पटना: चुनावी रणनीतिकार और जदयू के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाने की तैयारी में हैं. पीके के लिए उनकी टीम लगातार काम कर रही है. बिहार की तमाम पंचायतों का सर्वे और मूल्यांकन का काम जारी है. दिल्ली चुनाव के नतीजों के बाद प्रशांत किशोर अपना पूरा ध्यान बिहार पर केंद्रित करेंगे.
वोटर की नब्ज टटोलने में माहिर pk
पीके बिहार की राजनीति में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने की तैयारी में हैं. प्रशांत किशोर बिहार के बक्सर जिले के रहने वाले हैं और बिहार की राजनीति में उनकी अच्छी खासी दिलचस्पी है. जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद पर रहते हुए पीके ने जनता की नब्ज टटोलने में कामयाबी हासिल की थी.
24 घंटे काम कर रही प्रशांत किशोर की टीम
प्रशांत किशोर की कंपनी आईपैक के लिए लगभग 3 सालों से 24 घंटे काम कर रहे हैं. दिल्ली फतह के बाद चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की नजर बिहार में मिशन 2020 पर है. प्रशांत किशोर बिहार के राजनीतिक दलों से बातचीत कर जहां एक ओर गैर भाजपा जदयू गठबंधन बनाने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ इस बात की संभावना प्रबल है कि प्रशांत किशोर आम आदमी पार्टी के लिए बिहार में चेहरा हो सकते हैं.
मिशन 2020 की तैयारी में जुटे pk
प्रशांत किशोर की टीम सर्वे कर पता लगाने की कोशिश में है कि कौन-कौन से ग्रुप फ्लोटिंग वोटर्स हैं. प्रशांत किशोर आने वाले कुछ दिनों में अपने राजनीतिक कदम का खुलासा कर देंगे. लेकिन जो संकेत मिल रहे हैं उससे यह साफ है कि आम आदमी पार्टी बिहार में पीके को अपना चेहरा बना सकती है.
कार्यकर्ताओं में उत्साह
आप पार्टी के बिहार प्रदेश के कार्यकर्ता भी उत्साहित हैं. पार्टी प्रवक्ता शशिकांत ने बताया कि दिल्ली में प्रशांत किशोर की भूमिका अहम रही है और वह बिहार में अगर हमारी पार्टी से जुड़ते हैं तो इसका फायदा मिलेगा, लेकिन इस पर अंतिम निर्णय शीर्ष नेतृत्व को करना है.
pk की रणनीति सिरे से खारिज कर रही BJP
वहीं, भाजपा ने प्रशांत किशोर की भूमिका को सिरे से खारिज किया है. पार्टी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा है कि किसी के राजनीति में आने से कोई फर्क नहीं पड़ता. नीतीश कुमार बिहार में चेहरा हैं और एनडीए उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ेगी. भारी मतों के अंतर से हमारी जीत होगी.
2020 में होगा दिलचस्प मुकाबला
राजनीतिक विश्लेषक डीएम दिवाकर ने कहा कि केजरीवाल मोडल एक बार फिर चर्चा में है. केजरीवाल ने विकास की जो रूपरेखा तय की उस पर मुहर लगी है और इसका असर व्यापक होगा. क्योंकि दिल्ली में बड़ी संख्या में बिहारी रहते हैं. यह मैसेज बिहार तक भी ट्रेवल करेगा. डीएम दिवाकर का मानना है कि प्रशांत किशोर अगर बिहार में आम आदमी पार्टी के साथ जुड़ते हैं तो ऐसी स्थिति में मुकाबला दिलचस्प हो सकता है.