पटना: प्रदेश में इन दिनों लगातार साइबर अपराध में वृद्धि हो रही है. जिसके मद्देनजर गृह मंत्रालय भारत सरकार के साइबर क्राइम प्रीवेंशन फॉर वूमेन एंड चिल्ड्रन स्कीम योजना के अंतर्गत राज्य के 630 थाना अध्यक्ष स्तर के पुलिस पदाधिकारी और 32 पुलिस उपाधीक्षक को पांच दिवसीय साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन ट्रेनिंग दी जा रही है.
वेबीनार के माध्यम से दी जा रही है ट्रेनिंग
वेबीनार के माध्यम से दी जा रही ट्रेनिंग में अधिकारियों को वर्तमान में व्हाट्सएप फेसबुक टि्वटर इंस्टाग्राम और विभिन्न तरह से हो रहे फ्रॉड की जानकारी दी जा रही है.
अलग-अलग टीम बनाकर दिया जा रहा है प्रशिक्षण
आर्थिक अपराध इकाई के साइबर एक्सपर्ट अभिनव सौरभ द्वारा बिहार के पुलिस पदाधिकारियों को साइबर क्राइम के अनुसंधान की जानकारी दी जा रही है. उन्हें साइबर से जुड़े अपराध के बारे में जानकारी देने के साथ साथ अनुसंधान क्रिमिनल को पकड़ने और कोर्ट में प्रस्तुत करने की जानकारी दी जा रही है.
इस ट्रेनिंग अभियान में कुल 46 थाना अध्यक्षों को फिलहाल रखा गया है. इन्हें दो टीमों में बांटा गया है इनकी ट्रेनिंग ऑफ लाइन और ऑनलाइन के माध्यम से दी जा रही है. इन दोनों टीमो में अलग-अलग ऑफलाइन यानी प्रशिक्षु साइबरक्राइम लैब आर्थिक अपराध इकाई बिहार पटना में आकर दो दिनों का प्रैक्टिकल प्रशिक्षण प्राप्त कराया जाएगा. जिन्हें प्रशिक्षुओं से हैंड्स ऑन कराकर साइबर अपराध अनुसंधान से संबंधित सभी बिंदुओं पर दक्ष प्रदान किया जाएगा. ताकि साइबर अपराध से संबंधित अनुसंधान के हर एक पहलुओं बारीकियों को समझकर साइबर अपराध का गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान कर सकें.
अपर महादिनेशक के आदेश पर दिया जा रहा है प्रशिक्षण
वहीं, इस वेबीनार के माध्यम से अधिकारियों को सूचना संकलन करना, स्कीम ऑफ क्राइम मैनेजमेंट इंस्पेक्शन और घटनास्थल से आवश्यक साक्षरता करना आदि के बारे में पीपीटी के माध्यम से विस्तार से बताया जा रहा है. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के संबंध में आर्थिक अपराध इकाई के अपर पुलिस महानिदेशक जेएस गंगवार के द्वारा साइबर अपराध से निपटने के लिए बिहार के सभी पुलिस पदाधिकारियों को प्रशिक्षित करने एवं उन्हें दक्ष बनाने के लिए लगातार प्रशिक्षण कराया जा रहा है.