पटना: महिलाओं के साथ आए दिन जिस तरह से घटनाएं हो रही हैं, उससे पूरे देश में उबाल है. वहीं, महिलाओं की समस्या के निदान के लिए महिला आयोग का गठन किया है. लेकिन महिला आयोग का कहना है कि पुलिस अधिकारी उनके साथ सहयोग नहीं करते हैं.
'छोटे पदाधिकारी नहीं सुनते महिलाओं की बात'
महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा का कहना है कि राज्य सरकार तो महिला के सम्मान के लिए हमेशा तत्पर रहती है. साथ ही महिला को आगे बढ़ाने के लिए सरकार लगातार काम भी कर रही है. लेकिन जिस तरह से महिलाओं के साथ घटना घट रही है, उसमें गलती सरकार या बड़े पदाधिकारियों की नहीं है. बल्कि छोटे पदाधिकारी की है. उनका कहना है कि थाने स्तर के पदाधिकारी महिलाओं की बात नहीं सुनते हैं.
'स्पष्टीकरण के लिए नहीं आते अधिकारी'
महिला आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि जब महिलाओं की बात कही नहीं सुनी जाती, तो वो आयोग के पास आती हैं. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से आयोग को पूरा समर्थन है. लेकिन छोटे तबके के अधिकारी और पदाधिकारी महिला आयोग की बात नहीं सुनते हैं. यहां तक जब उन्हें महिला आयोग की ओर से पत्र लिखकर आयोग में स्पष्टीकरण पूछने के लिए बुलाया जाता है, तब भी थाना के पदाधिकारी आयोग में नहीं आते हैं. साथ ही वो परिजन के घर में जाकर उन्हें डराना और धमकाना शुरू कर देते हैं.
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'सिर्फ दिखावा करती है सरकार'
महिला आयोग की इस लाचारी के बाद अब विपक्ष सरकार पर हमलावर है. आरजेडी नेता तनवीर हसन ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि जब अपराधियों को संरक्षण सरकार दे रही हो, तो वहां आयोग की बात कौन सुनता है. उन्होंने कहा कि जब नेता के लोग ही घटना में इंवॉल्व होते हैं, तो अधिकारी बात क्यों सुनेंगे. तनवीर हसन ने कहा कि सरकार सिर्फ दिखावे के लिए ही दावा करती है कि यहां सुशासन की सरकार है. लेकिन महिला आयोग की अध्यक्ष या उपाध्यक्ष यदि रोना रोती हैं तो उन्हें भी अब वास्तविकता से अवगत होना चाहिए.