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प्याज पर बिहार में सियासी घमासान, अलग-अलग राग अलाप रहीं पार्टियां

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Published : Dec 10, 2019, 12:35 PM IST

प्याज से सरोकार आम लोगों का है और हर रसोई में प्याज की जरूरत है. लेकिन जैसे ही प्याज की कीमतें बढ़ने लगती है वैसे ही लोगों का जायका बिगड़ने लगता है और लोग सरकार से जवाब मांगने लगते हैं. प्याज की बढ़ती कीमतों ने देश के अंदर कई राजनीतिक तूफान भी खड़े किए हैं.

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महंगी हुई प्याज

पटनाः प्याज की कीमत आज तमाम सीमाओं को लांघ चुकी है. बाजार में मिल रहे कई फलों से भी ज्यादा प्याज की कीमत है. प्याज के महंगे कीमत के चलते ही पिछली कई सरकारों को सत्ता से बेदखल होना पड़ा था, तो कई सरकारें हिल गईं थीं. आज भी स्थिति वैसी ही है. कई राज्यों के चुनाव पर प्याज की बढ़ती कीमतों ने असर डाला है.

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सब्जी खरीदते लोग

सातवें आसमान पर है प्याज का भाव
दरअसल, प्याज कीमतों के लिहाज से सेंचुरी मार चुकी है. प्याज के दाम सातवें आसमान पर है, यह पहला मौका नहीं है जब प्याज की बढ़ती कीमतों ने लोगों के आंखों में आंसू लाए हैं, प्याज की बढ़ती कीमतों ने देश के अंदर कई राजनीतिक तूफान भी खड़े किए हैं. जब-जब इसके दाम आसमान पर पहुंचे तब तक किसी न किसी की कुर्सी हिली है.

इंदिरा गांधी ने भी बनाया था प्याज को मुद्दा
आपातकाल के बुरे दौर के बाद जब देश में जनता पार्टी की सरकार बनी और सरकार अपने ही अंतर्विरोध से लड़खड़ा रही थी, तो सत्ता से बेदखल हो चुकी इंदिरा गांधी के पास कोई बड़ा मुद्दा नहीं था. अचानक प्याज की कीमतें बढ़ने लगी और उनकी पार्टी ने इसका इस्तेमाल बड़े ही नाटकीय अंदाज में किया. ऐसे कई उदाहरण भरे पड़े हैं जब राजनेताओं ने प्याज की माला पहनकर लोकसभा और विधानसभा में विरोध जताया.

स्पेशल रिपोर्ट

अटल बिहारी वाजपेयी की भी गई थी सरकार
केंद्र में 1998 में जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी, उस समय भी प्याज की कीमत ने रुलाना शुरू कर दिया था. तब अटल जी ने कहा था कि जब जब कांग्रेस सत्ता में नहीं रहती है तो प्याज परेशान करने लगती है. भाजपा विधायक मिथिलेश तिवारी भी मानते हैं कि अटल जी के सरकार जाने के पीछे प्याज भी एक महत्वपूर्ण कारण थी.

इसी प्याज के चलते हार गई थीं सुषमा स्वराज
उन दिनों दिल्ली प्रदेश में भाजपा की सरकार थी और विधानसभा चुनाव सिर पर थे, तब प्याज के असर से बचने के लिए सरकार ने कई कोशिशें की. दिल्ली में जगह-जगह प्याज सरकारी स्तर पर सस्ते दरों पर बेची गईं. लेकिन ये कोशिशें भी उंट के मुंह में जीरा साबित हुई. तब सुषमा स्वराज के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार बुरी तरह हार गई और शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं.

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दानिश रिजवान, राष्ट्रीय प्रवक्ता हम

ये भी पढ़ेंः खगड़ियाः नई पीढ़ी का पान की खेती से हो रहा मोहभंग, झेल रहे सरकारी उदासीनता की मार

एनडीए को भुगतना पड़ेगा खामियाजा
प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर विपक्ष पर हमला बोलते हुए हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा है कि प्याज की बढ़ती कीमतों के चलते महाराष्ट्र, हरियाणा में भाजपा को नुकसान हुआ और झारखंड के बाद बिहार में भी एनडीए को खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

बढ़ती कीमतों से जेडीयू भी चिंतित
वहीं, प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर जेडीयू भी चिंतित है. पार्टी प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि केंद्र सरकार को इस पर ठोस पहल करना चाहिए और दीर्घकालिक नीति बनानी चाहिए. जिससे भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न ना हो.

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प्याज खरीदने के लिए लाइन में लगे लोग

'चुनाव पर नहीं होगा प्याज का असर'
उधर, बीजेपी नेता यह नहीं मानते कि प्याज की बढ़ती कीमतों का असर वोटिंग और सरकार पर पड़ता है. बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा है कि आम लोगों को यह मालूम है कि किन कारणों से प्याज की कीमतें बढ़ रही हैं और सरकार प्याज का आयात कर रही है. जिससे कीमतों में कमी आए.

खास लोगों के भी रुला रही प्याज
प्याज सस्ती हो और आम लोगों के किचन के लिए सर्व सुलभ हो तो लोगों के भोजन का जायका बढ़ जाता है. लेकिन जब महंगी हो जाए तो आम लोगों के साथ-साथ खास के आंखों में आंसू आने लगता है. प्याज की बढ़ती कीमतों ने राजनीतिक दलों और राजनेताओं को भी कीमत चुकाने के लिए विवश कर दिया है.

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प्याज बेचते प्पपू यादव

प्याज पर बिहार में सियासी घमासान
प्याज को लेकर बिहार में सियासी घमासान जारी है. पूर्व सांसद पप्पू यादव राजनीतिक दलों के दफ्तर के सामने 35 रुपये किलो प्याज बेचकर जहां विरोध जता रहे हैं. वहीं, विपक्ष का ये भी दावा है कि हाल में हुए राज्यों के चुनाव में बीजेपी को प्याज की बढ़ती कीमतों के कारण ही अपनी सीट गंवानी पड़ी.

पटनाः प्याज की कीमत आज तमाम सीमाओं को लांघ चुकी है. बाजार में मिल रहे कई फलों से भी ज्यादा प्याज की कीमत है. प्याज के महंगे कीमत के चलते ही पिछली कई सरकारों को सत्ता से बेदखल होना पड़ा था, तो कई सरकारें हिल गईं थीं. आज भी स्थिति वैसी ही है. कई राज्यों के चुनाव पर प्याज की बढ़ती कीमतों ने असर डाला है.

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सब्जी खरीदते लोग

सातवें आसमान पर है प्याज का भाव
दरअसल, प्याज कीमतों के लिहाज से सेंचुरी मार चुकी है. प्याज के दाम सातवें आसमान पर है, यह पहला मौका नहीं है जब प्याज की बढ़ती कीमतों ने लोगों के आंखों में आंसू लाए हैं, प्याज की बढ़ती कीमतों ने देश के अंदर कई राजनीतिक तूफान भी खड़े किए हैं. जब-जब इसके दाम आसमान पर पहुंचे तब तक किसी न किसी की कुर्सी हिली है.

इंदिरा गांधी ने भी बनाया था प्याज को मुद्दा
आपातकाल के बुरे दौर के बाद जब देश में जनता पार्टी की सरकार बनी और सरकार अपने ही अंतर्विरोध से लड़खड़ा रही थी, तो सत्ता से बेदखल हो चुकी इंदिरा गांधी के पास कोई बड़ा मुद्दा नहीं था. अचानक प्याज की कीमतें बढ़ने लगी और उनकी पार्टी ने इसका इस्तेमाल बड़े ही नाटकीय अंदाज में किया. ऐसे कई उदाहरण भरे पड़े हैं जब राजनेताओं ने प्याज की माला पहनकर लोकसभा और विधानसभा में विरोध जताया.

स्पेशल रिपोर्ट

अटल बिहारी वाजपेयी की भी गई थी सरकार
केंद्र में 1998 में जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी, उस समय भी प्याज की कीमत ने रुलाना शुरू कर दिया था. तब अटल जी ने कहा था कि जब जब कांग्रेस सत्ता में नहीं रहती है तो प्याज परेशान करने लगती है. भाजपा विधायक मिथिलेश तिवारी भी मानते हैं कि अटल जी के सरकार जाने के पीछे प्याज भी एक महत्वपूर्ण कारण थी.

इसी प्याज के चलते हार गई थीं सुषमा स्वराज
उन दिनों दिल्ली प्रदेश में भाजपा की सरकार थी और विधानसभा चुनाव सिर पर थे, तब प्याज के असर से बचने के लिए सरकार ने कई कोशिशें की. दिल्ली में जगह-जगह प्याज सरकारी स्तर पर सस्ते दरों पर बेची गईं. लेकिन ये कोशिशें भी उंट के मुंह में जीरा साबित हुई. तब सुषमा स्वराज के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार बुरी तरह हार गई और शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री बनीं.

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दानिश रिजवान, राष्ट्रीय प्रवक्ता हम

ये भी पढ़ेंः खगड़ियाः नई पीढ़ी का पान की खेती से हो रहा मोहभंग, झेल रहे सरकारी उदासीनता की मार

एनडीए को भुगतना पड़ेगा खामियाजा
प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर विपक्ष पर हमला बोलते हुए हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा है कि प्याज की बढ़ती कीमतों के चलते महाराष्ट्र, हरियाणा में भाजपा को नुकसान हुआ और झारखंड के बाद बिहार में भी एनडीए को खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

बढ़ती कीमतों से जेडीयू भी चिंतित
वहीं, प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर जेडीयू भी चिंतित है. पार्टी प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि केंद्र सरकार को इस पर ठोस पहल करना चाहिए और दीर्घकालिक नीति बनानी चाहिए. जिससे भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न ना हो.

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प्याज खरीदने के लिए लाइन में लगे लोग

'चुनाव पर नहीं होगा प्याज का असर'
उधर, बीजेपी नेता यह नहीं मानते कि प्याज की बढ़ती कीमतों का असर वोटिंग और सरकार पर पड़ता है. बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा है कि आम लोगों को यह मालूम है कि किन कारणों से प्याज की कीमतें बढ़ रही हैं और सरकार प्याज का आयात कर रही है. जिससे कीमतों में कमी आए.

खास लोगों के भी रुला रही प्याज
प्याज सस्ती हो और आम लोगों के किचन के लिए सर्व सुलभ हो तो लोगों के भोजन का जायका बढ़ जाता है. लेकिन जब महंगी हो जाए तो आम लोगों के साथ-साथ खास के आंखों में आंसू आने लगता है. प्याज की बढ़ती कीमतों ने राजनीतिक दलों और राजनेताओं को भी कीमत चुकाने के लिए विवश कर दिया है.

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प्याज बेचते प्पपू यादव

प्याज पर बिहार में सियासी घमासान
प्याज को लेकर बिहार में सियासी घमासान जारी है. पूर्व सांसद पप्पू यादव राजनीतिक दलों के दफ्तर के सामने 35 रुपये किलो प्याज बेचकर जहां विरोध जता रहे हैं. वहीं, विपक्ष का ये भी दावा है कि हाल में हुए राज्यों के चुनाव में बीजेपी को प्याज की बढ़ती कीमतों के कारण ही अपनी सीट गंवानी पड़ी.

Intro:अकबर के नवरत्नों में एक मुल्ला दो प्याजा अगर आज होते तो उन्हें भोजन पर दो प्याज में मयस्सर नहीं हो पाते। प्याज की कीमत आज तमाम सीमाओं को लांग चुका है बाजार में मिल रहे कई फलों से आज प्याज महंगी है।प्याज के महंगे कीमत के चलते कई सरकारों को बेदखल होना पड़ा तो कई सरकारें हिल गई फिलहाल हो रहे चुनाव पर भी प्याज की बढ़ती कीमतों ने असर डाला है । हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा है कि प्याज की बढ़ती कीमतों के चलते महाराष्ट्र हरियाणा में भाजपा को नुकसान होगा और झारखंड के बाद बिहार में भी इंडिया को खामियाजा भुगतना पड़ेगा
प्याज की बढ़ती कीमतों को लेकर जदयू भी चिंतित है पार्टी प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि केंद्र सरकार को इस पर ठोस पहल करना चाहिए और दीर्घकालिक नीति बनानी चाहिए जिससे भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न ना हो ।
भाजपा नेता यह नहीं मानते कि प्याज की बढ़ती कीमतों का असर वोटिंग और सरकार पर पड़ता है भाजपा प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल ने कहा है कि आम लोगों को यह मालूम है कि किन कारणों से प्याज की कीमतें बढ़ रही हैं और सरकार प्याज के आयात कर रही है जिससे कीमतों में कमी आए



Body:मुल्ला दो प्याजा अरब के रहने वाले थे और अकबर के नवरत्नों में एक थे हिमायू के समय वह भारत आए थे और भोजन के समय दो प्याज खाना उन्हें बेहद पसंद था आज अगर म***** दो प्याजा होते तो उन्हें भोजन पर दो प्याज मैं सर नहीं हो पाता प्याज की आसमान छू रही कीमतों के चलते प्याज आम लोगों के पहुंच से बाहर जा चुकी है ।
प्याज सस्ती हो और आम लोगों के किचन के लिए सर्व सुलभ हो तो लोगों के भोजन का जायका बढ़ जाता है लेकिन जब महंगी हो जाए तो आम लोगों के साथ-साथ खास के आंखों में आंसू आने लगता है । प्याज की बढ़ती कीमतों ने राजनीतिक दलों और राजनेताओं को भी कीमत चुकाने के लिए विवश किया


Conclusion: प्याज कीमतों के लिहाज से सेंचुरी मार चुका है प्याज के दाम सातवें आसमान पर हैं यह पहला मौका नहीं है जब प्याज की बढ़ती कीमतों ने लोगों के आंखों में आंसू लाए हैं प्याज की बढ़ती कीमतों ने देश के अंदर कई राजनीतिक तूफान भी खड़े किए हैं जब जब इसके दाम आसमान पर पहुंचे तब तक कि किसी न किसी की कुर्सी हिली ।
प्याज से सरोकार आम लोगों का है और हर रसोई में प्याज की जरूरत है लेकिन जैसे ही प्याज की कीमतें बढ़ने लगती है वैसे ही लोगों का जायका बिगड़ने लगता है और लोग भी सरकार से जवाब मांगने लगते हैं ।
अगर अगर चुनाव सर पर हो तो राजनेताओं की परेशानियां बढ़ने लगती हैं आपातकाल के बुरे दौर के बाद जब देश में जनता पार्टी की सरकार बनी और सरकार अपने ही अंतर्विरोध से लड़खड़ा रही थी सत्ता से बेदखल हो चुकी इंदिरा गांधी के पास कोई बड़ा मुद्दा नहीं था अचानक प्याज की कीमतें बढ़ने लगी और उनकी पार्टी ने इसका इस्तेमाल बड़े ही नाटकीय अंदाज में किया।
ऐसे कई उदाहरण भरे पड़े हैं जब राजनेता प्याज की माला पहन कर लोकसभा और विधानसभाओं में विरोध जताया ।
केंद्र में जब अटल बिहारी वाजपेई की सरकार थी 1998 में प्याज की कीमत होने फिर लाना शुरू कर दिया था और तब अटल जी ने कहा था कि जब जब कांग्रेस सत्ता में नहीं रहती है तो प्याज परेशान करने लगती है भाजपा विधायक मिथिलेश तिवारी भी मानते हैं कि अटल जी के सरकार जाने के पीछे प्याज भी एक महत्वपूर्ण कारण था ।
उन दिनों दिल्ली प्रदेश में भाजपा की सरकार थी और विधानसभा चुनाव सर पर थे तब प्याज के असर से बचने के लिए सरकार ने कई कोशिशें की दिल्ली में जगह-जगह प्याज को सरकारी प्रयासों से सस्ते दर पर बिक जाएगा लेकिन कोशिश से उठ के मुंह में जीरा साबित हुई और तब सुषमा स्वराज के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार बुरी तरह हार गई। शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री बनी लेकिन 15 साल बाद प्याज ने उन्हें भी रुला दिया।
एक बार फिर प्याज की कीमत सातवें आसमान पर है और आम लोगों को ₹100 किलो प्याज खरीदना पड़ रहा है प्याज को लेकर बिहार में सियासी घमासान भी है पूर्व सांसद पप्पू यादव राजनीतिक दलों के दफ्तर के सामने ₹35 किलो प्याज बेचकर जहां विरोध जता रहे हैं वहीं विपक्ष का दावा है कि हाल में हुए राज्यों के चुनाव में भाजपा को प्याज की बढ़ती कीमतों का भुगतान।
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