मधुबनी: पदयात्रा पर निकले प्रशांत किशार ने मधुबनी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए महागठबंधन की सरकार पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने कहा कि ये लोग कहते हैं कि बड़े वर्ग की हकमारी हुई है. अगर ऐसा हुआ है तो इसके लिए जिम्मेदार भी तो यही लोग हैं, क्योंकि पिछले 35 सालों से लालू यादव और नीतीश कुमार की बिहार में शासन चल रहा है. पीके ने कहा कि वह जानना चाहते हैं कि आखिर क्यों आज भी पिछड़ापन है?
'..तो तुरंत नीतीश-तेजस्वी इस्तीफा दें': इस दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं पूछना चाहता हूं कि क्यों सभी महत्वपूर्ण विभागों पर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ही काबिज हैं. क्यों हर बार अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का मंत्री किसी मुसलमान को ही बनाया जाता है. पीके ने कहा कि तेजस्वी यादव क्यों पथ निर्माण मंत्री रहेंगे और नीतीश कुमार क्यों गृहमंत्री रहेंगे? क्यों नहीं किसी अल्पसंख्यक और पिछड़े को उस विभाग का मंत्री बना दिया जाए. मेरा सवाल है कि अगर किसी की हकमारी हुई तो तुरंत नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव को इस्तीफा दे देना चाहिए.
"अगर समाज का बड़ा वर्ग आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक तौर पर वंचित रह गया तो सवाल है कि आखिर लाभ किसे मिल रहा है, क्योंकि पिछले 35 साल से लालू और नीतीश जी सत्ता में रहे हैं. तेजस्वी यादव क्यों पथ निर्माण मंत्री रहेंगे और नीतीश कुमार क्यों गृहमंत्री रहेंगे? क्यों नहीं किसी अल्पसंख्यक और पिछड़े को उस विभाग का मंत्री बना दिया जाए? इसलिए अगर हकमारी हुई तो तुरंत नीतीश-तेजस्वी इस्तीफा दें"- प्रशांत किशोर, संयोजक, जन सुराज
'लालू के बेटे हैं इसलिए तेजस्वी डिप्टी सीएम': इस दौरान प्रशांत किशोर ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी पहचान सिर्फ इतनी ही है कि वह लालू प्रसाद के बेटे हैं. मैं डॉक्टर का बेटा हूं तो हर समय कहता हूं कि मैं डॉक्टर का बेटा हूं. मेरे दादाजी बैलगाड़ी चलाते थे लेकिन तेजस्वी यादव की पहचान सिर्फ यही है कि वह लालू यादव के बेटे हैं. इसके अलावा उनकी क्या पहचान है. ना खेल में और ना ही कोई दूसरी योग्यता है. नौवीं पास आदमी उप मुख्यमंत्री बना हुआ है, जबकि बिहार में नौवीं पास व्यक्ति को एक नौकरी भी नहीं मिल सकती.
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