पटना: सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को उम्मीदवार चयन को लेकर निर्देश जारी किए हैं. चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट के जरिए दागी और आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों की उम्मीदवारी पर नकेल कसने की कोशिश की गई है.
आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों कि लिए निर्देश
इस निर्देश के अनुसार किसी भी आपराधिक मुकदमा लड़ रहे व्यक्ति को उम्मीदवार बनाने पर 48 घंटे के भीतर दो अखबारों में विज्ञापन जारी करना होगा. इसमें उम्मीदवारों के चयन को लेकर पार्टी को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी होगी. इसके अलावा 72 घंटे के भीतर चुनाव आयोग को भी उम्मीदवारों के बारे में जानकारी देनी होगी.
फैसले का स्वागत
इस मामले पर देश की राष्ट्रीय पार्टी कांग्रेस का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से राजनीति में आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों के प्रवेश पर कड़ा प्रतिबंध लगेगा. बिहार कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौर का मानना है कि इस नियम के बाद आपराधिक प्रवृत्ति और जिनके ऊपर मुकदमा दर्ज है, वैसे व्यक्तियों की उम्मीदवारी राजनीतिक पार्टियों के लिए मजबूरी नहीं रहेगी.
कांग्रेस की शंका
राजेश राठौर आशंका जाहिर करते हुए कहते हैं कि अगर उम्मीदवारी के लिए कोई व्यक्ति अपनी निजी जानकारी में आपराधिक मुकदमों का उल्लेख ना करें तो इस अवस्था में दोषी कौन होगा. हालांकि कांग्रेस प्रवक्ता का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग के इस निर्णय निर्णय का सभी राजनीतिक दलों को पालन करना चाहिए.
एनडीए पर हमला
वहीं चुनाव आयोग के इस फैसले का राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने भी स्वागत किया. उनका मानना है कि इससे अपराधियों के मनोबल पर कड़ा प्रहार होगा. राजद प्रवक्ता का कहना है कि सबसे अधिक आपराधिक छवि के लोग एनडीए में है. राजद नेता तेजस्वी यादव ने पूर्व में भी घोषणा कर रखी है कि पार्टी किसी भी अपराधी को टिकट नहीं देगी.