पटना: एक तरफ बिहार सरकार की ओर से लगातार प्रमोशन को लेकर की अधिसूचना जारी हो रही है तो दूसरी तरफ इस पर सियासत भी शुरू है. इसे गलत बता कर पिछले दिनों पोस्ट भी लगाए गए थे. भीम आर्मी की तरफ से पोस्टर लगाकर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर निशाना साधा गया था, क्योंकि एससी एसटी के आरक्षण में प्रमोशन का मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लटका हुआ है और सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले ही प्रमोशन का रास्ता साफ कर दिया है. हालांकि 6 साल से भी अधिक समय से प्रमोशन कर्मचारी और अधिकारियों का रुका हुआ था उसके बाद सरकार के तरफ से यह फैसला लिया गया है.
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साल 2016 से ही रुका हुआ था प्रमोशनः आपको बता दें कि बिहार में कर्मचारियों और पदाधिकारियों का प्रमोशन 2016 से ही रुका हुआ था. इसे लेकर बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग की ओर से 16 अक्टूबर को स्क्रीनिंग कमेटी बनाई गई और सभी विभागों में प्रमोशन के लिए कमेटी बनाने का निर्देश भी दिया गया था. उसके बाद से लगातार प्रमोशन की अधिसूचना जारी हो रही है. 17 अक्टूबर को 532 अधिकारियों का प्रमोशन सामान्य प्रशासन विभाग में दिया गया था और 20 अक्टूबर को 294 अधिकारियों को प्रमोशन दिया गया है.
शिक्षा सेवा के 74 पदाधिकारी को प्रमोशनः वहीं 22 अक्टूबर को बिहार सचिवालय आशु लिपिक सेवा एवं बिहार सचिवालय सेवा के 967 कर्मियों को उच्च पदों पर प्रमोशन दिया गया है इस तरह से अब तक कुल 1793 पदाधिकारी और कर्मचारियों को प्रमोशन दिया जा चुका है. इसमें शिक्षा विभाग पुलिस विभाग मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अधिकारी शामिल है. शिक्षा सेवा के 74 पदाधिकारी को प्रमोशन दिया गया है तो वहीं पुलिस सेवा के 102 अधिकारियों को प्रमोशन मिला है मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के 118 पदाधिकारी को प्रमोशन दिया गया है. इसमें 26 मद्य निषेध इंस्पेक्टर को अधीक्षक मद्य निषेध बनाया गया है.
बिहार पुलिस सेवा के 20 अधिकारियों का प्रमोशनः वहीं अधीक्षक स्तर के 13 पदाधिकारी को सहायक आयुक्त मद्य निषेध और सहायक आयुक्त सहित विभिन्न कोटि के 7 पदाधिकारी को उपायुक्त की जिम्मेदारी दी गई है 11 सहायक अवर निरीक्षक को अवर निरीक्षक 33 अवर निरीक्षक को निरीक्षक और 28 सिपाही को सहायक अवर निरीक्षक का उच्चतर प्रभाव दिया गया है. पुलिस सेवा के 43 अधिकारियों को वरीय पुलिस उपाधीक्षक के पद पर प्रमोशन दिया गया है वहीं 39 अधिकारियों को अपर पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी दी गई है. इसके अलावा 20 बिहार पुलिस सेवा के अधिकारियों को ऊंचे पदों पर प्रमोशन दिया गया है.
दलित पॉलिटिक्स करने वाले दल नाराजः बिहार सरकार के विभिन्न विभागों की ओर से प्रमोशन के लिए स्क्रीनिंग कमेटी लगातार काम कर रही है और जो जानकारी मिल रही है दो महीने के अंदर 75000 के करीब पदाधिकारी और कर्मचारियों को प्रमोशन मिल जाएगा जिससे उन्हें उच्च वेतन के साथ सुविधा भी मिलने लगेगी. दरअसल 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर नीतीश सरकार की ओर से यह बड़ा फैसला लिया गया है, लेकिन इस पर बयानबाजी भी शुरू है. सत्ताधारी दल की ओर से जहां लाखों कर्मचारियों को खुश करने की कोशिश की गई है तो वहीं सरकार के फैसले से दलित पॉलिटिक्स करने वाले दल नाराज भी दिख रहे हैं.