पटना: लॉकडाउन के बाद उपजे हालातों के बाद बिहार सरकार के कृषि मंत्री फसल कटनी और अन्य कृषि कार्यों को लेकर चिंतित हैं. इसको लेकर उन्होंने कहा कि भारत बंद के कारण प्रदेश के किसानों से नहीं मिल पा रहा हूं. लेकिन सोशल मीडिया से वे अपने समर्थकों और किसानों से लगातार संपर्क में बने हुए हैं. उन्होंने बताया कि वे सोशल मीडिया के माध्यम से ही किसानों की जनसमस्याओं का सामाधान कर रहे हैं.
'किसानों के बेहतरी के लिए उठाए गए गई कदम'
कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने बताया कि ओलावृष्टि के बाद लॉकडाउन किसानों के लिए आफत की तरह है. हालांकि, किसानों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने किसानों के लिए कई अहम कदम उठाए. ओलावृष्टि से हुए नुकसान के बाद मुआवजे के लिए आवेदन की तिथि बढ़ा दी गई है. इसके अलावा किसानों के लिए परमिट जारी करने के आदेश भी दिए गए हैं.
धान क्रय के लिए बढ़ाई गई समय सीमा
प्रेम कुमार ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान कहा कि हम किसानों की समस्या सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों की सहायता से संग्रह कर रहे हैं. इसके बाद किसानों की परेशानियों पर हर संभव कार्य भी किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि कटनी के लिए पंजाब से हार्वेस्टर और ड्राइवर मंगाया जा रहा है. किसानों के हित के लिए सरकार ने परमिट जारी करने का फैसला लिया है. इसके अलावा आम और लीची में जो कीटनाशक की जरूरत होगी, उसके लिए दुकानें खुली रहेगी. किसानों की समस्याओं को देखते हुए यह भी सुनिश्चित किया गया है कि ओलावृष्टि से हुए नुकसान को लेकर मुआवजे के लिए किसान 30 अप्रैल तक आवेदन कर पाएंगे. इसके साथ ही धान क्रय की तारीख बढ़ाकर 30अप्रैल तक कर दिया गया है.