मसौढ़ी: पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए पूरे देश भर में कई तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. 5 जून को पर्यावरण को संतुलित रखने, हरियाली लगाने तमाम संदेशों के साथ पूरे देश भर में पर्यावरण दिवस मनाया गया. ऐसे में राजधानी पटना से सटे नगर परिषद मसौढ़ी की एक तस्वीर देखने को मिली है, जहां पर पर्यावरण को सुरक्षित और संरक्षित रखने की बजाय पूरे वातावरण में जहरीली हवा घोलने की कोशिश की जा रही है. यहां ना केवल पूरे शहर के कूड़े को डंप किया जा रहा है, बल्कि उसे जलाया भी जा रहा है.
पढ़ें-Gaya News: नक्सल इलाके में स्वच्छता की बयार, बजने लगी सीटी.. डोर टू डोर उठने लगा कचरा
ग्रामीणों की बढ़ी परेशानी: कूड़ा जलाने के कारण इससे निकलने वाली जहरीली गैस लोगों के फेफड़ों में जाकर असर करना शुरू कर देती है. जिससे लोगों को कई कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. देखा जाए तो वातावरण को सुरक्षित और संरक्षित करने की बजाए यहां लोगों को बीमार करने की कोशिश की जा रही है. यह लापरवाही नहीं है तो क्या है? ऐसे में इसके प्रति लोगों को संजीदा होने की बेहद जरूरत है, तभी अपने आसपास के वातावरण को साफ सुथरा रखा जा सकता है.
सांस लेने में हो रही तकलीफ: वहीं नगर परिषद प्रशासन की एक बड़ी लापरवाही देखी जा रही है,. जहां पर कूड़ा डंपिंग कर उसे जला दिया जा रहा है. इससे निकले वाला धुंआ रास्ते से गुजर रहे और आसपास के लोगों के लिए एक परेशानी का सबब बन गया है. हर कोई मास्क लगाकर कर चलने को विवश है. बढ़ते प्रदूषण से लोगों को सांस लेने में दिक्कत आ रही है. साथ ही छोटे बच्चों के लिए भी ये माहौल काफी हानिकारक है. गांव के कारू सिंह ने बताया कि नगर परिषद का काम है स्वच्छता बनाए रखना, लेकिन यहां उल्टा है. यहां कचरा लाकर जलाया जा रहा है. जिससे सांस से संबंधित कई तरह की परेशानी हो रही है.
"नगर परिषद का काम है स्वच्छता बनाए रखना लेकिन यहां उल्टा है. यहां कचरा लाकर जलाया जा रहा है. जिससे सांस से संबंधित कई तरह की परेशानी हो रही है."-कारू सिंह, ग्रामीण