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BJP से छिन सकता है बिहार विधानसभा अध्यक्ष और विप सभापति का पद

बिहार की सत्ता से बेदखल हो चुकी भारतीय जनता पार्टी को अभी दो बड़े झटके लग सकते हैं. Speaker Vijay Kumar Sinha और विधान परिषद के सभापति Awadhesh Narayan Singh का पद भी उनके हाथ से जाना तय है.

बीजेपी से छिन सकता है बिहार विधानसभा अध्यक्ष का पद
बीजेपी से छिन सकता है बिहार विधानसभा अध्यक्ष का पद
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Published : Aug 13, 2022, 10:25 AM IST

पटना: बिहार में सरकार परिवर्तन के बाद जहां विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ सत्ता पक्ष अविश्वास प्राप्त का नोटिस दे रखा है, वहीं विधान परिषद के सभापति के पद (Chairman of Bihar Legislative Council) से भी बीजेपी को हाथ धोना पड़ सकता है. जेडीयू के बीजेपी का साथ छोड़कर महागठबंधन के साथ जाकर सरकार बनाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष पर आरजेडी ने अपनी दावेदारी पेश कर दी है.

ये भी पढ़ें: स्पीकर विजय सिन्हा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी, आरजेडी विधायक पहुंचे बिहार विधानसभा

आरजेडी कोटे से बनेगा स्पीकर: माना भी जाता है कि विधानसभा अध्यक्ष आरजेडी को मिलना तय है. ऐसे में अगर विधानसभा अध्यक्ष आरजेडी के पास जाता है तो विधान परिषद सभापति का पद जेडीयू के कोटे में जाना तय है. फिलहाल अवधेश नारायण सिंह विधान परिषद के कार्यकारी सभापति हैं. सिंह को नीतीश कुमार का करीबी माना जाता है, लेकिन सरकार परिवर्तन के बाद बीजेपी के हाथ से यह पद जाना तय हो गया है.

गुलाम गौस हो सकते हैं सभापति: बता दें कि संख्याबल के हिसाब से विधान परिषद में जेडीयू सबसे बड़ा दल है. विधानसभा में भी अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा का जाना तय माना जाता है. विधानसभा में संख्याबल के दृष्टिकोण से बीजेपी दूसरा सबसे बडा दल है. बिहार विधानसभा अध्यक्ष के रूप में आरजेडी के अवध बिहारी चौधरी के नाम की चर्चा है बल्कि परिषद के सभापति के तौर पर जेडीयू के गुलाम गौस की चर्चा है.

बिहार में बदला सियासी समीकरण: दरअसल, 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए की ओर से जेडीयू और बीजेपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था और बहुमत मिलने के बाद सरकार बनाई थी. लेकिन तीन दिन पूर्व नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने पलटी मारते हुए महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार बना ली, जिससे बिहार में सियासी समीकरण बदल गया है.

ये भी पढ़ें: विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा पर लटकी तलवार तो हरिवंश सिंह और अवधेश नारायण सिंह पर संशय

पटना: बिहार में सरकार परिवर्तन के बाद जहां विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के खिलाफ सत्ता पक्ष अविश्वास प्राप्त का नोटिस दे रखा है, वहीं विधान परिषद के सभापति के पद (Chairman of Bihar Legislative Council) से भी बीजेपी को हाथ धोना पड़ सकता है. जेडीयू के बीजेपी का साथ छोड़कर महागठबंधन के साथ जाकर सरकार बनाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष पर आरजेडी ने अपनी दावेदारी पेश कर दी है.

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आरजेडी कोटे से बनेगा स्पीकर: माना भी जाता है कि विधानसभा अध्यक्ष आरजेडी को मिलना तय है. ऐसे में अगर विधानसभा अध्यक्ष आरजेडी के पास जाता है तो विधान परिषद सभापति का पद जेडीयू के कोटे में जाना तय है. फिलहाल अवधेश नारायण सिंह विधान परिषद के कार्यकारी सभापति हैं. सिंह को नीतीश कुमार का करीबी माना जाता है, लेकिन सरकार परिवर्तन के बाद बीजेपी के हाथ से यह पद जाना तय हो गया है.

गुलाम गौस हो सकते हैं सभापति: बता दें कि संख्याबल के हिसाब से विधान परिषद में जेडीयू सबसे बड़ा दल है. विधानसभा में भी अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा का जाना तय माना जाता है. विधानसभा में संख्याबल के दृष्टिकोण से बीजेपी दूसरा सबसे बडा दल है. बिहार विधानसभा अध्यक्ष के रूप में आरजेडी के अवध बिहारी चौधरी के नाम की चर्चा है बल्कि परिषद के सभापति के तौर पर जेडीयू के गुलाम गौस की चर्चा है.

बिहार में बदला सियासी समीकरण: दरअसल, 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए की ओर से जेडीयू और बीजेपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था और बहुमत मिलने के बाद सरकार बनाई थी. लेकिन तीन दिन पूर्व नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने पलटी मारते हुए महागठबंधन के साथ मिलकर सरकार बना ली, जिससे बिहार में सियासी समीकरण बदल गया है.

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