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पटना के आनंदपुरी में कोयंबटूर के आदि योगी के तर्ज पर बन रहा वाटरप्रूफ पंडाल

राजधानी पटना में दुर्गा पूजा के दौरान पूजा पंडाल प्रमुख आकर्षण (Durga Puja Festival 2022) केंद्र होते हैं. राज्य के दूरदराज इलाके से लोग पटना पूजा पंडाल घूमने के लिए आते हैं. यहां दुर्गा पूजा के मौके पर अलग-अलग जगह पर विभिन्न शैली में आकर्षक पूजा पंडाल बनाए जाते हैं. इस बार भी दुर्गा पूजा को लेकर विशेष तैयारी चल रही है. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Sep 17, 2022, 7:23 PM IST

Updated : Sep 17, 2022, 7:47 PM IST

पटना में दुर्गापूजा की तैयारियां
पटना में दुर्गापूजा की तैयारियां

पटना: अब दुर्गा पूजा में गिनती के दिन शेष रह गए हैं. ऐसे में राजधानी पटना के हर इलाके में दुर्गा पूजा को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल (Preparations For Durga Puja in Patna) रही है. पटना के आनंदपुरी चौराहे पर इस बार कोयंबटूर के आदि योगी के तर्ज पर 50 फीट ऊंचा वाटरप्रूफ पंडाल तैयार किया जा रहा है. यह पूजा पंडाल पटना आर्ट्स कॉलेज के छात्र राजेश और सोनू की टीम मिलकर तैयार कर रही है.

यह भी पढ़ें: यहां होती है चलती ट्रेन में भगवान विश्वकर्मा की पूजा, जानिए क्या है परंपरा

1001 हाथों वाली माता दुर्गा होंगी स्थापित: इस पूजा पंडाल में 1001 हाथों वाली मां दुर्गा की मूर्ति तैयार की जा रही है. जो आशीर्वादी मुद्रा में दिखेंगी. पूजा पंडाल में देवी देवताओं की मूर्ति का निर्माण कोलकाता के कारीगर सोमनाथ पाल और उनकी टीम द्वारा किया जा रहा है. सोमनाथ पाल ने बताया कि 15 से 16 दिन के अंदर वह मूर्ति तैयार कर लेते हैं. इस बार बारिश के वजह से मूर्ति तैयार करने में थोड़ी परेशानी आ रही है. उन्होंने कहा कि अगर मौसम खिलता है और धूप उगता है तो 10 से 12 दिन के अंदर पंडाल के अंदर सभी देवी देवताओं की मूर्ति तैयार कर लेंगे.

यह भी पढ़ें: Vishwakarma Jayanti 2022 पर जानिए पाताल भुवनेश्वर गुफा में निर्मित कुंड का महत्व

40 वर्षों से दुर्गा पूजा का हो रहा आयोजन: श्री विजय वाहिनी दुर्गा पूजा समिति की ओर से यहां बीते 40 वर्षों से दुर्गा पूजा का आयोजन होते रहा है. पूजा समिति के अध्यक्ष संतोष कुमार ने बताया कि 1982 में यहां पहली बार मूर्ति स्थापित की गई थी. उसके बाद से हर साल दशहरा में यहां माता दुर्गा की मूर्ति स्थापित की जाती है. यहां का पूजा पंडाल हमेशा से पटना में एक अलग आकर्षण का केंद्र बनता है. उन्होंने बताया कि इस बार प्लास्टर ऑफ पेरिस से आदियोगी का 50 फीट ऊंचा प्रतिरूप पंडाल के रूप में निर्माण किया जा रहा है.

10 से 12 लाख रुपये आएगा पंडाल पर खर्च: पूजा समिति के अध्यक्ष ने बताया कि आदियोगी का 50 फीट ऊंचा प्रतिरूप पंडाल से लेकर मूर्ति के निर्माण तक में लगभग 10 से 12 लाख रुपए का खर्च हो रहा है. उन्होंने बताया कि इस बार 1001 हाथों वाली मां दुर्गा की मूर्ति तैयार की जा रही है, जो लोगों को आशीर्वाद देंगी. इसके अलावा झूले पर माता सरस्वती और माता लक्ष्मी की मूर्ति तैयार की जा रही है, जो आनंद की मुद्रा में होंगी.

उन्होंने कहा कि 2 साल बाद कोरोना से जनजीवन सामान्य हुआ है, इसलिए इस समय मां दुर्गा के आशीर्वाद की विशेष आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि इसके अलावा बोरिंग कैनाल रोड से आनंदपुरी चौराहे तक के लगभग 450 मीटर के सड़क पर इस बार विशेष प्रकार की लाइटिंग से सजावट की जाएगी. यह लाइटिंग भी लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहेगा.


"इस बार एक महीना पहले ही दुर्गा पूजा आ गया है. ऐसे में इस बात को ध्यान में रखकर वाटरप्रूफ पंडाल बनाया जा रहा है. इस बार कोयंबटूर के आदि योगी के तर्ज पर 50 फीट ऊंचा वाटरप्रूफ पंडाल तैयार किया जा रहा है. वहीं 1001 हाथों वाली माता दुर्गा की प्रतिमा स्थापित किया जा रहा है, जो आशीर्वाद देने की मुद्रा में नजर आएंगी. पंडाल का निर्माण आर्ट्स कॉलेज के छात्र कर रहे हैं. मूर्ति का निर्माण के लिए कोलकत्ता के कारीगर विशेष तौर पर आएं हैं" - संतोष कुमार, अध्यक्ष, पूजा समिति

पटना: अब दुर्गा पूजा में गिनती के दिन शेष रह गए हैं. ऐसे में राजधानी पटना के हर इलाके में दुर्गा पूजा को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल (Preparations For Durga Puja in Patna) रही है. पटना के आनंदपुरी चौराहे पर इस बार कोयंबटूर के आदि योगी के तर्ज पर 50 फीट ऊंचा वाटरप्रूफ पंडाल तैयार किया जा रहा है. यह पूजा पंडाल पटना आर्ट्स कॉलेज के छात्र राजेश और सोनू की टीम मिलकर तैयार कर रही है.

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1001 हाथों वाली माता दुर्गा होंगी स्थापित: इस पूजा पंडाल में 1001 हाथों वाली मां दुर्गा की मूर्ति तैयार की जा रही है. जो आशीर्वादी मुद्रा में दिखेंगी. पूजा पंडाल में देवी देवताओं की मूर्ति का निर्माण कोलकाता के कारीगर सोमनाथ पाल और उनकी टीम द्वारा किया जा रहा है. सोमनाथ पाल ने बताया कि 15 से 16 दिन के अंदर वह मूर्ति तैयार कर लेते हैं. इस बार बारिश के वजह से मूर्ति तैयार करने में थोड़ी परेशानी आ रही है. उन्होंने कहा कि अगर मौसम खिलता है और धूप उगता है तो 10 से 12 दिन के अंदर पंडाल के अंदर सभी देवी देवताओं की मूर्ति तैयार कर लेंगे.

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40 वर्षों से दुर्गा पूजा का हो रहा आयोजन: श्री विजय वाहिनी दुर्गा पूजा समिति की ओर से यहां बीते 40 वर्षों से दुर्गा पूजा का आयोजन होते रहा है. पूजा समिति के अध्यक्ष संतोष कुमार ने बताया कि 1982 में यहां पहली बार मूर्ति स्थापित की गई थी. उसके बाद से हर साल दशहरा में यहां माता दुर्गा की मूर्ति स्थापित की जाती है. यहां का पूजा पंडाल हमेशा से पटना में एक अलग आकर्षण का केंद्र बनता है. उन्होंने बताया कि इस बार प्लास्टर ऑफ पेरिस से आदियोगी का 50 फीट ऊंचा प्रतिरूप पंडाल के रूप में निर्माण किया जा रहा है.

10 से 12 लाख रुपये आएगा पंडाल पर खर्च: पूजा समिति के अध्यक्ष ने बताया कि आदियोगी का 50 फीट ऊंचा प्रतिरूप पंडाल से लेकर मूर्ति के निर्माण तक में लगभग 10 से 12 लाख रुपए का खर्च हो रहा है. उन्होंने बताया कि इस बार 1001 हाथों वाली मां दुर्गा की मूर्ति तैयार की जा रही है, जो लोगों को आशीर्वाद देंगी. इसके अलावा झूले पर माता सरस्वती और माता लक्ष्मी की मूर्ति तैयार की जा रही है, जो आनंद की मुद्रा में होंगी.

उन्होंने कहा कि 2 साल बाद कोरोना से जनजीवन सामान्य हुआ है, इसलिए इस समय मां दुर्गा के आशीर्वाद की विशेष आवश्यकता है. उन्होंने बताया कि इसके अलावा बोरिंग कैनाल रोड से आनंदपुरी चौराहे तक के लगभग 450 मीटर के सड़क पर इस बार विशेष प्रकार की लाइटिंग से सजावट की जाएगी. यह लाइटिंग भी लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहेगा.


"इस बार एक महीना पहले ही दुर्गा पूजा आ गया है. ऐसे में इस बात को ध्यान में रखकर वाटरप्रूफ पंडाल बनाया जा रहा है. इस बार कोयंबटूर के आदि योगी के तर्ज पर 50 फीट ऊंचा वाटरप्रूफ पंडाल तैयार किया जा रहा है. वहीं 1001 हाथों वाली माता दुर्गा की प्रतिमा स्थापित किया जा रहा है, जो आशीर्वाद देने की मुद्रा में नजर आएंगी. पंडाल का निर्माण आर्ट्स कॉलेज के छात्र कर रहे हैं. मूर्ति का निर्माण के लिए कोलकत्ता के कारीगर विशेष तौर पर आएं हैं" - संतोष कुमार, अध्यक्ष, पूजा समिति

Last Updated : Sep 17, 2022, 7:47 PM IST
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