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'थाने में तैनात अधिकारी नहीं सुनते महिला आयोग की बात', विपक्ष ने कहा- सिर्फ दिखावा करती है सरकार - आरजेडी नेता तनवीर हसन

आरजेडी नेता तनवीर हसन ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि जब अपराधियों को संरक्षण सरकार दे रही हो, तो वहां आयोग की बात कौन सुनता है. उन्होंने कहा कि जब नेता के लोग ही घटना में इंवॉल्व होते हैं, तो अधिकारी बात क्यों सुनेंगे.

police don't cooperate with Bihar Women's Commission
बिहार महिला आयोग की अध्यक्ष
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Published : Dec 7, 2019, 5:59 PM IST

पटना: महिलाओं के साथ आए दिन जिस तरह से घटनाएं हो रही हैं, उससे पूरे देश में उबाल है. वहीं, महिलाओं की समस्या के निदान के लिए महिला आयोग का गठन किया है. लेकिन महिला आयोग का कहना है कि पुलिस अधिकारी उनके साथ सहयोग नहीं करते हैं.

'छोटे पदाधिकारी नहीं सुनते महिलाओं की बात'
महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा का कहना है कि राज्य सरकार तो महिला के सम्मान के लिए हमेशा तत्पर रहती है. साथ ही महिला को आगे बढ़ाने के लिए सरकार लगातार काम भी कर रही है. लेकिन जिस तरह से महिलाओं के साथ घटना घट रही है, उसमें गलती सरकार या बड़े पदाधिकारियों की नहीं है. बल्कि छोटे पदाधिकारी की है. उनका कहना है कि थाने स्तर के पदाधिकारी महिलाओं की बात नहीं सुनते हैं.

पेश है रिपोर्ट

'स्पष्टीकरण के लिए नहीं आते अधिकारी'
महिला आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि जब महिलाओं की बात कही नहीं सुनी जाती, तो वो आयोग के पास आती हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से आयोग को पूरा समर्थन है. लेकिन छोटे तबके के अधिकारी और पदाधिकारी महिला आयोग की बात नहीं सुनते हैं. यहां तक जब उन्हें महिला आयोग की ओर से पत्र लिखकर आयोग में स्पष्टीकरण पूछने के लिए बुलाया जाता है, तब भी थाना के पदाधिकारी आयोग में नहीं आते हैं. साथ ही वो परिजन के घर में जाकर उन्हें डराना और धमकाना शुरू कर देते हैं.

police don't cooperate with Bihar Women's Commission
आरजेडी नेता तनवीर हसन

ये भी पढ़ें: खगड़िया: पैक्स चुनाव को लेकर आपसी रंजिश में मुखिया पति की गोली मारकर हत्या

'सिर्फ दिखावा करती है सरकार'
महिला आयोग की इस लाचारी के बाद अब विपक्ष सरकार पर हमलावर है. आरजेडी नेता तनवीर हसन ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि जब अपराधियों को संरक्षण सरकार दे रही हो, तो वहां आयोग की बात कौन सुनता है. उन्होंने कहा कि जब नेता के लोग ही घटना में इंवॉल्व होते हैं, तो अधिकारी बात क्यों सुनेंगे. तनवीर हसन ने कहा कि सरकार सिर्फ दिखावे के लिए ही दावा करती है कि यहां सुशासन की सरकार है. लेकिन महिला आयोग की अध्यक्ष या उपाध्यक्ष यदि रोना रोती हैं तो उन्हें भी अब वास्तविकता से अवगत होना चाहिए.

पटना: महिलाओं के साथ आए दिन जिस तरह से घटनाएं हो रही हैं, उससे पूरे देश में उबाल है. वहीं, महिलाओं की समस्या के निदान के लिए महिला आयोग का गठन किया है. लेकिन महिला आयोग का कहना है कि पुलिस अधिकारी उनके साथ सहयोग नहीं करते हैं.

'छोटे पदाधिकारी नहीं सुनते महिलाओं की बात'
महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा का कहना है कि राज्य सरकार तो महिला के सम्मान के लिए हमेशा तत्पर रहती है. साथ ही महिला को आगे बढ़ाने के लिए सरकार लगातार काम भी कर रही है. लेकिन जिस तरह से महिलाओं के साथ घटना घट रही है, उसमें गलती सरकार या बड़े पदाधिकारियों की नहीं है. बल्कि छोटे पदाधिकारी की है. उनका कहना है कि थाने स्तर के पदाधिकारी महिलाओं की बात नहीं सुनते हैं.

पेश है रिपोर्ट

'स्पष्टीकरण के लिए नहीं आते अधिकारी'
महिला आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि जब महिलाओं की बात कही नहीं सुनी जाती, तो वो आयोग के पास आती हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से आयोग को पूरा समर्थन है. लेकिन छोटे तबके के अधिकारी और पदाधिकारी महिला आयोग की बात नहीं सुनते हैं. यहां तक जब उन्हें महिला आयोग की ओर से पत्र लिखकर आयोग में स्पष्टीकरण पूछने के लिए बुलाया जाता है, तब भी थाना के पदाधिकारी आयोग में नहीं आते हैं. साथ ही वो परिजन के घर में जाकर उन्हें डराना और धमकाना शुरू कर देते हैं.

police don't cooperate with Bihar Women's Commission
आरजेडी नेता तनवीर हसन

ये भी पढ़ें: खगड़िया: पैक्स चुनाव को लेकर आपसी रंजिश में मुखिया पति की गोली मारकर हत्या

'सिर्फ दिखावा करती है सरकार'
महिला आयोग की इस लाचारी के बाद अब विपक्ष सरकार पर हमलावर है. आरजेडी नेता तनवीर हसन ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि जब अपराधियों को संरक्षण सरकार दे रही हो, तो वहां आयोग की बात कौन सुनता है. उन्होंने कहा कि जब नेता के लोग ही घटना में इंवॉल्व होते हैं, तो अधिकारी बात क्यों सुनेंगे. तनवीर हसन ने कहा कि सरकार सिर्फ दिखावे के लिए ही दावा करती है कि यहां सुशासन की सरकार है. लेकिन महिला आयोग की अध्यक्ष या उपाध्यक्ष यदि रोना रोती हैं तो उन्हें भी अब वास्तविकता से अवगत होना चाहिए.

Intro: महिलाओं के साथ होने वाले सामाजिक या घरेलू हिंसा के उत्पीड़न में न्याय दिलाने के लिए बना महिला आयोग आज खुद लाचार है जहां एक तरफ महिलाओं की सुरक्षा के लिए अनेक तरह के कानून बन रहे हैं वही महिला आयोग का सुनने वाला कोई नहीं है लेकिन विपक्ष इस पर हमलावर है--


Body:पटना-- महिलाओं के साथ आए दिन जिस तरह से घटना घट रही है उससे देश उबला हुआ है महिलाओं के सम्मान की बात करें तो सरकार ने महिला आयोग का गठन किया है ताकि महिलाओं की समस्या कहीं आ जाए तो वह अपनी बात महिला आयोग के सामने रख सकती हैं और महिला आयोग उस पर एक्शन ले सके लेकिन राजधानी सहित बिहार के तमाम जिलों में महिलाओं के साथ जिस तरह से आए दिन घटना घट रही है उससे सरकार कटघरे में खडी हो गई है महिला आयोग अपनी लाचारी भी दि खाना शुरू कर दिया है महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा का कहना है कि राज्य सरकार तो महिला के सम्मान के लिए हमेशा तत्पर रहती है और महिला को आगे बढ़ाने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है लेकिन जिस तरह से महिलाओं के साथ घटना घट रही है उसमें खामी सरकार या बड़े पदाधिकारियों का नहीं है बल्कि छोटे पदाधिकारी थाने स्तर तक के पदाधिकारी महिलाओं की बात नहीं सुनते हैं। महिला आयोग का अध्यक्ष का कहना है कि उनकी बात कही नहीं सुनी जाती तो वह आयोग के पास आते हैं आयोग की अध्यक्ष का कहना है कि सरकार के तरफ से आयोग का पूरा समर्थन है लेकिन छोटे तबके के अधिकारी थाना स्तर तक के पदाधिकारी महिला आयोग की बात को नहीं सुनते हैं यहां तक जब उन्हें महिला आयोग पत्र लिखकर आयोग में स्पष्टीकरण पूछने के लिए बुलाता है तब भी थाना के पदाधिकारी आयोग में नहीं आकर परिजन के घर में जाकर डराना और धमकाना शुरू कर देते हैं।

महिला आयोग के इस लाचारी के बाद अब विपक्ष सरकार पर । हमलावर है आरजेडी नेता तनवीर हसन ने सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि जब अपराधियों को संरक्षण सरकार दे रही हो तो वहां आयोग की बात कौन सुनता है तनवीर हसन ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि जब नेता के लोग ही घटना में इंवॉल्व होते हैं तो अधिकारी बात क्यों सुने। जिस तरह आए दिन महिलाओं के साथ घटना घट रही है सरकार सिर्फ दिखावे के लिए ही दावा करती है कि यहां सुशासन की सरकार है लेकिन महिला आयोग अध्यक्ष या उपाध्यक्ष यदि रोना रोती हैं तो उन्हें भी अब वास्तविकता से अवगत होना चाहिए।


Conclusion: हम आपको बता दें कि महिलाओं के साथ जिस तरह से आए दिन घटना घट रही है और महिला आयोग की अध्यक्ष अब सरकारी
तंत्र पर ही सवाल खड़ा कर रही है तो सरकार पर सवालिया निशान खड़ा होना लाजमी दिख रहा है।
ईटीवी भारत के लिए पटना से अरविंद राठौर की रिपोर्ट
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