पटना: बिहार के राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल की टिप्पणी(piyush goyal remarks regarding bihar) 'इनका बस चले तो देश को बिहार ही बना दें' पर पलटवार किया, हालांकि मंत्री ने बाद में अपना बयान वापस ले लिया था. बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए किशोर ने कहा, आज बिहारी शब्द गाली जैसा हो गया है. यह शब्द गाली बन गया है. जब मंत्री (पीयूष गोयल) ने कहा तो आपको पता चला, जबकि अन्य राज्यों में बिहारियों का मतलब बेवकूफ मजदूर होता है.
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प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि, मंत्री को पता होना चाहिए कि बिहार ज्ञान की भूमि रही है. देवताओं को भी यहां आकर ज्ञान हुआ है. आज यहां के नेताओं ने इसे मजदूर बनाने की फैक्ट्री बना दिया है. ऐसा कहने वाले मंत्री को समझाना चाहिए कि बिहार ने संसद में एनडीए को 40 में से 39 सांसद दिए हैं.
''प्रधानमंत्री जब यहां आते हैं तो जनता के आगे झुकते हैं और जनता से मीठी-मीठी बातें करते हैं और वोट लेते हैं. फिर उनके मंत्री उसी बिहार का मजाक उड़ा रहे हैं. अब यह मेरी चिंता नहीं है कि मंत्री क्या कह रहे हैं, मेरी चिंता यह है कि बिहार को इतना सुंदर कैसे बनाया जाए कि कोई इसका मजाक न उड़ा सके.'' - प्रशांत किशोर, राजनीतिक रणनीतिकार
गोयल ने बिहार को लेकर टिप्पणी 20 दिसंबर को की थी जब आरजेडी नेता मनोज झा अतिरिक्त खर्च के लिए संसद की मंजूरी के लिए विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान बोल रहे थे. जैसा कि उन्होंने कहा कि सरकार को गरीबों और कॉर्पोरेट घरानों पर समान ध्यान देना चाहिए, गोयल ने जवाब दिया- इनका बस चले तो देश को बिहार बना दें.
गुरुवार को, मनोज झा ने कहा कि बिहार का अपमान पूरे देश का अपमान है, और मांग की कि गोयल अपने बयान के लिए माफी मांगें. बिहार के विपक्षी सदस्यों द्वारा उनकी आपत्तिजनक टिप्पणी का विरोध करने के बाद, राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल को अपना बयान वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा. गोयल ने सदन में कहा, मैं अपना बयान वापस लेता हूं. उन्होंने कहा कि उनका इरादा किसी को ठेस पहुंचाने का नहीं था.