रोहतास: बिहार में मानव तस्करी लगातार बढ़ते जा रहा है. लड़कियों और महिलाओं की तस्करी पर रोक लगाने के लिए पुलिस मुख्यालय के द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं. मानव तस्करी के साथ-साथ बाल श्रम में भी काफी नाबालिक बच्चों और बच्चियों को धकेला जा रहा है. यहां तक की नाबालिक बच्चों, बच्चियों को बहला-फुसलाकर बिहार के बाहर कई राज्यों में बाल श्रम के लिए भी लगातार भेजा जाता रहा है.
ये भी पढ़ें- Human Trafficking In Bihar: मानव तस्करी रोकने को लेकर पुलिस सख्त, साल 2022 में तस्करों की ज्यादा गिरफ्तारी
मानव तस्करी के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई: पुलिस प्रशासन के द्वारा बढ़ती मानव तस्करी को देखते हुए कार्रवाई भी की जाती है. आए दिन कई लोगों को मुक्त भी कराया जा रहा है. वहीं मानव तस्करी में जुड़े अपराध कर्मियों की गिरफ्तारी भी की जाती है. उसी कड़ी में बिहार पुलिस मुख्यालय के द्वारा कमजोर वर्ग अपराध अनुसंधान विभाग के द्वारा निरंतर इसका अनुश्रवण किया जाता रहता है.
मानव व्यापार निरोध इकाई को दिया गया निर्देश: मामला सामने आने के बाद छापेमारी और बरामदगी के साथ प्राथमिकी भी कर कार्रवाई होती रहती है. वहीं मानव तस्करी को रोकने के लिए जिला स्तरीय मानव व्यापार निरोध इकाई को लगातार निर्देश भी दिए जाते हैं. उन लोगों के द्वारा कार्रवाई भी की जाती है. उसी संबंध में इसे रोकने के लिए कई तरह की सामाजिक संस्थाएं भी काम करती है.
जिला मुख्यालयों में चलाया जा प्रशिक्षण कार्यक्रम: जिला मुख्यालयों में जिला स्तरीय व्यापार निरोधक इकाई के पुलिस पदाधिकारियों को संवेदनशील बनाने हेतु चिल्ड्रन फाउंडेशन एवं कमजोर वर्ग के द्वारा अलग-अलग जिला मुख्यालय में लगातार प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाया गया. जिससे कि मानव व्यापार से संबंधित कानून के विषय में मुक्त कराए गए बच्चों के साथ व्यवहार कर्तव्य में संवेदनशीलता विकसित करने और बाल तस्करी एवं यौन शोषण के पीड़ित के साथ कर्तव्य निर्वहन के क्रम में अच्छे व्यवहार एवं ज्ञानवर्धक प्रशिक्षण कार्यक्रम भी चलाया जाता है.
महिलाओं और बच्चियों की तस्करी में बढ़ोतरी: बिहार में बढ़ते महिलाओं और बच्चियों के तस्करी को देखते हुए 21 जून 2023 को विशेष अभियान चलाकर चिल्ड्रन इन स्ट्रीट सिचुएशन के अंतर्गत और सामाजिक संस्थाओं के सहयोग से 88 बच्चों को मुफ्त भी कराया गया है. वहीं अगर हम बात करें वर्ष 2020 की तो मानव व्यापार निरोध विषयक एवं बाल श्रम संबंधित कार्यवाही में पुलिस के द्वारा 75 प्राथमिकी दर्ज की गए हैं. वहीं 102 महिलाओं को मुक्त कराया गया और 79 पुरुष को भी मुक्त कराए गए और मानव तस्करी में संलिप्त 247 तस्करों को गिरफ्तार किया गया है.
2021 में कराया गया 149 महिलाओं को मुक्त: 2021 में 111 प्राथमिकी दर्ज की गई और 149 महिलाओं को मुक्त कराया गया. 235 पुरुष को भी मुक्त कराया गया और 331 मानव तस्कर को गिरफ्तार किया गया. साल 2022 में 260 प्राथमिकी दर्ज किए गए और 252 महिलाओं को मुक्त कराए गए और 499 पुरुष को मुक्त कराया गया. वहीं 560 लोगों को इसमें संलिप्तता पाई गई, जिन्हें गिरफ्तार किया गया. 2023 के जून तक में 79 प्राथमिकी दर्ज हुए हैं. 82 महिलाओं को मुक्त कराया जा चुका है और 185 पुरुषों को भी मुक्त कराया गया है. मानव तस्करी में संलिप्त 94 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
"बढ़ते मानव तस्करी को देखते हुए पुलिस के द्वारा लगातार कई तरह के मुहिम चलाए जा रहे हैं. उसी कड़ी में बिहार के विभिन्न हिस्सों से लगातार मानव तस्करों की गिरफ्तारी की जा रही है. वहीं मानव तस्करों के चंगुल से लोगों को मुक्त भी कराए जा रहे हैं. हालिया दिनों की अगर हम बात करें तो राजधानी पटना में बढ़ते बाल श्रम बस्ती बाल श्रम को देखते हुए लगातार कई तरह के मुहिम चलाए जाते हैं. पटना जंक्शन से अक्सर मानव तस्करों को गिरफ्तार किया जाता रहा है और उनके चंगुल से महिला, बच्चियां, बच्चे एवं पुरुषों को मुक्त भी कराया जाता रहा है."- जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी पुलिस मुख्यालय, बिहार
बच्चों को दें मानव तस्करी से बचने की जानकारी: एडजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि 'अक्सर आपने देखा होगा अच्छे-अच्छे और पढ़े-लिखे लोगों को मानव तस्कर अपने चंगुल में बहला-फुसलाकर ले लेते हैं और महिलाओं तथा बच्चियों को गलत धंधे में धकेलने का काम करते हैं. जिससे जीवन पूरी तरह बर्बाद हो जाता है. ऐसे लोगों से सावधान रहें और अपने बच्चे तथा बच्चियों को मानव तस्करी के विषय में पूरी जानकारी अवश्य दें. ताकि आपके घर के आपके मोहल्ले के बच्चे इस मानव तस्करों के झांसे में नहीं आ सके.'