पटना: बिहपुर पुलिस की पिटाई से मड़वा निवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर आशुतोष पाठक की माैत के मामले में एसआईटी ने तीन पुलिसकर्मियों को शुक्रवार की देर शाम गिरफ्तार कर लिया है. बिहार मानवाधिकार आयोग के द्वारा नवगछिया पुलिस जिले के बिहपुर थाने के तत्कालीन थाना अध्यक्ष सहित पांच पुलिसकर्मियों को इंजीनियर आशुतोष पाठक को हिरासत में लेकर पिटाई करने का आरोप है.
वहीं पुलिस कस्टडी में उसकी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए थानेदार जमादार और होमगार्ड से वसूले ₹700000 वसूलने का आदेश जारी किया है.
पुलिस का अमानवीय चेहरा
बताया जा रहा है कि मड़वा गांव में मामूली सी बात को लेकर एक युवक की हत्या की गई थी. प्रखंड के मड़वा निवासी आशुतोष कुमार की शनिवार को थाने में ले जाकर बिहपुर थानेदार और अन्य पुलिसकर्मियों ने बेरहमी से पिटाई कर दी. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. मानव अधिकार आयोग के सदस्य उज्जवल कुमार दुबे ने इस मामले में संज्ञान लिया है और डीएम और एसपी से इसकी रिपोर्ट मांगी है.
मृत युवक की पत्नी को ₹700000 का मुआवजा देने की मांग
मानवाधिकार आयोग की तरफ से मृत युवक की पत्नी को ₹700000 का मुआवजा देने तथा क्षतिपूर्ति की यह राशि दोषी पुलिसकर्मियों से वसूलने का आदेश दिया है. सॉफ्टवेयर इंजीनियर आशुतोष पाठक दशहरे में घर बिहपुर स्थित मड़वा आया था. वह 24 अक्टूबर को बाइक से पत्नी स्नेहा पाठक और 2 साल की बेटी मानवी के साथ भरमपुर दुर्गा स्थान में पूजा करने के बाद मंडवा लौट रहा था.
मंडवा महेश स्थान के पास थानेदार रंजीत कुमार मंडल उनके निजी चालक और अन्य पुलिसकर्मी ने उसे रोक लिया. पुलिसकर्मी सिविल ड्रेस में थे. कहासुनी पर पुलिस ने बेटी और पत्नी के सामने इंजीनियर की पिटाई शुरु कर दी थी.
इलाज के दौरान सॉफ्टवेयर इंजीनियर की हुई मौत
परिजनों के अनुसार पुलिस कर्मियों ने हालत खराब होने के बाद उसे परिजनों को सौंप दिया था. इसके बाद उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी. मानवाधिकार आयोग के सदस्य उज्जवल कुमार दुबे के आदेश पर एसपी नवगछिया ने अपनी जांच रिपोर्ट आयोग को सौंपी थी.
इसमें बिहपुर थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष संजीत कुमार निजी चालक मोहम्मद जहांगीर राइन और आलम एएसआई शिवबालक प्रसाद होमगार्ड मनोज कुमार चौधरी राजीव पासवान को दोषी पाया गया है. जिसके खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है. इसकी जांच अभी चल रही है और इस मामले में थानेदार एएसआई को निलंबित किया जा चुका है.