पटना: पर्यावरण को लेकर सरकार काफी चिंतित है. प्रदूषण कम करने के लिए केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार कई कोशिशें कर रही हैं. पॉलिथीन पर पूरी तरह से बैन भी लग चुके हैं. लेकिन, राजधानी की सड़कों पर सरेआम इस सरकारी आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.
बता दें कि राज्य में बढ़ते पॉल्यूशन को कम करने के लिए राज्य सरकार ने पिछले 6 महीनों से बिहार में पॉलिथीन बैन किया हुआ है. इसे लेकर सरकार ने बड़े व्यापक तौर पर विज्ञापन भी निकाला हुआ था. ताकि लोगों को जागरूक किया जा सके. हर जिले में जिला प्रशासन और नगर निगम की टीम ने भी पॉलिथीन उपयोग करने वालों और बेचने वालों के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ था.
दुकानदार और खरीदार दोनों जिम्मेदार
मौजूदा समय में हालात पहले जैसी ही दिखाई पड़ रही है. लोगों को ना प्रशासन का भय है ना जुर्माने का. साथ ही खरीदारी करने वाले ग्राहक भी विरोध करते नहीं दिख रहे हैं. पटना के मेन मार्केट और चौराहों पर खुलेआम पॉलिथीन का उपयोग देखा जा सकता है. दुकानदारों का कहना है कि पॉलिथीन का विकल्प उनके बजट में नहीं है तो वहीं, ग्राहक कहते हैं कि अगर दुकानदार पॉलिथीन में ही सामान दे रहा है तो हम क्या करें? हालांकि उन्होंने यह बातें कैमरे पर बोलने से इंकार कर दिया.
'सरकार से हो रही चूक'
बहरहाल, सरकार का कोई भी अभियान इसलिए सफल नहीं होता है क्योंकि कर्मचारी कुछ दिनों तक ही हरकत में रहते हैं. धीरे-धीरे कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है. एक अभियान और योजना को पूरा किए बिना सरकार दूसरी योजनाओं और अभियानों की प्लानिंग में जुट जाती है. नतीजतन हाल पहले जैसा हो जाता है.