पटना: गोपालगंज में 70 घाट पुल का एप्रोच रोड टूटने के बाद अब सियासत भी जोर पकड़ने लगी है. तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि 'आरसीपी टैक्स' के कारण बिहार में पुल टूट रहे हैं. जिसके बाद बिहार सरकार के मंत्री और पथ निर्माण विभाग के अधिकारियों ने पलटवार किया है.
दरअसल, मुख्यमंत्री की तरफ से दबाव के बाद पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने वीडियो जारी कर सफाई दी है. उन्होंने कहा है कि जिस एजेंसी को यह पुल बनाने का काम दिया गया था, वही एजेंसी इस पुल का 2 साल तक मरम्मत करेगी. वहीं सरकार ने जांच से इनकार करते हुए कहा है कि इसमें कोई अनियमितता नहीं हुई है.
मंत्री से अधिकारी तक दे रहे हैं सफाई
गोपालगंज में गंडक नदी पर बने 70 घाट पुल से 2 किलोमीटर दूर छोटे पुल का संपर्क पथ सीएम नीतीश कुमार के उद्घाटन के 1 महीने के अंदर कटाव हो जाने से टूट गया है. जिसको लेकर विपक्ष को हमला करने का मुद्दा मिल गया है. वहीं सहयोगी दल लोजपा की तरफ से भी चिराग पासवान ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा है. ऐसे में सरकार की ओर से मंत्री से लेकर अधिकारी तक सफाई दे रहे हैं. पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने अनियमितता से इंकार करते हुए कहा है कि अत्यधिक पानी के दबाव के कारण कटाव हुआ है.
बड़ी मछलियों को बचाती रही है सरकार
सरकार के रवैए पर आरजेडी ने हमला बोलते हुए कहा है कि पूरे मामले में सरकार लीपापोती करने में लग गई है. पहले भी भ्रष्टाचार के मामलों में सरकार बड़ी मछलियों को बचाती रही है. वहीं नेता विरोधी दल तेजस्वी यादव ने गुरुवार को पथ निर्माण मंत्री पर कई तरह के आरोप लगाए थे और नीतीश कुमार से मंत्री को बर्खास्त करने की मांग भी की थी.
सरकार की बढ़ी मुश्किलें
70 घाट पुल का निर्माण लंबे इंतजार के बाद पूरा हुआ है. पिछले महीने मुख्यमंत्री ने इसका उद्घाटन किया था. इस पर 2.64 करोड़ के करीब राशि खर्च हुई थी. 2012 में इसका शिलान्यास नीतीश कुमार ने पटना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया था. लेकिन उद्घाटन के एक महीने बाद ही पुल का संपर्क पथ बहने के कारण विपक्ष को फिलहाल मुद्दा मिला गया है. सरकार की ओर से लगातार सफाई देने की कोशिश की जा रही है. भले ही सरकार जांच से इंकार कर रही हो लेकिन बीजेपी के स्थानीय विधायक मिथिलेश तिवारी ने जरूर इशारों-इशारों में इंजीनियर को दोषी बताकर अनियमितता की बात मानी है. वहीं, चिराग पासवान के सवाल उठाए जाने से भी सरकार की मुश्किलें बढ़ गई है.