पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर पूरे प्रदेश में राजनीतिक पार्टियों का चुनाव प्रचार जोर-शोर से जारी है. चुनाव प्रचार के लिए सबसे सशक्त माध्यम पोस्टर और बैनर होते हैं. इसी कारण से राजधानी पटना में सभी राजनीतिक दलों ने पार्टी के पोस्टर से शहर को पाट दिया है. इससे शहर की खूबसूरती गायब हो रही है.
इस तरह से राजधानी की सड़कों पर पोस्टर लगाने को लेकर नगर निगम की ओर से भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. पोस्टर लगाने को लेकर निगम अपनी लचारी गिना रहा है. पीएमसी के सशक्त स्थाई समिति सदस्य इंद्रदीप चंद्रवंशी ने बताया कि सरकार की ओर गजट जारी किया गया है कि किसी भी राजनीतिक पार्टी से बैनर और पोस्टर लगाए जाने के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाएगी. इस तरह से नगर निगम के हाथ बांध दिए गए हैं. राजनीतिक पार्टियों के लिए भी नियम कानून होने चाहिए.
'पैरामीटर के अनुसार ही लगाए जा रहे पोस्टर'
इस मामले को लेकर बीजेपी प्रवक्ता अजफर शम्सी ने कहा कि नगर निगम के पैरामीटर के आधार पर ही शहर में पोस्टर लगाए जा रहे हैं. निगम की परमिशन से ही पोस्टर लगाए जाते हैं. ऐसा राजनीतिक दल की ओर से कोई नियम नहीं जारी किया गया है.
'नियमों का करवाना चाहिए पालन'
शहर को पोस्टर से पाट देने के मामले को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है. आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि नगर निगम, शासन और प्रशासन राज्य सरकार के हाथों में है तो उन्हें नियमों का पालन करवाना चाहिए. बीजेपी और जेडीयू ने पोस्टर से शहर का क्या हाल किया है ये आप देखिए. महागठबंधन ने तो ऐसा नहीं किया है.