पटनाः केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल (Union Cabinet Expansion) होने के बाद बिहार में सियासत (Politics In Bihar) शुरू हो गई है. मंत्रिमंडल से कई मंत्रियों की छुट्टी कर दिए जाने और नए चेहरों को जगह देने पर राजद (RJD) ने तंज कसा है. राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी (Mrityunjay Tiwari) ने तंज कसते हुए कहा कि जहां इंजन बदलना चाहिए, वहां बोगी बदले जा रहे हैं. वहीं भाजपा (BJP) ने विपक्ष पर मुद्दा नहीं होने का आरोप लगाया है.
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"प्रधानमंत्री अपने मंत्रियों से कह रहे हैं कि काम करना है. मीडिया में बयान नहीं देना है. लेकिन अब तो यह दिख रहा है कि खराबी इंजन में है और डिब्बा बदला जा रहा है. अगर बेहतर और अच्छे कामों के लिए ताली कप्तान को मिलती है तो नाकामी के लिए गाली भी कप्तान को ही मिलती है. इस नाकामी के लिए सबसे पहले तो प्रधानमंत्री को ही इस्तीफा देना चाहिए, लेकिन अपनी जिम्मेदारी उन्होंने मंत्रियों के सिर पर मढ़ दिया."- मृत्युंजय तिवारी, राजद प्रवक्ता
"विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए विपक्षी नेता अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं. सच्चाई यह है कि मंत्रिमंडल में किसे शामिल किया जाए यह प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है. इस बार प्रधानमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल में 27 ओबीसी मंत्रियों को रखा है, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड है. उम्मीद है कि नए कैबिनेट से देश के विकास को नई रफ्तार मिलेगी."- बिनोद शर्मा बीजेपी प्रवक्ता
केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार 7 जुलाई को हुआ जिसमें बिहार से दो नए मंत्रियों ने शपथ ली. वहीं कैबिनेट में फेरबदल व विस्तार के बाद नयी मंत्रिपरिषद की औसत आयु 61 वर्ष से घटकर 58 वर्ष हो गई है. वहीं 15 लोगों को कैबिनेट मंत्री बनाए जाने के अलावा 28 लोगों को राज्यमंत्री बनाया गया.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली नयी मंत्रिपरिषद में 77 सदस्य हैं. इसमें 50 वर्ष से कम आयु के अन्य मंत्रियों में स्मृति ईरानी (45 वर्ष), किरण रिजिजू (49 वर्ष), मनसुख मंडाविया (49 वर्ष), कैलाश चौधरी (47 वर्ष), संजीव बालियान (49 वर्ष), अनुराग ठाकुर (46 वर्ष), डा. भारती प्रवीण पवार (42 वर्ष), अनुप्रिया सिंह पटेल (40 वर्ष), शांतनु ठाकुर (38 वर्ष), जान बारला (45 वर्ष) और डा एल मुरूगन (44 वर्ष) शामिल हैं.