ETV Bharat / state

पुलिस के अधिकारी भी लेंगे गुरिल्ला वॉर ट्रेनिंग, सीखेंगे कैसे करे आतंकियों का मुकाबला

बिहार पुलिस (Bihar Police) के जवानों के साथ ही अब अधिकारियों को भी जंगल वारफेयर और स्वाट (स्पेशल विपंस एण्ड टैक्टिस) का प्रशिक्षण दिया जाएगा. ताकि वे डाकू लुटेरों का ही नहीं बल्कि आतंकियों का मुकाबला भी कर सकें. पढ़िये पूरी खबर..

raw
raw
author img

By

Published : Sep 3, 2021, 1:39 PM IST

पटना: बिहार पुलिस (Bihar Police) के जवान और अधिकारियों का सामना सिर्फ डाकू, लुटेरों से ही नहीं होता बल्कि नक्सलियों, आतंकियों और संगठित आपराधिक गिरोह से भी इन्हें निपटना पड़ता है. ऐसे में जिला पुलिस और विशेष सशस्त्र पुलिस (Special Armed Police) को विशेष प्रशिक्षण के साथ-साथ जंगल वारफेयर और स्वाट (स्पेशल विपंस एण्ड टैक्टिस) का प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि जवान हर परिस्थिति का मुकाबला करने के लिए तैयार रहें.

यह भी पढ़ें- बालू और शराब माफियाओं में नहीं रहा खाकी का खौफ, पुलिस पर भी कर रहे हमला

जवानों को हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार किया जाएगा. पुलिस के जवानों को नक्सलियों और आतंकियों का सामना करने के समय उनकी ये ट्रेनिंग ही काम आती है. अब बिहार पुलिस, जवानों के साथ अपने अफसरों की ट्रेनिंग पर भी पूरा ध्यान दे रही है. दरअसल बिहार में पहली बार बिहार पुलिस एकेडमी (Bihar Police Academy) में प्रशिक्षु दारोगा को जंगल वारफेयर का प्रशिक्षण दिलवाया गया है.

दरअसल झारखंड से अलग होने के बाद बिहार पुलिस के पास प्रशिक्षण संस्थानों की कहीं ना कहीं किल्लत थी. हालांकि अब स्थिति बदल चुकी है. राजगीर पुलिस एकेडमी के निर्माण के बाद नवनियुक्त पुलिस अफसरों को वहां प्रशिक्षण दिलवाया जा रहा है. पहली बार राजगीर ट्रेनिंग सेंटर से इतनी बड़ी संख्या में दारोगा पास आउट हुए हैं.

इस बैच में शामिल सभी दारोगा को जंगलवार फेयर की भी ट्रेनिंग दी गई है. पुलिस मुख्यालय ने निर्णय लिया है कि अब पुलिस के जवानों के साथ साथ उनके अफसरों को भी जंगलवार फेयर ट्रेनिंग दिलवाया जाएगा. हालांकि साल 2013- 14 में ही सीएम नीतीश कुमार ने नक्सलियों आतंकियों से लड़ने को लेकर यह निर्णय लिया था लेकिन ट्रेनिंग कैंप की कमी की वजह से यह चालू नहीं हो पाया था. कुछ विशेष ट्रेनिंग के लिए कुछ जवानों को दूसरे राज्य भेजना पड़ता था अब इसकी भी समस्या बिहार में खत्म हो गई है.

आपको बता दें कि जंगलवार फेयर में जंगल और पहाड़ में गुरिल्ला लड़ाई की ट्रेनिंग दी जाती है. वहीं स्वाट प्रशिक्षण का मकसद आतंकी हमले या अन्य विशेष परिस्थितियों में लड़ने के लिए जवानों को तैयार करना होता है. एसटीएफ की ट्रेनिंग सेंटर में सिर्फ उसके जवानों को ही ट्रेनिंग नहीं बल्कि एसटीएफ जिला पुलिस बल, विशेष सशस्त्र पुलिस और एटीएस जैसे फोर्स को भी विशेष तरह का प्रशिक्षण दिया जाएगा.

नक्सली गुरिल्ला लड़ाई में माहिर होते हैं, लिहाजा जंगलों में उन्हें जवाब देने के लिए जवानों को गुरिल्ला लड़ाई के गुर सिखाए जाएंगे.स्पेशल वेपंस एंड टेक्टिस (स्वाट) एक खास तरह का प्रशिक्षण है इसमें जवानों को बड़े और छोटे आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल का प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि उन्हें आतंकी हमलों के समय और विषम परिस्थिति में जवान मुकाबला करने में सक्षम हों.

यह भी पढ़ें- VIDEO: पहली बार बिहार की 596 बेटियां बनीं सब इंस्पेक्टर, नजारा देख गौरान्वित हुए CM

यह भी पढ़ें- बिहार को मिले 1605 दारोगा, पुलिस अकादमी राजगीर में हुआ पासिंग आउट परेड

पटना: बिहार पुलिस (Bihar Police) के जवान और अधिकारियों का सामना सिर्फ डाकू, लुटेरों से ही नहीं होता बल्कि नक्सलियों, आतंकियों और संगठित आपराधिक गिरोह से भी इन्हें निपटना पड़ता है. ऐसे में जिला पुलिस और विशेष सशस्त्र पुलिस (Special Armed Police) को विशेष प्रशिक्षण के साथ-साथ जंगल वारफेयर और स्वाट (स्पेशल विपंस एण्ड टैक्टिस) का प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि जवान हर परिस्थिति का मुकाबला करने के लिए तैयार रहें.

यह भी पढ़ें- बालू और शराब माफियाओं में नहीं रहा खाकी का खौफ, पुलिस पर भी कर रहे हमला

जवानों को हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार किया जाएगा. पुलिस के जवानों को नक्सलियों और आतंकियों का सामना करने के समय उनकी ये ट्रेनिंग ही काम आती है. अब बिहार पुलिस, जवानों के साथ अपने अफसरों की ट्रेनिंग पर भी पूरा ध्यान दे रही है. दरअसल बिहार में पहली बार बिहार पुलिस एकेडमी (Bihar Police Academy) में प्रशिक्षु दारोगा को जंगल वारफेयर का प्रशिक्षण दिलवाया गया है.

दरअसल झारखंड से अलग होने के बाद बिहार पुलिस के पास प्रशिक्षण संस्थानों की कहीं ना कहीं किल्लत थी. हालांकि अब स्थिति बदल चुकी है. राजगीर पुलिस एकेडमी के निर्माण के बाद नवनियुक्त पुलिस अफसरों को वहां प्रशिक्षण दिलवाया जा रहा है. पहली बार राजगीर ट्रेनिंग सेंटर से इतनी बड़ी संख्या में दारोगा पास आउट हुए हैं.

इस बैच में शामिल सभी दारोगा को जंगलवार फेयर की भी ट्रेनिंग दी गई है. पुलिस मुख्यालय ने निर्णय लिया है कि अब पुलिस के जवानों के साथ साथ उनके अफसरों को भी जंगलवार फेयर ट्रेनिंग दिलवाया जाएगा. हालांकि साल 2013- 14 में ही सीएम नीतीश कुमार ने नक्सलियों आतंकियों से लड़ने को लेकर यह निर्णय लिया था लेकिन ट्रेनिंग कैंप की कमी की वजह से यह चालू नहीं हो पाया था. कुछ विशेष ट्रेनिंग के लिए कुछ जवानों को दूसरे राज्य भेजना पड़ता था अब इसकी भी समस्या बिहार में खत्म हो गई है.

आपको बता दें कि जंगलवार फेयर में जंगल और पहाड़ में गुरिल्ला लड़ाई की ट्रेनिंग दी जाती है. वहीं स्वाट प्रशिक्षण का मकसद आतंकी हमले या अन्य विशेष परिस्थितियों में लड़ने के लिए जवानों को तैयार करना होता है. एसटीएफ की ट्रेनिंग सेंटर में सिर्फ उसके जवानों को ही ट्रेनिंग नहीं बल्कि एसटीएफ जिला पुलिस बल, विशेष सशस्त्र पुलिस और एटीएस जैसे फोर्स को भी विशेष तरह का प्रशिक्षण दिया जाएगा.

नक्सली गुरिल्ला लड़ाई में माहिर होते हैं, लिहाजा जंगलों में उन्हें जवाब देने के लिए जवानों को गुरिल्ला लड़ाई के गुर सिखाए जाएंगे.स्पेशल वेपंस एंड टेक्टिस (स्वाट) एक खास तरह का प्रशिक्षण है इसमें जवानों को बड़े और छोटे आधुनिक हथियारों का इस्तेमाल का प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि उन्हें आतंकी हमलों के समय और विषम परिस्थिति में जवान मुकाबला करने में सक्षम हों.

यह भी पढ़ें- VIDEO: पहली बार बिहार की 596 बेटियां बनीं सब इंस्पेक्टर, नजारा देख गौरान्वित हुए CM

यह भी पढ़ें- बिहार को मिले 1605 दारोगा, पुलिस अकादमी राजगीर में हुआ पासिंग आउट परेड

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.