पटना: बिहार पुलिस में सिपाही बहाली को फुलफिल करने के लिए भर्ती की जा रही है. भविष्य में होने वाले सिपाहियों के बुनियादी प्रशिक्षण के लिए फिलहाल 9 केंद्र तय किए गए हैं. नए बहाल सिपाहियों की ट्रेनिंग 9 केंद्रों पर होगी.
कई जिलों के सेंटर में दी जाएगी ट्रेनिंग
रीजनल ट्रेनिंग सेंटर के अलावा कांस्टेबल ट्रेनिंग स्कूल सिमुलतला का चयन इसके लिए किया गया है. फिलहाल यह भी बीएमपी 11 जमुई में रीजनल ट्रेनिंग सेंटर के तौर पर काम कर रहा है. इसके अलावा सिपाहियों का बुनियादी प्रशिक्षण डेहरी ऑन-सोन जमालपुर, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सुपौल, डुमराव और कटिहार स्थित बीएमपी बटालियन के रीजनल ट्रेनिंग सेंटर में होगा. पुलिस मुख्यालय के डीजे जितेंद्र कुमार के मुताबिक अभियान के तहत लगातार पुलिस फोर्स में खाली पदों को भरा जा रहा है.
12,000 पुलिसकर्मियों को भरने की प्रक्रिया
फिलहाल एक तरफ जहां 12,000 पुलिसकर्मियों को भरने की प्रक्रिया चल रही है. जानकारी के मुलाबिक 8500 और पुलिसकर्मियों की भर्ती तैयारी चल रही है. जल्द ही सभी भरकर पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग दी जाएगी. एडीजी जितेंद्र कुमार के मुताबिक अब तक चल रहे तीन ट्रेनिंग सेंटर में पुलिसकर्मियों की ट्रेनिंग कराने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. जिस वजह से आठ और बीएमपी कैंपस में ट्रेनिंग करवाने का निर्णय लिया गया है.
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पुलिसकर्मियों बारी का करना पड़ता था इंतजार
ट्रेनिंग सेंटर की संख्या कम होने की वजह से पुलिसकर्मियों को अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता था. ज्यादातर पुलिस कर्मी बिना ट्रेनिंग के ही कार्य करने लगते थे. बाद में उन्हें ट्रेनिंग दिया जाता था. बिहार पुलिस के सिपाही बेसिक ट्रेनिंग को सीसीटीए से सिमुलतला और आठ रीजनल ट्रेनिंग सेंटर मिल ले सकेंगे. साथ ही एएसआई और ऊपर के पुलिस अफसरों का सेवाकालीन प्रशिक्षण एकेडमी में होगा.
प्रोन्नति वाले कराए जाएंगे कोर्स
नाथनगर के सिपाही प्रशिक्षण स्कूल और डुमरा स्थित सैन्य पुलिस प्रशिक्षण केंद्र में प्रोन्नति वाले कोर्स कराए जाएंगे. इसमें प्रमुख रूप से सिपाही से एएसआई बनने के लिए जरूरी पीटीसी और सिपाही से हवलदार में प्रोन्नति के लिए आवश्यक एसएलसी कोर्स शामिल होगा. इसके अलावा भी यहां पर दूसरे कोर्स यहां कराए जाएंगे. इसी तरह चालक सिपाही और वैसे सिपाही जिनका प्रशिक्षण अधूरा रह गया है या वह अपने बैच के साथ पास नहीं कर पाए हैं, उन्हें डुमराव स्थिति एमपीटीसी में ट्रेंड किया जाएगा.
बिहार राज्य के विभाजन के बाद महज बिहार में सिपाही ट्रेनिंग के लिए नाथनगर ही था. जिसके बाद डुमराव और जमुई में ट्रेनिंग सेंटर खोला गया था, जो आज भी कार्यरत है. -जितेंद्र कुमार, एडीजी, पुलिस मुख्यालय