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बाढ़ के बाद अब बिहार में सुखाड़ पर गरमाई सियासत, पक्ष-विपक्ष की बयानबाजी तेज

बिहार के विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि सरकार केवल मीटिंग और प्रचार करने में व्यस्त है. प्रदेश के किसानों को मदद नहीं मिल रही है.

नेताओं की प्रतिक्रिया
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Published : Aug 30, 2019, 11:05 PM IST

पटना: इस साल प्रदेश ने बाढ़ और सुखाड़ दोनों का दंश झेला है. एक तरफ जहां लगभग 13 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए तो वहीं, दूसरी तरफ कई जिलों में सुखाड़ की नौबत है. खासकर मगध के कई जिले सुखाड़ से जूझ रहे हैं. सरकार ने सूखाग्रस्त पंचायतों का सर्वेक्षण कराकर आकलन करने का निर्देश दिया है.

कृषि मंत्री प्रेम कुमार के अनुसार एक सप्ताह में सर्वेक्षण रिपोर्ट आ जाएगी. उसके बाद राहत का काम चलेगा. केंद्र सरकार को भी सूखे से निपटने के लिए रिपोर्ट भेजकर मदद मांगी जाएगी. लेकिन, बिहार के विपक्षी दल कह रहे हैं कि सरकार केवल मीटिंग और प्रचार करने में व्यस्त है. प्रदेश के किसानों को मदद नहीं मिल रही है.

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सरकार कर रही मीटिंग

कांग्रेस का कटाक्ष
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी तो ऐसी परिस्थिति में कुछ ना कुछ मदद पैकेज देती थी. लेकिन, अब जब डबल इंजन की सरकार है तो अभी तक कुछ नहीं मिला है. कांग्रेस के नेता सदानंद सिंह ने कहा है कि डबल इंजन की सरकार का आगे का इंजन कमजोर है और पीछे का इंजन बंद ही पड़ा है.

आरजेडी और हम ने भी उठाए सवाल
वहीं, आरजेडी और हम का कहना है कि बिहार सरकार केवल बैठक और प्रचार में व्यस्त है. वास्तव में किसानों को कुछ मदद नहीं मिल रही है. खासकर मगध इलाके में कई जिले सुखाड़ से जूझ रहे हैं. लेकिन, सरकार मूकदर्शक बनी हुई है. जब समय बीत जाएगा तो मदद लेकर क्या करेंगे.

  • फिल्म शूटिंग प्रमोशन नीति का निर्माताओं ने किया स्वागत, कहा- यह सराहनीय कदम है#BiharNews #ETVbharat
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रिपोर्ट आने के बाद पहुंचाएंगे मदद
कृषि मंत्री के अनुसार बिहार में एक दर्जन से अधिक जिले इस बार सुखाड़ से ग्रसित हैं. पिछले साल भी दो दर्जन जिलों के 280 प्रखंडों में सूखा पड़ा था. सरकार ने 14 लाख से अधिक किसानों को 900 करोड़ से अधिक की राशि सहायता में दी थी. इस बार भी सुखाड़ को लेकर सर्वेक्षण किया जा रहा है. अधिकारियों को पंचायत स्तर पर सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया है. एक सप्ताह में पूरी रिपोर्ट सरकार के पास आ जाएगी और फिर सरकार उस पर विचार करके यहां राहत कार्य चलाएगी.

नेताओं की प्रतिक्रिया

पिछले साल केंद्र सरकार ने की थी मदद
प्रेम कुमार ने कहा है कि नरेंद्र मोदी की सरकार हमेशा बिहार को मदद करती रही है. 2017 में खुद प्रधानमंत्री बिहार आए थे. अभी बिहार सरकार डीजल में अनुदान दे रही है. साथ ही बीज को लेकर भी कृषि विभाग की ओर से मदद पहुंचाई जा रही है. बता दें कि बिहार सरकार ने बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र को 27दद करोड़ की मांग की है. केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय टीम अभी बिहार में जायजा लेने आई है. उसके रिपोर्ट के आधार पर ही बिहार को मदद मिलेगी.

पटना: इस साल प्रदेश ने बाढ़ और सुखाड़ दोनों का दंश झेला है. एक तरफ जहां लगभग 13 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए तो वहीं, दूसरी तरफ कई जिलों में सुखाड़ की नौबत है. खासकर मगध के कई जिले सुखाड़ से जूझ रहे हैं. सरकार ने सूखाग्रस्त पंचायतों का सर्वेक्षण कराकर आकलन करने का निर्देश दिया है.

कृषि मंत्री प्रेम कुमार के अनुसार एक सप्ताह में सर्वेक्षण रिपोर्ट आ जाएगी. उसके बाद राहत का काम चलेगा. केंद्र सरकार को भी सूखे से निपटने के लिए रिपोर्ट भेजकर मदद मांगी जाएगी. लेकिन, बिहार के विपक्षी दल कह रहे हैं कि सरकार केवल मीटिंग और प्रचार करने में व्यस्त है. प्रदेश के किसानों को मदद नहीं मिल रही है.

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सरकार कर रही मीटिंग

कांग्रेस का कटाक्ष
कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी तो ऐसी परिस्थिति में कुछ ना कुछ मदद पैकेज देती थी. लेकिन, अब जब डबल इंजन की सरकार है तो अभी तक कुछ नहीं मिला है. कांग्रेस के नेता सदानंद सिंह ने कहा है कि डबल इंजन की सरकार का आगे का इंजन कमजोर है और पीछे का इंजन बंद ही पड़ा है.

आरजेडी और हम ने भी उठाए सवाल
वहीं, आरजेडी और हम का कहना है कि बिहार सरकार केवल बैठक और प्रचार में व्यस्त है. वास्तव में किसानों को कुछ मदद नहीं मिल रही है. खासकर मगध इलाके में कई जिले सुखाड़ से जूझ रहे हैं. लेकिन, सरकार मूकदर्शक बनी हुई है. जब समय बीत जाएगा तो मदद लेकर क्या करेंगे.

  • फिल्म शूटिंग प्रमोशन नीति का निर्माताओं ने किया स्वागत, कहा- यह सराहनीय कदम है#BiharNews #ETVbharat
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रिपोर्ट आने के बाद पहुंचाएंगे मदद
कृषि मंत्री के अनुसार बिहार में एक दर्जन से अधिक जिले इस बार सुखाड़ से ग्रसित हैं. पिछले साल भी दो दर्जन जिलों के 280 प्रखंडों में सूखा पड़ा था. सरकार ने 14 लाख से अधिक किसानों को 900 करोड़ से अधिक की राशि सहायता में दी थी. इस बार भी सुखाड़ को लेकर सर्वेक्षण किया जा रहा है. अधिकारियों को पंचायत स्तर पर सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया है. एक सप्ताह में पूरी रिपोर्ट सरकार के पास आ जाएगी और फिर सरकार उस पर विचार करके यहां राहत कार्य चलाएगी.

नेताओं की प्रतिक्रिया

पिछले साल केंद्र सरकार ने की थी मदद
प्रेम कुमार ने कहा है कि नरेंद्र मोदी की सरकार हमेशा बिहार को मदद करती रही है. 2017 में खुद प्रधानमंत्री बिहार आए थे. अभी बिहार सरकार डीजल में अनुदान दे रही है. साथ ही बीज को लेकर भी कृषि विभाग की ओर से मदद पहुंचाई जा रही है. बता दें कि बिहार सरकार ने बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र को 27दद करोड़ की मांग की है. केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय टीम अभी बिहार में जायजा लेने आई है. उसके रिपोर्ट के आधार पर ही बिहार को मदद मिलेगी.

Intro:पटना-- बिहार में एक तरफ कई जिले बाढ़ से प्रभावित हुये हैं तो वहीं 1 दर्जन से अधिक जिले सूखा से भी ग्रस्त हैं । खासकर मगध के कई जिले सूखाड़ से जूझ रहे हैं। सरकार ने सूखाग्रस्त पंचायतों का सर्वेक्षण कराकर आकलन करने का निर्देश दिया है कृषि मंत्री प्रेम कुमार के अनुसार 1 सप्ताह में सर्वेक्षण रिपोर्ट आ जाएगा और उसके बाद राहत का काम चलेगा केंद्र सरकार को भी सूखा से निपटने के लिए रिपोर्ट भेज कर मदद मांगी जाएगी। लेकिन बिहार के विपक्षी दल कह रहे हैं कि सरकार केवल मीटिंग और प्रचार करने में व्यस्त है किसानों को मदद मिल नहीं रहा है। कांग्रेस का तो यहां तक कहना है कि जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी तो कुछ ना कुछ ऐसी स्थिति में मदद के लिए पैकेज मिल जाता था । अब डबल इंजन की सरकार में अभी तक कुछ नहीं मिला है।
पेश है खास रिपोर्ट--


Body:कृषि मंत्री के अनुसार बिहार में 1 दर्जन से अधिक है जिले इस बार सुखाड़ से भी जूझ रहे हैं। पिछले साल भी दो दर्जन जिले के 280 प्रखंड में सूखा पड़ा था और सरकार ने 14 लाख से अधिक किसानों को 900 करोड़ से अधिक की राशि सहायता में दी थी। इस बार भी सुखाड़ को लेकर सर्वेक्षण किया जा रहा है अधिकारियों को पंचायत स्तर पर सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया गया है और 1 सप्ताह में पूरी रिपोर्ट सरकार के पास आ जाएगी और फिर सरकार उस पर विचार करके यहां राहत चलाएगी। और केंद्र सरकार को भी वह रिपोर्ट भेजी जाएगी। लेकिन
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह का कहना है कि बिहार में जब भी बाढ़ और सुखाड़ की स्थिति हुई है पूर्व की सरकारों ने तुरंत पैकेज के रूप में मदद दिया है लेकिन अब तक केंद्र की सरकार से कोई मदद बिहार को नहीं मिली है कहने के लिए डबल इंजन की सरकार है आगे का इंजन कमजोर है और पीछे का इंजन तो बंद ही पड़ा है।
बाईट--सदानंद सिंह, कांग्रेस वरिष्ठ नेता।
आरजेडी और हम का कहना है बिहार सरकार केवल बैठक और प्रचार में व्यस्त है किसानों को कुछ मदद मिल नहीं रहा है खासकर मगध में तो कई जिले सुखार से जूझ रहे हैं जो सक्षम हैं वही बिचड़ा डाले थे।
बाइट्स-- भाई वीरेंद्र, आरजेडी वरिष्ठ नेता
संतोष सुमन, हम संसदीय दल नेता।
कृषि मंत्री प्रेम कुमार का कहना है नरेंद्र मोदी की सरकार हमेशा बिहार को मदद करती रही है। 2017 में भी बार में खुद प्रधानमंत्री यहां आए थे। अभी डीजल में अनुदान बिहार सरकार दे रही है साथ ही बीज को लेकर भी कृषि विभाग की ओर से मदद पहुंचाई जा रही है।
बाईट--प्रेम कुमार, कृषि मंत्री


Conclusion:बिहार सरकार बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र को 27 सौ करोड़ की मांग की है और केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय टीम अभी बिहार में जायजा लेने आई है और उसके रिपोर्ट के आधार पर ही बिहार को मदद मिलेगा उसी तरह सुखाड़ पर भी बिहार सरकार जल्द ही केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजेगी कृषि मंत्री के अनुसार 1 सप्ताह के अंदर रिपोर्ट आने के बाद केंद्र को भेजने की तैयारी भी शुरू हो जाएगी। कृषि मंत्री का यह भी कहना है नरेंद्र मोदी की सरकार पहले भी पिछले बिहार को पर्याप्त मदद दिया था इस साल भी बिहार को पूरी मदद केंद्र से मिलेगी ।
अविनाश, पटना।
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