पटना: बिहार में कोरोना के मामले जिस तरह से बढ़ रहे हैं, ये सभी के लिए चिंता का विषय बन गया है. प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मरीजों के चलते स्वास्थ्य विभाग ने पुख्ता बंदोबस्त कर रखे हैं. स्वास्थ्य विभाग ज्यादा से ज्यादा कोरोना टेस्टिंग कराने पर जोर दे रहा है. संक्रमितों को आइसोलेट किया जा रहा है.
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कोरोना से लड़ाई में पीएमसीएच तैयार
कोरोना के बढ़ते संक्रमण के चलते बिहार के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं. पीएमसीएच में की गई व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी देते हुए अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आईएस ठाकुर ने कहा कि अस्पताल में सभी आपात स्थिति के लिए मुकम्मल व्यवस्था कर ली गई हैं. पीएमसीएच में कोरोना मरीजों के लिए अलग से 100 बेड का कोविड-19 डेडीकेटेड सेंटर बना हुआ है.
36 बेड का कोरोना डेडीकेटेड वार्ड
हालांकि, पिछले दिनों जब संक्रमण के मामले कम हो गए थे और अस्पताल में एडमिट एक्टिव मरीजों की संख्या एक से दो रह गई थी, ऐसे में कोविड वार्ड में बेड की संख्या घटाकर 36 कर दी गई. वर्तमान समय में 36 बेड का कोरोना डेडीकेटेड वार्ड पीएमसीएच में एक्टिव है और यहां मरीज भी एडमिट है.
26 बेड पर वेंटिलेटर की सुविधा
26 बेड पर वेंटिलेटर की सुविधा है इसके अलावा ईसीजी मशीन, डायलिसिस, अल्ट्रासाउंड, पोर्टेबल एक्सरे इत्यादि जितनी भी जरूरी सुविधाएं हैं सभी उपलब्ध हैं. कोविड-19 डेडीकेटेड वार्ड में पाइप लाइन से ऑक्सीजन की सप्लाई है. ताकि, जरूरतमंद मरीज को अक्सीजन उपलब्ध हो सके. उन्होंने कहा कि अगर मरीजों की संख्या बढ़ती है तो फिर से इसे 100 बेड में कन्वर्ट कर दिया जाएगा.
''राजेंद्र सर्जिकल वार्ड में ही ग्राउंड फ्लोर पर कोविड-19 डेडीकेटेड वार्ड बना हुआ है और अस्पताल के अधीक्षक होने के साथ-साथ वह सर्जरी वार्ड के विभागाध्यक्ष भी हैं. ऐसे में मरीजों की संख्या बढ़ने पर अस्पताल में सर्जरी वार्ड के ग्राउंड फ्लोर को फिर से कोविड-19 वार्ड में तब्दील करने में कोई परेशानी नहीं होगी''- डॉ.आईएस ठाकुर, अधीक्षक, पीएमसीएच
50 स्वास्थ्य कर्मियों की कोरोना जांच
पीएमसीएच के अधीक्षक डॉ.आईएस ठाकुर ने कहा कि वर्तमान समय में जो कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं, उनमें से अधिकांश लोग होम आइसोलेशन में रहना पसंद कर रहे हैं और रह भी रहे हैं. विशेष परिस्थिति में ही लोग अस्पताल आना चाह रहे हैं. अस्पताल के कई डॉक्टर भी संक्रमित हुए हैं और वह होम आइसोलेशन में है. अस्पताल प्रबंधन लगातार उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रहा है. उन्होंने कहा कि बीते दिनों अस्पताल के गायनी विभाग में एक डॉक्टर संक्रमित पाई गई, ऐसे में बुधवार के दिन गायनी विभाग में तैनात लगभग 50 स्वास्थ्य कर्मियों का आरटीपीसीआर सैंपल जांच के लिए कलेक्ट करवा रहे हैं.
अलग से नहीं बनाए आइसोलेशन वार्ड
पिछले साल जब कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े थे, तब पीएमसीएच के सभी विभाग में अलग से आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया था. मगर इस बार ये नहीं किया गया है. अस्पताल के अधीक्षक डॉ.आईएस ठाकुर ने कहा कि पीएमसीएच का नया भवन बनना है और इसके लिए कई जगहों पर पुराना स्ट्रक्चर टूट रहा है ऐसे में अस्पताल में जगह की कमी है. यही वजह है कि सभी विभागों में अलग से आइसोलेशन वार्ड नहीं बनाए जा रहे हैं.
पीएमसीएच ने की एम्स से लाइजनिंग
ऑउन्होंने कहा कि इसके अलावा पीएमसीएच ने एम्स से लाइजनिंग की हुई है और अगर मरीजों की संख्या बढ़ती है या फिर कुछ अन्य जरूरत पड़ती है, तो वह पीएमसीएच से तुरंत मरीज को रेफर कर देते हैं. अस्पताल में एडमिट होने वाले सभी मरीजों की कोरोना जांच नहीं की जा रही है और जिनमें सिम्टम्स नजर आ रहे हैं, ऐसे मरीजों की ही कोरोना जांच हो रही है.
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पीएमसीएच में पुख्ता बंदोबस्त
इसके अलावा अगर ये लग रहा है कि किसी मरीज की कोरोना जांच कराना जरूरी है, उनकी ही जांच की जा रही है. अधीक्षक ने कहा कि अस्पताल में कोविड-19 वार्ड में पीपीई किट का उपयोग हो रहा है और अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में ग्लब्स, मास्क, पीपीई किट, सैनिटाइजर इत्यादि संसाधन उपलब्ध है. पीपीई किट जो कोविड-19 वार्ड के लिए जरूरी है, सरकार की तरफ से पर्याप्त मात्रा में पीएमसीएच में व्यवस्था करा दी गई है.
बिहार में बढ़ा कोरोना संक्रमण
बिहार में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में वृद्धि देखी जा रही है, हालांकि संक्रमणमुक्त होने की दर 98 प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है. शासन, प्रशासन लोगों से कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने की लगातार अपील कर रहा है.
बढ़ते कोरोना मरीजों ने बढ़ाई चिंता
बिहार में पिछले तीन दिनों में संक्रमण के बढ़ते आंकड़े से स्वास्थ्य विभाग भी चिंतित है. स्वास्थ्य चिभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो राज्य में मंगलवार को 29,924 नमूनों की जांच की गई जिसमें से 74 लोग संक्रमित पाए गए, जबकि सोमवार को 70,062 नमूनों की जांच की गई, जिसमें 239 संक्रमितों की पहचान की गई थी. इसी प्रकार रविवार को 65,104 नमूनों की जांच में 351 संक्रमितों की पुष्टि हुई थी.
दूसरे राज्यों से आए 60% कोरोना मरीज
विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, होली के दौरान अन्य राज्यों से लोग यहां पहुंचे हैं, जिस कारण कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी है. विभाग का दावा है कि कोरोना संक्रमितों में 60 फीसदी कोरोना संक्रमित दूसरे राज्यों से आने वाले हैं.
बिहार में कोरोना एक्टिव मरीजों का बढ़ा ग्राफ
आंकड़ों के मुताबिक राज्य में कोरोना संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर 98.86 प्रतिशत है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार 20 मार्च को 88, 21 मार्च को 126, 22 मार्च को 90, 23 मार्च को 111, 24 मार्च को 170, 25 मार्च को 258, 26 मार्च को 211, 27 मार्च को 195 मरीजों की पहचान की गई थी. राज्य में 20 मार्च को सक्रिय मरीजों की संख्या 472 थी, जो बढ़कर 30 मार्च को 1455 हो गई है.
रेलवे स्टेशनों पर रैंडम कोरोना जांच
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि होली के मौके पर राज्य में लौटने वाले लोगों की कोरोना जांच को लेकर सघन जांच अभियान चलाया गया है. इसके अलावा रेलवे स्टेशनों पर रैंडम कोरोना जांच की जा रही है.
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स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, 'लॉकडाउन की स्थिति नहीं'
इधर, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने अभी लॉकडाउन लगाने से इनकार करते हुए कहा कि बिहार की स्थिति ऐसी नहीं कि यहां लॉकडाउन लगाया जाए. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बुधवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि कोरोना के मामले बढ़े हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग सजग है.
'कोरोना जांच की संख्या बढ़ाई'
उन्होंने कहा कि राज्य में कई ऐसे इलाके हैं जहां कोरोना के प्रतिदिन एक हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. हालांकि, बिहार में अभी वैसी स्थिति नहीं है. उन्होंने कहा कि बिहार में अभी लॉकडाउन जैसी स्थिति नहीं आई है. उन्होंने कहा कि कोरोना जांच की संख्या लगातार बढ़ाई जा रही है.