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सरकारी घोषणाओं पर दुविधा में पुलिसकर्मी-शिक्षक, 50 लाख मुआवजा और पेंशन को लेकर क्या है डर? जानिए - Policemen die from Corona

कोरोना काल में सभी फ्रंटलाइन वर्करों सहित पुलिसकर्मियों और शिक्षकों की मौत को लेकर सरकार ने कई घोषणाएं की हैं. लेकिन सरकार की घोषणा पर दोनों ही वर्गों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. एक तरफ शिक्षक पंचायती राज को लेकर दुविधा में पड़े हैं, वहीं पुलिसकर्मी प्रावधान को जल्द लागू करने की मांग कर रहे हैं.

पटना
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Published : May 8, 2021, 11:06 PM IST

पटनाः कोरोना महामारी का समाज के हर तबके पर गहरा प्रभाव पड़ा है. बड़ी संख्या में आम लोगों, प्रशासनिक अधिकारियों, नेताओं से लेकर, स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिसकर्मियों की जानें गई हैं. वहीं इसे लेकर बिहार के पुलिसकर्मी और शिक्षक सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

इसे भी पढ़ेंःहाय रे बिहार! कहीं धूल फांक रही एंबुलेंस, कहीं ठेले पर ढोये जा रहे मरीज

सरकार की घोषणा पर असमंजस की स्थिति
कोविड काल में सरकारी कर्मचारी की मौत पर बिहार सरकार ने 50 लाख रूपये का मुआवजा और पारिवारिक पेंशन जैसे अन्य सुविधाएं देने की घोषणा की है. वहीं इस घोषणा से पुलिसकर्मी जहां असंतुष्टि जता रहे हैं, वहीं शिक्षक असमंजस की स्थिति में हैं. बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि 300 से ज्यादा शिक्षकों की जान कोरोना के कारण जा चुकी है. लेकिन योजना की लाभ को लेकर सरकार ने अब तक स्पष्ट नहीं किया है. इनमें प्रमुख तौर पर ₹50 लाख का मुआवजा और पारिवारिक पेंशन के साथ परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का प्रावधान किया गया है, वह पंचायती राज के अधीन शिक्षकों पर लागू है या नहीं.

इसे भी पढ़ेंः पप्पू यादव के खिलाफ FIR दर्ज, लॉकडाउन उल्लंघन और एंबुलेंस में तोड़फोड़ का आरोप

200 पुलिसकर्मी संक्रमित, 13 की मौत
बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में अब तक कम से कम 13 पुलिसकर्मियों की मौत कोरोना के कारण हुई है, जबकि 200 से ज्यादा संक्रमित है. इनमें से कई संक्रमण से उबरने के बाद फिर से ड्यूटी भी कर रहे हैं. ऐसे वक्त में सरकार ने पुलिसकर्मियों के लिए जो पारिवारिक पेंशन की घोषणा की है वह काबिले तारीफ है. मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि सरकार से उम्मीद है कि वह 50 लाख का मुआवजा देने का प्रावधान जल्द से जल्द लागू करे.

पटनाः कोरोना महामारी का समाज के हर तबके पर गहरा प्रभाव पड़ा है. बड़ी संख्या में आम लोगों, प्रशासनिक अधिकारियों, नेताओं से लेकर, स्वास्थ्यकर्मियों और पुलिसकर्मियों की जानें गई हैं. वहीं इसे लेकर बिहार के पुलिसकर्मी और शिक्षक सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

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सरकार की घोषणा पर असमंजस की स्थिति
कोविड काल में सरकारी कर्मचारी की मौत पर बिहार सरकार ने 50 लाख रूपये का मुआवजा और पारिवारिक पेंशन जैसे अन्य सुविधाएं देने की घोषणा की है. वहीं इस घोषणा से पुलिसकर्मी जहां असंतुष्टि जता रहे हैं, वहीं शिक्षक असमंजस की स्थिति में हैं. बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि 300 से ज्यादा शिक्षकों की जान कोरोना के कारण जा चुकी है. लेकिन योजना की लाभ को लेकर सरकार ने अब तक स्पष्ट नहीं किया है. इनमें प्रमुख तौर पर ₹50 लाख का मुआवजा और पारिवारिक पेंशन के साथ परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का प्रावधान किया गया है, वह पंचायती राज के अधीन शिक्षकों पर लागू है या नहीं.

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200 पुलिसकर्मी संक्रमित, 13 की मौत
बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि बिहार में अब तक कम से कम 13 पुलिसकर्मियों की मौत कोरोना के कारण हुई है, जबकि 200 से ज्यादा संक्रमित है. इनमें से कई संक्रमण से उबरने के बाद फिर से ड्यूटी भी कर रहे हैं. ऐसे वक्त में सरकार ने पुलिसकर्मियों के लिए जो पारिवारिक पेंशन की घोषणा की है वह काबिले तारीफ है. मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा कि सरकार से उम्मीद है कि वह 50 लाख का मुआवजा देने का प्रावधान जल्द से जल्द लागू करे.

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