पटना: बिहार विधान परिषद के सभापति देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि सभी पार्टियों को अपनी बातों को रखने की आजादी है. उन्होंने ये बातें शुक्रवार को मानसून सत्र के समापन के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए कहीं. सदन की कार्यवाही के बारे में बताते हुए कहा कि शुरुआती दौर में एक दिन सदन हंगामेदार रहा. लेकिन यह स्वभाविक है.
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"जो नॉर्मल सवाल होते हैं, वह पूछे गए. आज अंतिम दिन था. सत्र पांच दिनों का था, जो सोमवार से शुरू हुआ था. सदन की जो प्रक्रिया रहती है, उसी के अनुरूप सवाल पूछे गए. राजनीतिक दल को हक है कि वह अपनी आवाज को उठा सके. उनको वाकआउट करने का भी अधिकार है."- देवेश चंद्र ठाकुर, सभापति, बिहार विधान परिषद
सारे के सारे प्रश्न निपट गएः प्रोफेसर देवेश चंद्र ठाकुर ने कहा कि जितने भी हमारे प्रश्न थे, वह सारे के सारे निपट गए हैं. किसी दिन कम या फिर किसी दिन ज्यादा होते रहता है. कभी कोई ऐसे भी प्रश्न होते हैं जिन पर लंबी चर्चा हो जाती है, उस दिन दूसरे प्रश्न बाधित हो जाते हैं. विपक्ष के सदस्य अपनी बातों को उठाते हैं कभी-कभी वेल में भी चले आते हैं, प्रोटेस्ट भी करते हैं. उसमें नहीं चाहते हुए भी कुछ बोल देते हैं.
कैंटीन की कमी महसूस हो रही थी: विधान परिषद के नए कैंटीन के बारे में जानकारी देते हुए सभापति ने कहा कि खाली हॉल था और कैंटीन की कमी महसूस हो रही थी. एक अच्छी जगह हो जहां बैठकर नाश्ता किया जा सके. मुख्यमंत्री ने इसका उद्घाटन किया है. मुझे उम्मीद है कि यह कैंटीन लोकप्रिय होगी. वहां स्वादिष्ट व्यंजन मिलेंगे. बारिश में विधान परिषद परिसर में पानी के लग जाने के बारे में सभापति ने कहा कि हमें जानकारी प्राप्त हुई है कि विधानसभा के बाहर कोई पुरानी पाइप फट गई है, उसे दुरुस्त कर लिया जाएगा.