ETV Bharat / state

बिहार की सियासत का केंद्र बिंदु रहा है सोशल इंजीनियरिंग और नीतीश का विकास

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर फिर से राजनीतिक गलियारों में सरगर्मी बढ़ी हुई है. बिहार की राजनीति लंबे समय तक सोशल इंजीनियरिंग, आरक्षण और जातिवाद के इर्द गिर्द घूमती रही है. हालांकि इस बार फिर से आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है.

politics of bihar revolves around social engineering and development over the years
politics of bihar revolves around social engineering and development over the years
author img

By

Published : Sep 22, 2020, 7:25 PM IST

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 होने वाला है. इसके लिए जोर शोर से तैयारी जारी है. बिहार की राजनीति लंबे समय तक सोशल इंजीनियरिंग, आरक्षण और जातिवाद के इर्द गिर्द घूमती रही है. नीतीश कुमार ने लालू यादव के सोशल इंजीनियरिंग को चुनौती देकर सुशासन के बुनियाद पर बिहार में सरकार बनाई तो एक बार फिर से नई परिस्थिति देखने को मिल रही है.

लालू यादव ने अगड़े पिछड़े की राजनीति को बनाया था हथियार
बता दें कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव जनता की नब्ज टटोलने में माहिर थे. उन्होंने सोशल इंजीनियरिंग को हथियार बनाया और 1990 से 2005 तक सत्ता को संभाला. वहीं, 1990 से लेकर 1995 तक उन्होंने मंडल कमीशन को आधार बनाकर जमकर मंडल की राजनीति की. दूसरे कार्यकाल में लालू यादव ने एमवाई समीकरण लाया और अपने वोट बैंक को मजबूत कर सत्ता पर काबिज रहे. वहीं, तीसरे कार्यकाल में लालू यादव ने अगड़े पिछड़े आरक्षण के जरिए अपने वोट बैंक को कायम रखा.

पेश है रिपोर्ट

सुशासन के नाम पर नीतीश की सरकार
हालांकि 2005 आते-आते बिहार की जनता को यह महसूस होने लगा था कि राज्य विकास के दौड़ में पिछड़ रहा है. ऐसे में नीतीश कुमार के नाम पर बिहार की जनता ने मुहर लगाई और एनडीए की सरकार बनी. उसके बाद से सीएम नीतीश कुमार सुशासन के नाम पर प्रदेश में सत्ता संभाले हुए हैं.

politics of bihar revolves around social engineering and development over the years
निखिल आनंद, बीजेपी प्रवक्ता

चुनावी मौसम में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू
एक बार फिर से विधानसभा चुनाव 2020 करीब आने के साथ ही राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. बीजेपी आरजेडी पर हमला करते हुए कह रही है कि आरजेडी समाज को बांट कर सत्ता की सीढ़ियां चढ़ना चाहती है, लेकिन बिहार की जनता सब कुछ समझ चुकी है. पार्टी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि लालू यादव ने जातिवाद, अगड़े-पिछड़े और आरक्षण जैसे मुद्दों को हवा देकर राजनीति की, लेकिन अब जनता उनकी पार्टी के बहकावे में आने वाली नहीं है.

politics of bihar revolves around social engineering and development over the years
रामानुज प्रसाद, आरजेडी प्रवक्ता

आरजेडी का पलटवार
बीजेपी के आरोपों पर आरेजडी ने पलटवार करते हुए तिखी प्रतिक्रिया दी है. आरजेडी प्रवक्ता रामानुज प्रसाद ने कहा कि बीजेपी के लोग देश और समाज को बांटने की राजनीति करते हैं. हमारी पार्टी दबे कुचले दलित और शोषित वर्गों की चिंता करती है और हम उनके हक की बात करते हैं.

politics of bihar revolves around social engineering and development over the years
डॉ. संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

नई परिस्थिति में तेजस्व कर रहे हैं राजनीति
बिहार की राजनीति को लेकर राजनीतिक विश्लेषक डॉ. संजय कुमार ने बताया कि लालू यादव ने बड़े ही साफगोई से एजेंडा तय किया. उन्होंने कभी मंडल तो कभी एमवाई समीकरण को हवा देकर राजनीति की. लेकिन परिस्थित बदली लोगों ने विकास के नाम पर नीतीश कुमार को चुना है. वहीं, फिर से एक बार नई परिस्थितियों में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने पिता के स्टैंड से अलग राह अख्तियार किया है. तेजस्वी यादव विकास के साथ-साथ युवाओं की बात कर राजनीति करने में लगे हैं. तेजस्वी यादव को शायद यह लग रहा है कि नीतीश कुमार को उनके ही हथियार से शिकस्त दी जा सकती है.

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 होने वाला है. इसके लिए जोर शोर से तैयारी जारी है. बिहार की राजनीति लंबे समय तक सोशल इंजीनियरिंग, आरक्षण और जातिवाद के इर्द गिर्द घूमती रही है. नीतीश कुमार ने लालू यादव के सोशल इंजीनियरिंग को चुनौती देकर सुशासन के बुनियाद पर बिहार में सरकार बनाई तो एक बार फिर से नई परिस्थिति देखने को मिल रही है.

लालू यादव ने अगड़े पिछड़े की राजनीति को बनाया था हथियार
बता दें कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव जनता की नब्ज टटोलने में माहिर थे. उन्होंने सोशल इंजीनियरिंग को हथियार बनाया और 1990 से 2005 तक सत्ता को संभाला. वहीं, 1990 से लेकर 1995 तक उन्होंने मंडल कमीशन को आधार बनाकर जमकर मंडल की राजनीति की. दूसरे कार्यकाल में लालू यादव ने एमवाई समीकरण लाया और अपने वोट बैंक को मजबूत कर सत्ता पर काबिज रहे. वहीं, तीसरे कार्यकाल में लालू यादव ने अगड़े पिछड़े आरक्षण के जरिए अपने वोट बैंक को कायम रखा.

पेश है रिपोर्ट

सुशासन के नाम पर नीतीश की सरकार
हालांकि 2005 आते-आते बिहार की जनता को यह महसूस होने लगा था कि राज्य विकास के दौड़ में पिछड़ रहा है. ऐसे में नीतीश कुमार के नाम पर बिहार की जनता ने मुहर लगाई और एनडीए की सरकार बनी. उसके बाद से सीएम नीतीश कुमार सुशासन के नाम पर प्रदेश में सत्ता संभाले हुए हैं.

politics of bihar revolves around social engineering and development over the years
निखिल आनंद, बीजेपी प्रवक्ता

चुनावी मौसम में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू
एक बार फिर से विधानसभा चुनाव 2020 करीब आने के साथ ही राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. बीजेपी आरजेडी पर हमला करते हुए कह रही है कि आरजेडी समाज को बांट कर सत्ता की सीढ़ियां चढ़ना चाहती है, लेकिन बिहार की जनता सब कुछ समझ चुकी है. पार्टी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि लालू यादव ने जातिवाद, अगड़े-पिछड़े और आरक्षण जैसे मुद्दों को हवा देकर राजनीति की, लेकिन अब जनता उनकी पार्टी के बहकावे में आने वाली नहीं है.

politics of bihar revolves around social engineering and development over the years
रामानुज प्रसाद, आरजेडी प्रवक्ता

आरजेडी का पलटवार
बीजेपी के आरोपों पर आरेजडी ने पलटवार करते हुए तिखी प्रतिक्रिया दी है. आरजेडी प्रवक्ता रामानुज प्रसाद ने कहा कि बीजेपी के लोग देश और समाज को बांटने की राजनीति करते हैं. हमारी पार्टी दबे कुचले दलित और शोषित वर्गों की चिंता करती है और हम उनके हक की बात करते हैं.

politics of bihar revolves around social engineering and development over the years
डॉ. संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

नई परिस्थिति में तेजस्व कर रहे हैं राजनीति
बिहार की राजनीति को लेकर राजनीतिक विश्लेषक डॉ. संजय कुमार ने बताया कि लालू यादव ने बड़े ही साफगोई से एजेंडा तय किया. उन्होंने कभी मंडल तो कभी एमवाई समीकरण को हवा देकर राजनीति की. लेकिन परिस्थित बदली लोगों ने विकास के नाम पर नीतीश कुमार को चुना है. वहीं, फिर से एक बार नई परिस्थितियों में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने पिता के स्टैंड से अलग राह अख्तियार किया है. तेजस्वी यादव विकास के साथ-साथ युवाओं की बात कर राजनीति करने में लगे हैं. तेजस्वी यादव को शायद यह लग रहा है कि नीतीश कुमार को उनके ही हथियार से शिकस्त दी जा सकती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.