पटना: राबड़ी आवास पर राजद विधायकों को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने लालू प्रसाद यादव को अक्टूबर में बेल मिलने की बात कही. इसको लेकर अब प्रदेश में सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. एक तरफ जहां राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह राजद सुप्रीमों की जामानत की पैरवी की. वहीं, जदयू और भाजपा ने नेता प्रतिपक्ष पर करारा हमला बोला है.
लालू यादव के जमानत को लेकर राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. लालू यादव को तो पहले ही जेल से बाहर ही होना चाहिए था. जो लोग उनसे भयभीत हैं. वे लोग उन्हें (लालू यादव) षड्यंत्र के तहत बाहर नहीं आने दे रहे हैं.
'जदयू ने तेजस्वी पर साधा निशाना'
तेजस्वी के बयान पर निशाना साधते हुए जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल ने कहा कि 'पार्टी में हो रहे टूट के बाद तेजस्वी को घूम-फिर कर लालू प्रसाद का नाम लेना पड़ा'. पार्टी को ऐसे एकजुट करने के लिए इस तरह का बयान तो ठीक है. लेकिन नेता प्रतिपक्ष खुद कोर्ट-कचहरी बनने की कोशिश भी करने लगे हैं. एक जिम्मेवार नेता होने के नाते उन्हें कोर्ट के मामले पर बयान देने से बचना चाहिए.
'तेजस्वी यादव में कोई गुण नहीं केवल लालू पुत्र'
जदयू प्रवक्ता निखिल मंडल यहीं नहीं रूके उन्होंने तेजस्वी पर हमला बोलते हुए कहा कि तेजस्वी यादव की पहचान केलव लालू प्रसाद यादव के पुत्र के रूप में है. इसके अलावा तेजस्वी में कोई गुण नहीं है. उनमें जननेता बनने की कोई क्षमता नहीं है.
भाजपा ने भी बोला हमला
तेजस्वी के बायन के बाद भाजपा ने भी राजद पर हमला बोला. इस मामले पर भाजपा के वरिष्ठ नेता नवल किशोर यादव ने कहा है कि तेजस्वी यादव न्यायालय का अपमान कर रहे हैं. उनके बयान से ऐसा लगता है कि उन्हीं के आदेश से न्यायालय के क्रियाकलाप संचालित होते हैं. तेजस्वी कभी न्यायालय को लेकर बयानबाजी करते हैं, तो कभी चुनाव आयोग को लेकर बयानबाजी करते हैं. नेता प्रतिपक्ष को संवैधानिक संस्थाओं पर भरोसा नहीं है.
लालू नाम के सहारे पार्टी को एकजुट करने की कोशिश
गौरतलब है कि बिहार में भाजपा-जदयू की व्यवस्थित तरीके से एकजुट है. ऐसी स्थिति में महागठबंधन का मुकाबला राजग से आसान नहीं दिख रहा है. वहीं, पार्टी में हो रही लगातार टूट के बाद राजद तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बैटल फील्ड में जाने की तैयारी में जुटी हुई है. चुनाव मैदान में जाने से पहले तेजस्वी यादव प्रचार से विचार तक के हर मोर्चे पर लालू के नाम का भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं. हालांकि, इन सब मुद्दों के बीच जदयू के एक बार फिर से राजद पर हमला करने का मौका मिल गया.