पटना: विवादित मुद्दों पर जदयू की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है. जब से केंद्र में बीजेपी की प्रचंड बहुमत की सरकार बनी है जदयू की मुश्किल बढ़ती जा रही हैं. पहले 370 और तीन तलाक जैसे मुद्दों पर जदयू को कई तरह के आलोचना झेलनी पड़ी और अब बिहार में एनआरसी के मुद्दे पर भी जदयू फंसती नजर आ रही है. बीजेपी के बड़े नेता साफ कह रहे हैं कि बिहार में भी एनआरसी लागू हो. हालांकि, इस पर जदयू को पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का साथ मिल गया है.
बिहार में जदयू, बीजेपी और लोजपा के गठबंधन की सरकार चल रही है. केंद्र में जब अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार बनी थी, तो उसमें कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बना था. इस प्रोग्राम में विवादास्पद मुद्दों को बाहर रखा गया था. लेकिन जब से प्रचंड बहुमत के साथ नरेंद्र मोदी की सरकार में कोई मिनिमम प्रोग्राम नहीं बना है. ऐसे में जदयू के लिए विवादास्पद मुद्दों पर विरोध करना आसान नहीं रह गया है.
असम एनआरसी में त्रुटियां- जदयू
तीन तलाक के मुद्दे पर और उसके बाद 370 पर भी जदयू ने विरोध में वोट नहीं डाला. अब एक बड़ा मुद्दा एनआरसी का सामने आ गया है. हालांकि, इस मामले पर जदयू जरूर कह रही है कि बिहार में इसकी कोई जरूरत नहीं है. इस पर सियासत नहीं होनी चाहिए. लेकिन बिहार बीजेपी के बड़े नेता और केंद्रीय मंत्री तक बिहार में इसे लागू करने की मांग पर अड़े हैं. जदयू लगातार कहती रही है कि हम सैद्धांतिक रूप से तो सहमत हैं लेकिन जिस तरह से तीन ड्राफ्ट लाया गया है और असम में जो सूची जारी की गई है. उसमें कई तरह की त्रुटियां हैं. बिहार में इसे लागू करने की कोई जरूरत नहीं है.
कोई भी देश घुसपैठियों को नहीं रख सकता-बीजेपी
बीजेपी के विधान पार्षद संजय पासवान का कहना है कि हम लोग आज से नहीं जनसंघ के समय से ही मांग करते रहे हैं और बिहार तो बंगाल का गेटवे है. ऐसे में इसे तो यहां लागू होना ही चाहिए और गृहमंत्री ने जो बयान दिया है उसके बाद तो हमारे सहयोगियों को किसी तरह की परेशानी भी नहीं होनी चाहिए. संजय पासवान का यही कहना है कि कोई भी देश घुसपैठियों को बहुत ज्यादा दिन तक अपने यहां नहीं रख सकता है. ऐसे में इसकी पहचान करा, आगे क्या करना है. ये तो तय होना ही चाहिए.
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एनआरसी को लेकर बीजेपी पर मांझी का हमला
हालांकि, जदयू को एनआरसी मुद्दे पर पूर्व सीएम जीतन राम मांझी का साथ मिल गया है. बिहार में एनआरसी को लेकर मांझी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी एनआरसी लागू करने की मांग कर रही है लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए. जो गरीब लोग सड़क के किनारे रहते हैं. झोपड़ी में रहते हैं. उनको सबसे ज्यादा दिक्कत होगी. माइनॉरिटी, शेड्यूल कास्ट, अति पिछड़ा लोगों को आतंकवादी या बाहरी घोषित करने के लिए बीजेपी यह पहल कर रही है.
बिहार विधानसभा का चुनाव एक साल से भी अब कम समय रह गया है. ऐसे में बीजेपी नेताओं की एनआरसी लागू करने की लगातार मांग से जदयू की मुश्किल बढ़ी हुई हैं. जदयू नेताओं को समझ में नहीं आ रहा है कि इस मुद्दे पर बीजेपी का जवाब किस प्रकार से दिया जाए. नीतीश कुमार ने इस मामले में अभी तक चुप्पी साध रखी है. विपक्ष के कई दल के नेता उनकी चुप्पी पर सवाल खड़ा कर रहे हैं.