पटना : तमिलनाडु में कथित रूप से बिहार के प्रवासी मजदूरों पर हमले को लेकर राजनीति गर्म है. सभी राजनेता अपनी तरह से राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं. ऐसे में भला प्रशांत किशोर कैसे पीछे रहते. जन सुराज पदयात्रा पर निकले प्रशांत किशोर ने एक वीडियो जारी किया है. पीके ने पूछा है कि हिंसा भड़काने वालों पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है.
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सेंथामिझन सीमान पर आरोप : प्रशांत किशोर ने तमिलनाडु के एक स्थानीय नेता के भाषण का वीडियो ट्वीट किया है. वीडियो में 'नाम तमिलर काची' पार्टी के प्रमुख सेंथामिझन सीमान लोगों को हिंदी भाषियों के खिलाफ हिंसा के लिए भड़का रहे हैं. वे कह रहे हैं, 'हिंदी भाषी लोग बदहवासी में अपना सामान पैक करके यहां से भागेंगे. मुझे नहीं पता, मैं कितनों को पीटूंगा. एक हफ्ते के अंदर वे अपना सामान बांध लेंगे.'
भड़काऊ बयान पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं? : प्रशांत किशोर ने इस वीडियो के साथ अंग्रेजी में एक कैप्शन लिखा है, जिसका हिंदी अनुवाद है, 'जिन लोगों ने नफरत और हिंसा फैलाने के लिए फेक वीडियो का इस्तेमाल किया, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए. लेकिन इससे वो लोग दोष मुक्त नहीं हो जाते जो खुलेआम तमिलनाडु में हिंदी भाषियों के खिलाफ हिंसा के लिए लोगों को भड़का रहे हैं. सेंथामिझन सीमान के इस भड़काऊ बयान पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं हो रही?'
बता दें कि प्रशांत किशोर इस मामले को लगातार उठा रहे हैं. पहले उन्होंने कहा था कि तेजस्वी यादव ने इस मसले पर विधानसभा में झूठ बोला है. यहां यह बताना भी जरूरी है कि तमिलनाडु सरकार और पुलिस ने साफ स्पष्ट किया है कि वहां कोई हिंसा नहीं हुई है. सभी लोग सुरक्षित हैं, यह सिर्फ अफवाह है. इधर बिहार में भी 4 लोगों पर मामला दर्ज हुआ है. जिसमें दो की गिरफ्तारी भी हो चुकी है.