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Bihar Politics: नीतीश ने खुद को बताया वाजपेयी सरकार में 'गृह मंत्री' तो BJP हुई हमलावर, कहा- 'CM विस्मरण के शिकार'

क्या सीएम नीतीश कुमार को भूलने की आदत हो गई है? ये सवाल इसलिए, क्योंकि बिहार विधानसभा में उन्होंने खुद को वाजपेयी की सरकार में गृह मंत्री बता दिया. जिसके बाद बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, उनको अपनी हेल्थ रिपोर्ट जारी करना चाहिए.

नीतीश कुमार के भूलने पर सियासत
नीतीश कुमार के भूलने पर सियासत
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Published : Mar 21, 2023, 6:05 PM IST

नीतीश कुमार के भूलने पर सियासत

पटना: जब से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए का साथ छोड़कर महागठबंधन में शामिल हुए हैं, तब से भारतीय जनता पार्टी उन पर हमला करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ती है. सदन में चर्चा के दौरान एक सवाल के जवाब में अब खुद को रेल मंत्री की जगह गृह मंत्री बताने के कारण एक बार फिर सीएम बीजेपी के निशाने पर आ गए हैं. अपनी उम्र और यादाश्त के कारण वह पहले भी कई बार ऐसा कुछ कह जाते हैं, जिस वजह से विरोधी खेमा को हमला करने का मौका मिल जाता है.

ये भी पढ़ें: Bihar Budget Session 2023: 'नीतीश कुमार का हेल्थ कार्ड जारी हो', बोले BJP विधायक बचौल- 'राजनीति से संन्यास लें'

नीतीश कुमार ने खुद को गृह मंत्री बता दिया: दरअसल, बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बीजेपी विधायक नीतीश मिश्रा ने खिलाड़ियों की नियुक्ति का मामला उठाया था. उस सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में कहा कि खिलाड़ियों को नौकरी देने का सिलसिला मैंने ही शुरू किया था. उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में जब मैं गृह मंत्री था, तब खिलाड़ियों को नौकरी देने की पहल की गई थी और जब बिहार में वह मुख्यमंत्री बने तो इसे जारी रखा.

"इन लोगों को पता ही नहीं है कि खिलाड़ियों को नौकरी देने का सिलसिला मैंने ही शुरू किया था. श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार में जब मैं गृह मंत्री था, तब खिलाड़ियों को नौकरी देने की पहल की गई थी. फिर जब मैं बिहार आ गया तो यहां भी उसे शुरू करवाया और वह आज भी जारी है"- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री बिहार

'नीतीश कुमार विस्मरण के शिकार': नीतीश कुमार के इसी बयान पर बीजेपी ने हमला बोला है. विधायक हरिभूषण ठाकुर ने कहा कि नीतीश कुमार को भूलने की आदत हो गई है. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वह कभी भी गृह मंत्री नहीं रहे थे, बावजूद इसके सदन में उन्होंने दो बार ऐसा कहा. नीतीश कुमार की स्वास्थ्य रिपोर्ट को सार्वजनिक की जानी चाहिए.

"पहले भी देख चुके हैं सार्वजनिक कार्यक्रम में माननीय मुख्यमंत्री विस्मरण का शिकार हो रहे हैं. कल उन्होंने सदन में दो बार अपने आप को गृह मंत्री कहा और एक सवाल को ढूंढने में 30 सेकेंड से ज्यादा का वक्त लग गया. लिहाजा मैं मांग करता हूं कि उनकी स्वास्थ्य रिपोर्ट जारी हो. उनको अब राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए"- हरिभूषण ठाकुर बचौल, विधायक, बीजेपी

केंद्र में इन विभागों के मंत्री रहे हैं नीतीश: आपको बता दें कि नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बनने से पहले केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में रेल, कृषि और भूतल परिवहन मंत्री रहे थे. वह कभी भी केंद्र में गृह मंत्री नहीं बने. ऐसे में उनका खुद को गृह मंत्री बताना विपक्ष के लिए हमला करने का मौका बन गया. नीतीश कुमार की उम्र अभी 72 साल है. हालांकि वह अपनी उम्र के नेताओं की तुलना में स्वस्थ हैं.

नीतीश कुमार के भूलने पर सियासत

पटना: जब से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए का साथ छोड़कर महागठबंधन में शामिल हुए हैं, तब से भारतीय जनता पार्टी उन पर हमला करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ती है. सदन में चर्चा के दौरान एक सवाल के जवाब में अब खुद को रेल मंत्री की जगह गृह मंत्री बताने के कारण एक बार फिर सीएम बीजेपी के निशाने पर आ गए हैं. अपनी उम्र और यादाश्त के कारण वह पहले भी कई बार ऐसा कुछ कह जाते हैं, जिस वजह से विरोधी खेमा को हमला करने का मौका मिल जाता है.

ये भी पढ़ें: Bihar Budget Session 2023: 'नीतीश कुमार का हेल्थ कार्ड जारी हो', बोले BJP विधायक बचौल- 'राजनीति से संन्यास लें'

नीतीश कुमार ने खुद को गृह मंत्री बता दिया: दरअसल, बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बीजेपी विधायक नीतीश मिश्रा ने खिलाड़ियों की नियुक्ति का मामला उठाया था. उस सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में कहा कि खिलाड़ियों को नौकरी देने का सिलसिला मैंने ही शुरू किया था. उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में जब मैं गृह मंत्री था, तब खिलाड़ियों को नौकरी देने की पहल की गई थी और जब बिहार में वह मुख्यमंत्री बने तो इसे जारी रखा.

"इन लोगों को पता ही नहीं है कि खिलाड़ियों को नौकरी देने का सिलसिला मैंने ही शुरू किया था. श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की सरकार में जब मैं गृह मंत्री था, तब खिलाड़ियों को नौकरी देने की पहल की गई थी. फिर जब मैं बिहार आ गया तो यहां भी उसे शुरू करवाया और वह आज भी जारी है"- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री बिहार

'नीतीश कुमार विस्मरण के शिकार': नीतीश कुमार के इसी बयान पर बीजेपी ने हमला बोला है. विधायक हरिभूषण ठाकुर ने कहा कि नीतीश कुमार को भूलने की आदत हो गई है. अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में वह कभी भी गृह मंत्री नहीं रहे थे, बावजूद इसके सदन में उन्होंने दो बार ऐसा कहा. नीतीश कुमार की स्वास्थ्य रिपोर्ट को सार्वजनिक की जानी चाहिए.

"पहले भी देख चुके हैं सार्वजनिक कार्यक्रम में माननीय मुख्यमंत्री विस्मरण का शिकार हो रहे हैं. कल उन्होंने सदन में दो बार अपने आप को गृह मंत्री कहा और एक सवाल को ढूंढने में 30 सेकेंड से ज्यादा का वक्त लग गया. लिहाजा मैं मांग करता हूं कि उनकी स्वास्थ्य रिपोर्ट जारी हो. उनको अब राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए"- हरिभूषण ठाकुर बचौल, विधायक, बीजेपी

केंद्र में इन विभागों के मंत्री रहे हैं नीतीश: आपको बता दें कि नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री बनने से पहले केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में रेल, कृषि और भूतल परिवहन मंत्री रहे थे. वह कभी भी केंद्र में गृह मंत्री नहीं बने. ऐसे में उनका खुद को गृह मंत्री बताना विपक्ष के लिए हमला करने का मौका बन गया. नीतीश कुमार की उम्र अभी 72 साल है. हालांकि वह अपनी उम्र के नेताओं की तुलना में स्वस्थ हैं.

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