पटना: बिहार में यात्रा पर सियासत हो रही है. यात्रा के बहाने अपनी वजूद बचाने की कोशिश भी हो रही है. सभी दलों की नजर सीमांचल पर है. बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद अमित शाह ने रैली की थी. महागठबंधन ने भी पिछले महीने बड़ी रैली की. अब एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी सीमांचल अधिकार यात्रा ( Asaduddin Owaisi Seemanchal Adhikar Yatra) करने वाले हैं. सीमांचल से एआईएमआईएम ने 2020 में 5 विधायक जीते थे, जिसमें से चार विधायक आरजेडी में शामिल हो गए. उस झटके के बाद एआईएमआईएम के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी 18 और 19 मार्च को सीमांचल अधिकार यात्रा करने जा रही हैं.
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अलग भूखंड बनाने की मांगः असदुद्दीन ओवैसी अपनी यात्रा में तेजस्वी यादव के उस वादे को भुनाने की कोशिश होगी जो, उन्हें सरकार बनने से पहले किया था. जिसमें सीमांचल विकास आयोग बनाने की बात कही थी, लेकिन सरकार बने 7 महीने हो गए हैं एआईएमआईएम का कहना है कि तेजस्वी यादव उसे भूल गए हैं. तेजस्वी यादव के उस वादे पर एआईएमआईएम के ओवैसी दाव लगा रहे हैं और सीमांचल के लिए अलग से भूखंड बनाने की मांग 371 के तहत कर रहे हैं.
तेजस्वी यादव को घेरने की तैयारी: तेजस्वी यादव जब विपक्ष में थे तब उन्होंने सीमांचल के विकास के लिए सीमांचल विकास आयोग बनाने का वादा किया था. नीतीश कुमार के एनडीए से अलग होने और महागठबंधन की सरकार बनाने के बाद तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बने हैं. अब सात महीना हो गया है. एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान का कहना है कि तेजस्वी यादव अपने वादों को भूल गए हैं और इसीलिए सीमांचल के विकास के लिए आयोग बनाने की जो कवायद है, उसको लेकर हम लोग जनता के बीच जा रहे हैं. दो दिनों के कार्यक्रम में असदुद्दीन ओवैसी मौजूद रहेंगे. अख्तरुल इमान का यही कहना है कि असदुद्दीन ओवैसी लोकसभा में भी मामले को उठाए हैं और 371 के तहत सीमांचल के लिए अलग भूखंड बनाने की मांग भी की है.
"तेजस्वी यादव अपने वादों को भूल गए हैं और इसीलिए सीमांचल के विकास के लिए आयोग बनाने की जो कवायद है, उसको लेकर हम लोग जनता के बीच जा रहे हैं. दो दिनों के कार्यक्रम में असदुद्दीन ओवैसी मौजूद रहेंगे. असदुद्दीन ओवैसी लोकसभा में भी मामले को उठाए हैं और 371 के तहत सीमांचल के लिए अलग भूखंड बनाने की मांग भी की है" - अख्तरुल इमान, प्रदेश अध्यक्ष, एआईएमआईएम
सीमांचल में पूरे हो रहे वादेः सीमांचल में 2020 के चुनाव में एआईएमआईएम के 5 विधायक जीते थे. जिसमें से चार विधायक आरजेडी में शामिल हो गए चार में से एक विधायक शाहनवाज आलम को महागठबंधन सरकार में मंत्री भी बनाया गया है. शाहनवाज का कहना है कि लगातार विकास के कार्य हो रहे हैं. कटाव विरोधी कार्य लगातार किए जा रहे हैं और जो भी वादा है उसे पूरा किया जा रहा है. वैसे सबको अधिकार है अपना कार्यक्रम करने का. माले के विधायक महबूब आलम का भी कहना है कि सीमांचल में आयोग बनाने का जो वादा किया था सरकार पूरा करेगी, लेकिन संसाधन की भी कमी है. उसे भी देखना होगा लेकिन ओवैसी से किसी तरह का डर हम लोगों को नहीं है. सीमांचल को लेकर इतना ही चिंता है तो केंद्र सरकार से अलीगढ़ यूनिवर्सिटी को लेकर बात करें.
"लगातार विकास के कार्य हो रहे हैं. कटाव विरोधी कार्य लगातार किए जा रहे हैं और जो भी वादा है उसे पूरा किया जा रहा है. वैसे सबको अधिकार है अपना कार्यक्रम करने का" - शाहनवाज आलम, मंत्री आरजेडी
सीमांचल आयोग गठन का उठेगा मुद्दाः सीमांचल की जनसंख्या ग्रोथ भी अधिक है शिक्षा और विकास के दूसरे मापदंड में सीमांचल पिछड़ा है. सीमांचल विकास आयोग बनाकर इस क्षेत्र के विकास के लिए अलग से व्यवस्था करने का वादा किया गया लेकिन उस वादा को अब तक पूरा नहीं किया गया है और उसे ही मुद्दा बनाया जा रहा है. एआईएमआईएम इसी क्षेत्र में 2020 में 5 सीटों पर जीत हासिल की थी लेकिन उस में से चार विधायक आरजेडी में चले गए तो अपनी वजूद बचाने की कोशिश भी है और पिछले दिनों महागठबंधन की रैली हुई थी उसका यात्रा से जवाब भी देंगे तेजस्वी यादव के उस वादे को लेकर जो उन्होंने सीमांचल में विकास आयोग बनाने का किया था.
बिहार में यात्राओं पर सियासत: बिहार में यात्राओं पर लगातार सियासत हो रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पिछले दिनों समाधान यात्रा किए हैं. प्रशांत किशोर पदयात्रा कर रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा भी विरासत बचाओ नमन यात्रा कर रहे हैं. कई दलों के नेताओं की ओर से यात्रा की गई है और अब उसी कड़ी में एआईएमआईएम के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी सीमांचल अधिकार यात्रा 18 और 19 मार्च को करने वाले हैं. सीमांचल पर सबकी नजर है. क्योंकि मुस्लिम बहुल इलाका है और इस इलाके में 4 लोकसभा और 24 विधानसभा क्षेत्र आते हैं.
"सीमांचल में आयोग बनाने का जो वादा किया था सरकार पूरा करेगी, लेकिन संसाधन की भी कमी है. उसे भी देखना होगा लेकिन ओवैसी से किसी तरह का डर हम लोगों को नहीं है. सीमांचल को लेकर इतना ही चिंता है तो केंद्र सरकार से अलीगढ़ यूनिवर्सिटी को लेकर बात करें"- महबूब आलम, विधायक माले