पटना: बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) को सख्ती से लागू करवाने के लिए पुलिस मुख्यालय अलर्ट मोड पर है. शराब तस्करों पर नकेल कसने के साथ-साथ इसके पूरे नेटवर्क और डिलीवरी सिस्टम को अस्थाई रूप से ध्वस्त करने पर योजना तैयार की जा रही है. इसके लिए मुख्यालय (Headquarters Made List Of Liquor Smugglers) ने एक सूची तैयार की है.
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के निर्देश पर पुलिस मुख्यालय ने जिलावार शराब के कारोबारियों के अलावा सभी कुख्यात अपराधियों की सूची तैयार कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. पुलिस मुख्यालय के अनुसार ज्यादातर मामलों में पुलिस को मिल रही सूचना के मुताबिक कुख्यात अपराधी भी अब शराब की तस्करी (Liquor Smuggling In Bihar) में जुट गए हैं. जिन पर नकेल कसने की तैयारी की जा रही है. कहीं ना कहीं इस बार शराब तस्करी नेटवर्क (Liquor Smuggling Network) को अस्थाई रूप से ध्वस्त करने पर फोकस पुलिस मुख्यालय द्वारा किया जा रहा है. रात के समय स्लम बस्तियों के अलावे होटल, ढाबा पर सभी थानों द्वारा छापेमारी की जा रही है.
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पुलिस मुख्यालय ने सभी जिलों को मुख्य रूप से उन लोगों की लिस्ट तैयार (Action On Smugglers In Bihar ) करने का निर्देश दिया गया है, जो शराब के धंधे में पिछले कुछ समय से जुड़े हुए हैं, या उन पर 3 से अधिक मामले दर्ज हैं. मिल रही जानकारी के अनुसार प्रत्येक जिले में लगभग डेढ़ सौ से 200 के आस पास ऐसे लोग हैं, जो शराब के व्यवसाय में संलिप्त हैं.
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ऐसे लोगों के खिलाफ अभियान चलाकर उन पर कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है. पुलिस मुख्यालय के अनुसार ऐसे लोगों को भी चिन्हित किया जा रहा है जो शराब के मामले में जेल की सजा काट चुके हैं और जेल जाने के बाद बेल पर छूटकर फिर से इसी धंधे में लग गए हैं. खासतौर पर उन पर नजर रखने का निर्देश सभी थानों को दिया गया है.
शराबबंदी कानून के तहत पिछले महीने की तुलना में नवंबर महीने में मध निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग द्वारा लगभग डेढ़ गुना अधिक छापेमारी की गई है. 23 नवंबर तक शराबबंदी कानून के तहत पुलिस मुख्यालय के आंकड़े के मुताबिक 1071 केस दर्ज किए गए हैं, जिसमें से 593 लोगों को जेल भेजा गया है.
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वहीं अक्टूबर माह में 1171 केस दर्ज कर 682 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. अक्टूबर माह में 1.81 लाख लीटर शराब की जब्ती की गई थी. पुलिस मुख्यालय को मिल रही सूचना के मुताबिक शराब के केस में जेल जाने वाले करीब 50% लोग वापस लौटने के बाद फिर से उसी धंधे में जुड़ जाते हैं, जोकि बिहार पुलिस के लिए कहीं ना कहीं चिंताजनक बात है. सभी जिला को निर्देश दिया गया है कि ऐसे लोगों को चिन्हित किया जाए. साथ ही अपराधियों की गिरफ्तारी के अलावा लंबित मामलों को भी निकाल कर उनका बेल रद्द (Bail Of Criminals Will Be Canceled) किया जाए.
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