पटना: बिहार की राजधानी पटना में वायु प्रदूषण अचनाक बढ़ गया है. दीपावली के पटाखों और ठंड के चलते राजधानी पटना में हवा प्रदूषित होती जा रही है. पटना का एयर क्वालिटी इंडेक्स 296 पार पहुंच गया है. आप अगर इतने AQI में सांस ले रहे हैं तो यकीन मानिए आप फेंफड़ों में हवा नहीं जहर खींच रहे हैं. आम तौर पर 0-50 एयर क्वालिटी इंडेक्स वाली हवा को ही उपयुक्त माना गया है. लेकिन 296 स्तर तक की हवा सांस लेने के लिए जानलेवा है.
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प्रदूषण के साथ ठंड भी बढ़ीः पटना की हवा दिवाली के बाद एक बार फिर खराब (Patna air quality polluted after Diwali) हो चुकी है. ठंड बढ़ने के साथ ही पटना में वायु प्रदूषण बढ़ना शुरू हो गया है. अब जब दीपावली खत्म हुई है, एयर क्वालिटी इंडेक्स 296 तक पहुंच गया है. दीपावली में जमकर आतिशबाजी होने के कारण राजधानी पटना की हवा प्रदूषित हो गई है. लोग अब राजधानी में प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर हैं. फिलहाल जो हालात राजधानी पटना सहित अन्य जगहों की देखी जा रही है. उससे यह स्पष्ट है कि कहीं न कहीं राजधानी पटना के लोग अभी भी दम घोंटू हवा में सांस ले रहे हैं. अब देखना यह है कि ठंड बढ़ने के साथ बढ़ रहे वायु प्रदूषण से पटना के लोगों को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कब तक निजात दिलाता है.
एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार को लेकर हो रहे हैं उपायः बिहार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लगातार राजधानी पटना सहित अन्य शहरों में वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने का दावा कर रहा है. नगर निगम द्वारा सड़क किनारे पानी की फागिंग भी करवाई जाती है. बावजूद इसके धूल कण की मात्रा लगातार हवा में बढ़ रही है. यही कारण है कि लगातार राजधानी पटना में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है. वैसे राजधानी पटना की बात करें तो सड़क पर जब डीजल चलित ऑटो और बस को बंद किया गया था तो वायु प्रदूषण के स्तर में काफी सुधार हुआ था. तब एयर क्वालिटी इंडेक्स 50 से भी नीचे पहुंच गया था. लेकिन, अचानक ठंड बढ़ने के साथ ही राजधानी पटना में वायु प्रदूषण इतना बढ़ गयी है कि राजधानी पटना के लोग अब दम घोटू हवा में सांस लेते नजर आ रहे हैं.
"पटना में एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार को लेकर कई उपाय किए जा रहे हैं. सड़क पर धूल कण नहीं हो इसको लेकर सुबह-शाम सड़क पर पानी का छिड़काव करवाया जाता है. खुले में निर्माण कार्य नहीं हो इसको लेकर भी पाबंदी है. सड़क के किनारे अंगीठी नहीं जलाया जाए. इसको लेकर भी पाबंदी है और अन्य उपायों पर भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लगातार काम कर रहा है" - अशोक कुमार घोष, अध्यक्ष, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड