पटना: बिहार में वर्ष 2018 से ही पॉलिथीन पर प्रतिबंध है. इसकी बिक्री, उपयोग और ट्रांसपोर्टेशन पर भी पाबंदी है. पाबंदी के बाद कुछ दिनों तक इसका असर भी देखने को मिला, लोग कपड़े की थैली का इस्तेमाल करने लगे. लेकिन लॉक डाउन के बीच एक बार फिर पॉलिथीन का उपयोग धड़ल्ले से हो रहा है.
पॉलिथीन पर प्रतिबंध लगाने के कुछ दिनों तक यह व्यवस्था चली. लोग प्लास्टिक की बजाए कपड़े की थैलियों का इस्तेमाल करने लगे. लॉक डाउन के दौरान एक बार फिर से पॉलिथीन का धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है. विशेष रुप से पटना के सब्जी बाजार और किराना दुकानों में भी पॉलिथीन का जमकर यूज हो रहा है. दुकानदार सवाल पूछने पर एक-दूसरे पर दोषारोपण कर रहे हैं. वहीं, हम पार्टी नेता विजय यादव का कहना है कि सरकार के जानकारी में पॉलिथीन का प्रोडक्शन होता है. लेकिन कार्रवाई करने के बजाय जिला प्रशासन गरीब दुकानदारों पर जुर्माना लगाता है.
कानून लागू करवाना प्रशासन का काम
वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने बताया कि इसके लिए नियम बनाया गया है. जबकि लागू करने की जिम्मेदारी नगर विकास विभाग और स्थानीय जिला प्रशासन की है. उन्होंने कहा कि लोगों को पॉलिथीन के दुष्परिणाम और पर्यावरण के बारे में सोचना पड़ेगा. जुर्माना लगाने और दंड देने से सिर्फ कानून का अनुपालन नहीं हो सकता है.