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राष्ट्रपति ने 'छठी मइया' को किया नमन, कहा- नवादा से न्यूजर्सी, बेगूसराय से बोस्टन तक बना ग्लोबल फेस्टिवल - centenary celebrations of bihar assembly building

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि छठ पूजा अब ग्लोबल फेस्टिवल बन चुका है. नवादा से न्यूजर्सी तक और बेगूसराय से बोस्टन तक छठी मइया की पूजा की जाती है. पढ़ें पूरी खबर...

President Ram Nath Kovind
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
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Published : Oct 21, 2021, 5:31 PM IST

Updated : Oct 21, 2021, 6:30 PM IST

पटना: दिल्ली, मुंबई, बेंगलोर या फिर कोई और शहर या कस्बा. जहां भी बिहार के लोग रहते हैं, छठ पूजा (Chhath Puja) पर अपने घर लौटने को मचल उठते हैं. देश का कोई भी हिस्सा हो, छठ के समय बिहार आने वाली ट्रेन या फ्लाइट बुक रहती है. बिहार के लोग छठी मइया की अराधना जिस भक्ति भाव से कहते हैं वह देखते ही बनता है. गंगा के घाट पर भगवान सूर्य को अर्घ्य देने आए लाखों-करोड़ों भक्तों की भीड़ हो या गली-मोहल्ले से लेकर चौक-चौराहों पर बजते छठी मइया के गीत.

यह भी पढ़ें- 'जब मुख्यमंत्री जी ने मुझे बिहारी राष्ट्रपति कहकर संबोधित किया.. तो मैं गदगद हो गया'

यही कारण है कि बिहार के बाहर के लोग जो बिहार में रहते हैं और छठ पूजा देखते हैं वे इससे प्रभावित हुए बिना नहीं रहते. 8 अगस्‍त 2015 से 25 जुलाई 2017 तक बिहार के राज्यपाल रहने वाले राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) भी उनमें से एक हैं. बिहार विधानसभा भवन के सौ साल पूरा होने पर आयोजित शताब्दी समारोह में आए राष्ट्रपति अपने संबोधन में छठ पूजा का जिक्र किए बिना नहीं रह सके.

उन्होंने कहा, 'कुछ दिनों बाद हम सभी देशवासी दिवाली और छठ का त्योहार मनाएंगे. छठ पूजा अब ग्लोबल फेस्टिवल बन चुका है. नवादा से न्यूजर्सी तक और बेगूसराय से बोस्टन तक छठी मइया की पूजा बड़े पैमाने पर की जाती है. यह इस बात का प्रमाण है कि बिहार की संस्कृति से जुड़े उद्यमी लोगों ने विश्व स्तर पर अपना स्थान बनाया है. मुझे विश्वास है कि इसी प्रकार स्थानीय प्रगति के सभी आयामों पर भी बिहार के प्रतिभावान व परिश्रमी लोग सफलता के नए मानदंड स्थापित करेंगे.'

बता दें कि छठ पर्व दिवाली के छठे दिन मनाया जाता है. इस साल यह त्योहार 8 नवंबर से आरंभ होगा. छठ पूजा के दौरान सूर्य देवता और उनकी बहन मानी जाने वाली छठी मइया की पूजा की जाती है. पूजा की शुरुआत नहाय-खाय से होती है. पूजा के दूसरे दिन खरना मनाया जाता है. इस साल खरना 9 नवंबर को है. खरना के अगले दिन शाम को भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. छठ पर्व का समापन 11 नवंबर को होगा.

छठ और दिवाली में हवाई सफर करनेवालों को ज्यादा जेब ढीला करना पड़ रहा है. अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से लेकर छठ पर्व तक पटना आने वाले जितने भी विमान हैं, सभी में टिकट फुल है. कुछ विमान ऐसे हैं, जिसमें प्रीमियम सीट का टिकट खाली है, लेकिन उसकी कीमत बहुत ज्यादा है. दिल्ली से आने वाले यात्रियों को पहले की तुलना में ढाई गुना ज्यादा कीमत देकर टिकट खरीदना पड़ रहा है. वहीं, मुंबई से आने वाले यात्रियों को भी दोगुना से ज्यादा पैसे खर्च करना पड़ रहा है. हैदराबाद और बेंगलुरु से आने वाले यात्रियों की भी यही स्थिति है. देश से सभी बड़े शहरों से बिहार आने वाली ट्रेनों में भी टिकट नहीं मिल रहा है. ट्रेनों में लंबी वेटिंग लिस्ट है.

यह भी पढ़ें- न्यू हेयर स्टाइल में दिखे तेज प्रताप, ट्वीट कर लिखा- 'तुम मजाक उड़ाओ, हम धज्जियां उड़ा देंगे'

पटना: दिल्ली, मुंबई, बेंगलोर या फिर कोई और शहर या कस्बा. जहां भी बिहार के लोग रहते हैं, छठ पूजा (Chhath Puja) पर अपने घर लौटने को मचल उठते हैं. देश का कोई भी हिस्सा हो, छठ के समय बिहार आने वाली ट्रेन या फ्लाइट बुक रहती है. बिहार के लोग छठी मइया की अराधना जिस भक्ति भाव से कहते हैं वह देखते ही बनता है. गंगा के घाट पर भगवान सूर्य को अर्घ्य देने आए लाखों-करोड़ों भक्तों की भीड़ हो या गली-मोहल्ले से लेकर चौक-चौराहों पर बजते छठी मइया के गीत.

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यही कारण है कि बिहार के बाहर के लोग जो बिहार में रहते हैं और छठ पूजा देखते हैं वे इससे प्रभावित हुए बिना नहीं रहते. 8 अगस्‍त 2015 से 25 जुलाई 2017 तक बिहार के राज्यपाल रहने वाले राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) भी उनमें से एक हैं. बिहार विधानसभा भवन के सौ साल पूरा होने पर आयोजित शताब्दी समारोह में आए राष्ट्रपति अपने संबोधन में छठ पूजा का जिक्र किए बिना नहीं रह सके.

उन्होंने कहा, 'कुछ दिनों बाद हम सभी देशवासी दिवाली और छठ का त्योहार मनाएंगे. छठ पूजा अब ग्लोबल फेस्टिवल बन चुका है. नवादा से न्यूजर्सी तक और बेगूसराय से बोस्टन तक छठी मइया की पूजा बड़े पैमाने पर की जाती है. यह इस बात का प्रमाण है कि बिहार की संस्कृति से जुड़े उद्यमी लोगों ने विश्व स्तर पर अपना स्थान बनाया है. मुझे विश्वास है कि इसी प्रकार स्थानीय प्रगति के सभी आयामों पर भी बिहार के प्रतिभावान व परिश्रमी लोग सफलता के नए मानदंड स्थापित करेंगे.'

बता दें कि छठ पर्व दिवाली के छठे दिन मनाया जाता है. इस साल यह त्योहार 8 नवंबर से आरंभ होगा. छठ पूजा के दौरान सूर्य देवता और उनकी बहन मानी जाने वाली छठी मइया की पूजा की जाती है. पूजा की शुरुआत नहाय-खाय से होती है. पूजा के दूसरे दिन खरना मनाया जाता है. इस साल खरना 9 नवंबर को है. खरना के अगले दिन शाम को भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. छठ पर्व का समापन 11 नवंबर को होगा.

छठ और दिवाली में हवाई सफर करनेवालों को ज्यादा जेब ढीला करना पड़ रहा है. अक्टूबर के अंतिम सप्ताह से लेकर छठ पर्व तक पटना आने वाले जितने भी विमान हैं, सभी में टिकट फुल है. कुछ विमान ऐसे हैं, जिसमें प्रीमियम सीट का टिकट खाली है, लेकिन उसकी कीमत बहुत ज्यादा है. दिल्ली से आने वाले यात्रियों को पहले की तुलना में ढाई गुना ज्यादा कीमत देकर टिकट खरीदना पड़ रहा है. वहीं, मुंबई से आने वाले यात्रियों को भी दोगुना से ज्यादा पैसे खर्च करना पड़ रहा है. हैदराबाद और बेंगलुरु से आने वाले यात्रियों की भी यही स्थिति है. देश से सभी बड़े शहरों से बिहार आने वाली ट्रेनों में भी टिकट नहीं मिल रहा है. ट्रेनों में लंबी वेटिंग लिस्ट है.

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Last Updated : Oct 21, 2021, 6:30 PM IST
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