पटना: पुलिस मुख्यालय की सूत्रों के अनुसार एक अभियान के तहत नक्सली, पुलिस, अर्धसैनिक बलों, पिकेट, बैंक, डाकघर, जेल, सुरक्षा बलों के बेस कैंप, मुखबिरों आदि के साथ ही नेताओं और सरकारी कार्य से जुड़े पदाधिकारी और ठेकेदारों को अपना निशाना बना सकते हैं. इसे लेकर पुलिस मुख्यालय की तरफ से नक्सल प्रभावित जिलों को अलर्ट किया गया है. हालांकि पुलिस मुख्यालय के पदाधिकारी इसे सामान्य स्तर का अलर्ट बता रहे है. बिहार के कई जिलों में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की मुस्तैदी और अभियान ने उनके मनसूबों पर पानी फेर दिया है. ऐसे में प्रतिशोध के लिए नक्सली किसी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते हैं.
नक्सल प्रभावित जिले अलर्ट
पिछले दिनों पुलिस ने अभियान चलाकर गया और औरंगाबाद में नक्सलियों की बड़ी योजनाओं को नाकाम किया था. ऐसे में कहा जा रहा है कि नक्सली अपनी धमक दिखाने के लिए बड़ी घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं. इसी के मद्देनजर पुलिस मुख्यालय के स्पेशल ब्रांच ने नक्सल प्रभावित जिलों को अलर्ट किया है. लेकिन इस बाबत मुख्यालय की ओर से कुछ भी कहने से परहेज किया जा रहा है. साथ ही इसे सामान्य स्तर का अलर्ट बताया जा रहा है.
इन्हें बना सकते हैं नक्सली निशाना
पुलिस मुख्यालय के विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार अभियान के तहत नक्सली पुलिस अर्धसैनिक बलों, पिकेट, बैंक, डाकघर, जेल ,सुरक्षाबलों के बेस कैंप और मुखबिरों आदि के साथ नेताओं और सरकारी कार्य से जुड़े पदाधिकारियों को अपना निशाना बना सकते हैं. जिसको लेकर अलर्ट किया गया है. हाल के दिनों में हुई दो घटनाओं ने नक्सलियों को कमजोर कर दिया है. जिसमें पिछले दिनों भाजपा संगठन के जोनल कमांडर आलोक यादव उर्फ गुलशन मारा गया था. उसके साथ उसके एक और साथी की भी मौत हुई थी. इस घटना से पहले नक्सलियों को एक और झटका लगा था जब जोनल कमांडर और उसके दो दशक से सक्रिय जोनल कमांडर नवल भुइया ने सुरक्षा बल के सामने दो साथियों के साथ सरेंडर किया था.
नक्सलियों ने किया रणनीति में बदलाव
अर्धसैनिक बल के सहयोग से पुलिस बल द्वारा लगातार अभियान चलाकर नक्सलियों को पकड़ने की कवायद जारी है. जिसको लेकर नक्सली लगातार सतर्कता बरतते नजर आ रहे हैं. मुख्यालय के द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार बिहार में हिंसक घटनाओं को अंजाम देने के लिए नक्सलियों ने टेक्निकल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन शुरू किया है. जिसके तहत नक्सली अपने प्रभाव वाले जिलों में सुरक्षाबलों और मुखबिरों के ऊपर हमला कर सकते हैं. हालांकि पुलिस मुख्यालय का मानना है कि नक्सली टीसीओसी अभियान अप्रैल से जून के माह में चलाते थे. लेकिन इन दिनों वह इसमें बदलाव कर इसे पहले ही शुरू कर चुके हैं. जिस वजह से पुलिस मुख्यालय ने नक्सली प्रभावित जिलों को अलर्ट किया है.