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'बिहार फतेह' के लिए NDA ने झोंकी ताकत, PM मोदी की रैलियों से अधिकांश विस क्षेत्रों को जोड़ने की तैयारी - PM modi rally in bihar

कल एक तरफ जहां पहले चरण के लिए वोटिंग होगी तो दूसरी तरफ पीएम मोदी चुनावी सभा को संबोधित करेंगे. पटना, दरभंगा और मुजफ्फरपुर में प्रधानमंत्री राज्य की जनता को संबोधित करेंगे.

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Published : Oct 27, 2020, 8:53 PM IST

पटना: प्रधानमंत्री की रैली के लिए बीजेपी और जदयू ने पूरी ताकत लगा दी है. 23 अक्टूबर को प्रधानमंत्री की रैली सासाराम, गया और भागलपुर में हो चुकी है. अब 28 अक्टूबर को दरभंगा, मुजफ्फरपुर और पटना में रैली होने जा रही है. इस रैली के माध्यम से 60 विधानसभा क्षेत्रों को कनेक्ट करने की कोशिश होगी.

इसी तरह 1 नवंबर को होने वाली छपरा, पूर्वी चंपारण और समस्तीपुर की रैली से 58 विधानसभा क्षेत्रों को कनेक्ट करने की कोशिश है.पश्चिम चंपारण, सहरसा और फारबिसगंज 3 नवंबर को होने वाली रैली से शेष विधानसभा क्षेत्रों को जोड़ने की कोशिश की जाएगी. प्रधानमंत्री की अब 9 जनसभाएं अभी होनी हैं. जिसमें अधिकांश कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद रहेंगे.

कोरोना को लेकर बरता जा रहा एहतियात
बता दें कि कोरोना महामारी के समय प्रधानमंत्री की रैली को लेकर विशेष एहतियात बरता जा रहा है. चुनाव आयोग के गाइडलाइन का पालन करने की कोशिश भी हो रही है. इस बार प्रधानमंत्री की बड़ी रैलियां नहीं हो रही हैं. 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 रैलियां की थी और सभी बड़ी रैलियां थी. इस बार प्रधानमंत्री केवल 12 रैली कर रहे हैं और उसमें भी जो लोग आ रहे हैं उसकी संख्या तय की गई है.

पीएम के आगामी कार्यक्रम
आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री की जो रैलियां होनी हैं. उसमें दरभंगा हवाई अड्डा के पास होने वाली रैली में 27 हजार की क्षमता है. मुजफ्फरपुर पताही हवाई अड्डा के पास 40,000 की क्षमता है. पटना वेटनरी कॉलेज मैदान में होने वाली रैली की क्षमता 7000 है. छपरा हवाई अड्डा रैली की क्षमता 24000 है. पूर्वी चंपारण गांधी मैदान में होने वाली रैली की क्षमता 20000 है. समस्तीपुर हाउसिंग बोर्ड रैली की क्षमता 36000 है. पश्चिम चंपारण भूतनाथ कॉलेज की रैली की क्षमता 15000 है. सहरसा पटेल मैदान रैली की क्षमता 30,000 है और फारबिसगंज मैं हवाई अड्डा के पास होने वाली रैली की क्षमता 60 हजार है.

पटना: प्रधानमंत्री की रैली के लिए बीजेपी और जदयू ने पूरी ताकत लगा दी है. 23 अक्टूबर को प्रधानमंत्री की रैली सासाराम, गया और भागलपुर में हो चुकी है. अब 28 अक्टूबर को दरभंगा, मुजफ्फरपुर और पटना में रैली होने जा रही है. इस रैली के माध्यम से 60 विधानसभा क्षेत्रों को कनेक्ट करने की कोशिश होगी.

इसी तरह 1 नवंबर को होने वाली छपरा, पूर्वी चंपारण और समस्तीपुर की रैली से 58 विधानसभा क्षेत्रों को कनेक्ट करने की कोशिश है.पश्चिम चंपारण, सहरसा और फारबिसगंज 3 नवंबर को होने वाली रैली से शेष विधानसभा क्षेत्रों को जोड़ने की कोशिश की जाएगी. प्रधानमंत्री की अब 9 जनसभाएं अभी होनी हैं. जिसमें अधिकांश कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद रहेंगे.

कोरोना को लेकर बरता जा रहा एहतियात
बता दें कि कोरोना महामारी के समय प्रधानमंत्री की रैली को लेकर विशेष एहतियात बरता जा रहा है. चुनाव आयोग के गाइडलाइन का पालन करने की कोशिश भी हो रही है. इस बार प्रधानमंत्री की बड़ी रैलियां नहीं हो रही हैं. 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 रैलियां की थी और सभी बड़ी रैलियां थी. इस बार प्रधानमंत्री केवल 12 रैली कर रहे हैं और उसमें भी जो लोग आ रहे हैं उसकी संख्या तय की गई है.

पीएम के आगामी कार्यक्रम
आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री की जो रैलियां होनी हैं. उसमें दरभंगा हवाई अड्डा के पास होने वाली रैली में 27 हजार की क्षमता है. मुजफ्फरपुर पताही हवाई अड्डा के पास 40,000 की क्षमता है. पटना वेटनरी कॉलेज मैदान में होने वाली रैली की क्षमता 7000 है. छपरा हवाई अड्डा रैली की क्षमता 24000 है. पूर्वी चंपारण गांधी मैदान में होने वाली रैली की क्षमता 20000 है. समस्तीपुर हाउसिंग बोर्ड रैली की क्षमता 36000 है. पश्चिम चंपारण भूतनाथ कॉलेज की रैली की क्षमता 15000 है. सहरसा पटेल मैदान रैली की क्षमता 30,000 है और फारबिसगंज मैं हवाई अड्डा के पास होने वाली रैली की क्षमता 60 हजार है.

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