पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सात निश्चय योजना पर विपक्ष लगातार आरोप लगाते आ रहा है. पिछले दिनों के विशेष शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष ने सात निश्चय योजना को लेकर कई आरोप लगाए. चुनाव के दौरान एनडीए के घटक दल लोजपा प्रमुख चिराग पासवान ने सात निश्चय योजना को भ्रष्टाचार का अड्डा तक कह दिया था.
वहीं, सुशासन का दावा करने वाले नीतीश कुमार विपक्ष को एक बार फिर जवाब देने की तैयारी में जुट गए हैं. इस संबंध में संबंधित तमाम विभागों के आला अफसरों को योजनाओं की जांच रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है.
अधिकारियों को जांच रिपोर्ट देने का निर्देश
मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सात निश्चय योजना के तहत आने वाले तमाम विभागों के प्रधान सचिव और सचिव स्तर के अधिकारियों को जांच रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. इस जांच रिपोर्ट में योजना की वर्तमान स्थिति और पिछले सालों में हुए तमाम कार्यों की पूरी समीक्षा होगी. साथ ही कहीं किसी तरह की गड़बड़ी होगी तो रिपोर्ट में उसका भी उल्लेख करना अनिवार्य होगा. नीतीश सरकार गड़बड़ी करने वाले अफसरों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई करने के मूड में है. इस संबंध में मुख्य सचिव ने जिलों के अधिकारी और योजनाओं की जांच करने वाली कमेटी से भी रिपोर्ट मांगी है, ताकि योजना की धरातल पर क्या स्थिति है इसकी सही जानकारी प्राप्त हो सके.
भ्रष्टाचार करने वालों पर होगी कार्रवाई
बता दें कि नीतीश कुमार ने सात निश्चय पार्ट 2 के तहत काम शुरू करने के लिए कार्य योजना बनाने का निर्देश दिया है. चुनाव के दौरान सात निश्चय में काम करने वाले कई ठेकेदारों के ठिकानों पर छापेमारी कर करोड़ों रुपये बरामद किए गए थे. वहीं, सरकार के रवैये से साफ दिख रहा है कि योजनाओं में घोटाला और भ्रष्टाचार करने वाले लोगों पर सरकार कार्रवाई करेगी.