरी मिर्च, 10 रुपये किलो नेनुआ मिल रहा है. अपनी सब्जी लेकर बाजार पहुंचे किसान गुड्डु ने बताया कि पिछले साल परवल 40 से 50 रुपया किलो बिका था. लेकिन इस बार इसे खरीदने वाला कोई नहीं.

Bihar
लॉकडाउन की मार झेल रहे किसान

पूर्वी चंपारण में किसानों का हाल-बेहाल
मुंगेर की तरह ही पूर्वी चंपारण में सब्जी बेंचने बाजार पहुंचे किसानों का कहना है कि खरीददार नहीं मिल रहे हैं. जैसे-तैसे दाम सस्ते कर सब्जी बेंचने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि घर चल सके. मोतिहारी के किसान नारद साह ने बताया कि लागत तो दूर की बात किसानों की सब्जियां बिक जाएं, तो कुछ सहूलियत रहेगी.

Bihar
सब्जी बेचता दुकानदार

पश्चिम चंपारण के हाल
बेतिया के किसानों का हाल काफी दयनीय है. किसान सुरेश ने बताया कि सब्जी तोड़कर बाजार ला रहे हैं लेकिन बाहर से कोई पैकार नहीं आ रहा है. गोभी हो या भिंडी, सभी सब्जियां सड़ रही हैं. लेकिन बिक नहीं रही हैं. प्याज 5 से 6 रुपया किलो बेंचने को मजबूर हैं.

Bihar
ठेले पर सजी सब्जी

रोहतास में सब्जी के दाम
रोहतास के सासाराम में सब्जी विक्रेता दीपक कुमार ने कहा कि जहां प्याज 20 रुपये किलो बिकना चाहिए था. वो अब 8 से 10 रुपये किलो बिक रहा है. लागत मूल्य भी नहीं निकल रहा है.

Bihar
सब्जियों की कीमत

कभी, रुलाता था प्याज
प्याज के बढ़े दाम एक नहीं कई बार लोगों को रुला चुके हैं. लेकिन लागू लॉकडाउन में प्याज का खरीदार भी नहीं मिल रहा है. बिहार में नालंदा में सबसे ज्यादा प्याज की पैदावार होती है. यहां के किसानों की माने तो प्याज की खरीददारी नहीं हो रही है. किसान ने कहा कि पहले तो बेमौसम बारिश ने प्याज की खेती को बर्बाद कर दिया. उसके बाद लॉकडाउन में प्याज के सही दाम नहीं मिल रहा है. प्याज को 2 रुपया-तीन रुपया में भी खरीदने वाला भी नहीं है.

Bihar
सब्जियों की कीमत

किसानों को मिले सब्जियों का समर्थन मूल्य
हाल ही में कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के अध्यक्ष विनोद खेरिया ने कृषि मंत्री प्रेम कुमार से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बात कर खाद्यान की तरह फलों और सब्जियों के समर्थन मूल्य तय करने की बात कही थी. इस बाबत कृषि मंत्री ने इसपर विचार करने की बात कही.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

बहरहाल, सस्ती हुई सब्जियों से जहां ग्राहकों को आराम मिल रहा है. वहीं, किसानों के सामने मुश्किलें खड़ी हो रही हैं. वजह, ज्यादा उपज और कम खपत है. बिहार में उपजाई गई सब्जियां अन्य राज्यों में भी सप्लाई होती थी. जो अब नहीं हो रही है. फिलहाल, अनलॉक-1 लागू है. ऐसे में मिली छूट के किसान भी बाहरी व्यापारियों की राह देख रहे हैं.

(सब्जी के ये दाम किसानों ने बताएं हैं.)

पटना: लॉकडाउन में जहां होटल, रेस्टोरेंट पर ताला लटक गया. शादी-पार्टी रद्द हो गईं. ऐसे में सब्जियों की खपत भी कम हुई. लिहाजा, किसानों के खेतों की सब्जी खरीदने वाला कोई नहीं मिल रहा है. वजह परिवहन का बंद होना भी रहा, तो व्यापारियों का किसानों तक न पहुंचना भी.

Bihar
दुकानों में रखी सब्जी

बिहार भारत का चौथा प्रदेश हैं, जहां सबसे ज्यादा सब्जी का उत्पादन होता है. ईटीवी भारत ने कई जिलों से सब्जी की थोक कीमतों के बारे में जब किसानों से पता किया, तो किसानों की बेबसी सामने आई. मुंगेर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण रोहतास, और नालंदा में इन दिनों किसान अपनी सब्जी सस्ते दामों पर बेंच रहे हैं. किसानों का कहना है कि बाहर से व्यापारी आ नहीं रहे हैं. ऐसे में वो अपनी सब्जी फुटकर में और स्थानीय व्यापारियों को बेंच रहे हैं.

Bihar
लॉकडाउन में बर्बाद हो गई सब्जियां

मुंगेर में नहीं बिक रहीं ये सब्जियां
मुंगेर जिले में सब्जी की कीमतें काफी कम है. यहां हजारों एकड़ में गंगा के मैदानी भाग एवं पहाड़ की तराई में सब्जी की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. किसानों को इस वर्ष जबरदस्त घाटा उठाना को पड़ा है.

Bihar
दुकानों पर नहीं पहुंच रहे ग्राहक

थोक मंडी के व्यापारी रंजीत कुमार ने बताया कि यहां सब्जियों की कीमत काफी कम है. 5 से 8 रुपये प्रति किलो भिंडी, 12 से 18 रुपये किलो परवल, 10 रुपये किलो हरी मिर्च, 10 रुपये किलो नेनुआ मिल रहा है. अपनी सब्जी लेकर बाजार पहुंचे किसान गुड्डु ने बताया कि पिछले साल परवल 40 से 50 रुपया किलो बिका था. लेकिन इस बार इसे खरीदने वाला कोई नहीं.

Bihar
लॉकडाउन की मार झेल रहे किसान

पूर्वी चंपारण में किसानों का हाल-बेहाल
मुंगेर की तरह ही पूर्वी चंपारण में सब्जी बेंचने बाजार पहुंचे किसानों का कहना है कि खरीददार नहीं मिल रहे हैं. जैसे-तैसे दाम सस्ते कर सब्जी बेंचने का प्रयास कर रहे हैं, ताकि घर चल सके. मोतिहारी के किसान नारद साह ने बताया कि लागत तो दूर की बात किसानों की सब्जियां बिक जाएं, तो कुछ सहूलियत रहेगी.

Bihar
सब्जी बेचता दुकानदार

पश्चिम चंपारण के हाल
बेतिया के किसानों का हाल काफी दयनीय है. किसान सुरेश ने बताया कि सब्जी तोड़कर बाजार ला रहे हैं लेकिन बाहर से कोई पैकार नहीं आ रहा है. गोभी हो या भिंडी, सभी सब्जियां सड़ रही हैं. लेकिन बिक नहीं रही हैं. प्याज 5 से 6 रुपया किलो बेंचने को मजबूर हैं.

Bihar
ठेले पर सजी सब्जी

रोहतास में सब्जी के दाम
रोहतास के सासाराम में सब्जी विक्रेता दीपक कुमार ने कहा कि जहां प्याज 20 रुपये किलो बिकना चाहिए था. वो अब 8 से 10 रुपये किलो बिक रहा है. लागत मूल्य भी नहीं निकल रहा है.

Bihar
सब्जियों की कीमत

कभी, रुलाता था प्याज
प्याज के बढ़े दाम एक नहीं कई बार लोगों को रुला चुके हैं. लेकिन लागू लॉकडाउन में प्याज का खरीदार भी नहीं मिल रहा है. बिहार में नालंदा में सबसे ज्यादा प्याज की पैदावार होती है. यहां के किसानों की माने तो प्याज की खरीददारी नहीं हो रही है. किसान ने कहा कि पहले तो बेमौसम बारिश ने प्याज की खेती को बर्बाद कर दिया. उसके बाद लॉकडाउन में प्याज के सही दाम नहीं मिल रहा है. प्याज को 2 रुपया-तीन रुपया में भी खरीदने वाला भी नहीं है.

Bihar
सब्जियों की कीमत

किसानों को मिले सब्जियों का समर्थन मूल्य
हाल ही में कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के अध्यक्ष विनोद खेरिया ने कृषि मंत्री प्रेम कुमार से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बात कर खाद्यान की तरह फलों और सब्जियों के समर्थन मूल्य तय करने की बात कही थी. इस बाबत कृषि मंत्री ने इसपर विचार करने की बात कही.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

बहरहाल, सस्ती हुई सब्जियों से जहां ग्राहकों को आराम मिल रहा है. वहीं, किसानों के सामने मुश्किलें खड़ी हो रही हैं. वजह, ज्यादा उपज और कम खपत है. बिहार में उपजाई गई सब्जियां अन्य राज्यों में भी सप्लाई होती थी. जो अब नहीं हो रही है. फिलहाल, अनलॉक-1 लागू है. ऐसे में मिली छूट के किसान भी बाहरी व्यापारियों की राह देख रहे हैं.

(सब्जी के ये दाम किसानों ने बताएं हैं.)

Last Updated : Jun 4, 2020, 10:32 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.