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राजधानी पटना के कई आपराधिक मामलों में पुलिस के हाथ अब तक खाली

बिहार (Bihar) में बीते कुछ दिनों से अपराध की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. वहीं पुलिस को इस घटनाओं में कोई कामयाबी नहीं मिली है. पढ़ें पूरी खबर...

पटना पुलिस
पटना पुलिस
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Published : Jul 24, 2021, 4:00 AM IST

पटना: राजधानी पटना सहित पूरे बिहार (Crime In Bihar) में इन दिनों अपराध के ग्राफ में लगातार वृद्धि हो रही है. राजधानी पटना की अगर बात करें तो पिछले एक साल में कई ऐसे वारदात को अपराधियों ने अंजाम दिया है. जिसमें पुलिस (Police) को अब तक कामयाबी हासिल नहीं मिल पाई है.

ये भी पढ़ें:Patna: आपराधिक घटनाओं से फैली दहशत, लोगों ने कहा- सड़क पर निकलने में लगता है डर

बीते वर्ष 23 अगस्त को राजधानी पटना के बेउर थाना अंतर्गत एक प्रॉपर्टी डीलर को दिनदहाड़े कार्बाइन से भून दिया गया था. सुबह करीब 10:45 बजे गोलियों की आवाज से पूरा इलाका दहल उठा था.

पटना के पूर्व डिप्टी मेयर अमरावती देवी के पति और पूर्व वार्ड पार्षद दीना गोप के चाचा सह प्रॉपर्टी डीलर टुनटुन यादव की हत्या करने में नाकाम बदमाशों ने उनके दफ्तर में घुस का अंधाधुंध 25 राउंड फायरिंग की थी.

जिसमें राजेश कुमार यादव को कारवाइन से भून डाला गया था. फायरिंग में गोली चलने से तीन अन्य प्रॉपर्टी डीलर भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस वारदात को हुए करीब 11 महीने बीत जाने के बाद भी पटना पुलिस को कामयाबी हाथ नहीं लगी है.

2 सितंबर, 2020 को राजधानी पटना के दीघा थाना क्षेत्र के हरिहरपुर कॉलोनी से एक निजी स्कूल संचालक 24 वर्षीय गोलू को घर से बुलाकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में भी अब तक पुलिस को कामयाबी नहीं मिली है.

वहीं 29 दिसंबर 2020 को राजधानी पटना में हथियारबंद अपराधियों ने घर में घुसकर दानापुर रेल मंडल के लोको पायलट को गोली से भून दिया था. सीने और सिर में तीन गोली लगने से मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी. अपराधियों द्वारा उनके बेटे को भी गोली मार दी गई थी. इस मामले में भी पुलिस को अब तक कामयाबी हासिल नहीं मिल पाई है.

20 जनवरी 2021 को हथियारों से लैस अपराधियों ने कोर्ट जा रहे मुंशी को गोली मारकर हत्या कर दी थी. हत्या की यह वारदात राजधानी पटना के नौबतपुर इलाके में घटित हुई थी. गोली लगने के बाद मुंशी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था. इस मामले में भी पुलिस को अब तक के कामयाबी हासिल नहीं हो पाई है.

एक अन्य मामले में पटना के सुलतानगंज थाना क्षेत्र के गुलबी घाट पर अपराधियों ने एक युवक को गोली मार दी थी. गंभीर अवस्था में उसे पीएमसीएच भर्ती कराया गया जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था. मृतक की पहचान अलाउद्दीन उर्फ बिकाऊ के रूप में की गई थी. इस मामले में भी पुलिस को अब तक कामयाबी हासिल नहीं हो पाई है.

रूपसपुर थाना क्षेत्र के आरपीएस इंजरिंग कॉलेज जाने के मार्ग में सचिवालय कॉलोनी के निकट बदमाशों ने रजनी देवी 45 वर्षीय महिला को सुबह 7:00 बजे धारदार हथियार से गला रेत कर हत्या कर दिया गया था. इस मामले में भी पुलिस को कामयाबी नहीं मिल पाई है.

राजधानी पटना के कंकड़बाग मैं अपराधियों ने एक ज्वेलरी दुकान में लूटपाट की घटना को अंजाम दिया था. हथियार के बल पर लाखों के ज्वेलरी लूट की घटना को अंजाम दिया गया था. हथियारबंद अपराधियों ने कर्मचारी को बंदूक के बल पर लाखों गहने लेकर फरार हो गए थे. इस मामले का भी उद्भेदन अब तक पुलिस द्वारा नहीं की गई है.

पटना के गोविंद मित्र रोड के दो सगे चावल व्यवसायी भाई के 4 महीने से लापता होने के बाद भी अब तक पुलिस उसे नहीं ढूंढ पाई है ना ही इस मामले में संलिप्त अपराधियों को ढूंढ पाई है.

अब अगर साल 2021 की बात करें तो साल के शुरुआत में ही 12 जनवरी को पटना एयरपोर्ट के स्टेशन मास्टर रूपेश सिंह की अपराधियों ने हत्या कर दी. इस मामले में हल्का पुलिस ने चारों अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है लेकिन पुलिस द्वारा हत्या के पीछे के कारणों से परिवार वाले असंतुष्ट हैं. जिस वजह से वह लगातार सीबीआई से जांच करवाने की भी मांग कर रहे हैं.

दरअसल 12 जनवरी को पटना एयरपोर्ट से घर आने के दौरान अपराधियों ने उनके घर के पास ही रुपेश सिंह को निशाना बनाकर 6 गोलियां दागी थी. इस मामले में जांच को लेकर भी कई सवाल उठ रहे थे. कुछ दिन पहले 6 महीने बीत जाने के बाद इस मामले में चौथा फरार अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया.

हालांकि यह कोई पहला मामला नहीं है. इस तरह के कई ऐसे और भी मामले हैं जिनमें पुलिस द्वारा कांड का उद्भेदन नहीं किया गया है. कई मामलों को उजाकर नहीं करने को लेकर जब ईटीवी भारत ने पुलिस मुख्यालय और पटना पुलिस के एसएसपी उपेंद्र शर्मा से बात करना चाहा तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया. पुलिस मुख्यालय का कहना है कि सभी मामलों का अनुसंधान जारी है. जल्द ही अपराधी सलाखों के पीछे होंगे.

बिहार के पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ दास ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि राजधानी पटना सहित बिहार के अन्य जिलों में कई ऐसे वारदात को अंजाम दिया गया है. जिसमें पुलिस को अब तक कामयाबी नहीं हासिल हो पाई है. इसका मुख्य कारण है कि बिहार सरकार पुलिस को शराब और बालू माफियाओं को पकड़ने में व्यस्त कर दी है.

उन्होंने कहा कि राजधानी पटना के चर्चित रुपेश सिंह हत्याकांड में भी पुलिस द्वारा लीपापोती की गई है. पुलिस द्वारा कभी पार्किंग विवाह तो कभी रोड रेज की घटना करार दिया गया है. जबकि टेंडर घोटाले मामले में रूपेश सिंह की हत्या हुई है.

आईपीएस अधिकारी ने कहा कि 5 साल पहले बिहार में शराबबंदी कानून लागू हुआ था. जिसमें आज बिहार में शराब माफिया तैयार हो गए हैं. बिहार पुलिस में सबसे बड़ा भ्रष्टाचार शराबबंदी कानून की वजह से ही हुआ है.

वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने बताया कि राजधानी पटना सहित बिहार के कई अन्य जिलों में कई ऐसे बड़े वारदात हुए हैं जिसमें पुलिस को कामयाबी नहीं मिली है. इसका मुख्य कारण है कि बिहार सरकार पुलिस को दूसरे कामों में व्यस्त कर रखी है. बिहार पुलिस बालू और शराब पकड़ने में व्यस्त है.

ये भी पढ़ें:पटना एसएसपी और मोतिहारी एएसपी की लोक सभा समिति के सामने पेशी कल

बिहार पुलिस के द्वारा सिर्फ छोटे शराब और बालू माफियाओं को पकड़ा जा रहा है. सरकार अगर पुलिस विभाग को छूट दे देगी तो बड़े माफिया सलाखों के पीछे होंगे.

पटना: राजधानी पटना सहित पूरे बिहार (Crime In Bihar) में इन दिनों अपराध के ग्राफ में लगातार वृद्धि हो रही है. राजधानी पटना की अगर बात करें तो पिछले एक साल में कई ऐसे वारदात को अपराधियों ने अंजाम दिया है. जिसमें पुलिस (Police) को अब तक कामयाबी हासिल नहीं मिल पाई है.

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बीते वर्ष 23 अगस्त को राजधानी पटना के बेउर थाना अंतर्गत एक प्रॉपर्टी डीलर को दिनदहाड़े कार्बाइन से भून दिया गया था. सुबह करीब 10:45 बजे गोलियों की आवाज से पूरा इलाका दहल उठा था.

पटना के पूर्व डिप्टी मेयर अमरावती देवी के पति और पूर्व वार्ड पार्षद दीना गोप के चाचा सह प्रॉपर्टी डीलर टुनटुन यादव की हत्या करने में नाकाम बदमाशों ने उनके दफ्तर में घुस का अंधाधुंध 25 राउंड फायरिंग की थी.

जिसमें राजेश कुमार यादव को कारवाइन से भून डाला गया था. फायरिंग में गोली चलने से तीन अन्य प्रॉपर्टी डीलर भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस वारदात को हुए करीब 11 महीने बीत जाने के बाद भी पटना पुलिस को कामयाबी हाथ नहीं लगी है.

2 सितंबर, 2020 को राजधानी पटना के दीघा थाना क्षेत्र के हरिहरपुर कॉलोनी से एक निजी स्कूल संचालक 24 वर्षीय गोलू को घर से बुलाकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में भी अब तक पुलिस को कामयाबी नहीं मिली है.

वहीं 29 दिसंबर 2020 को राजधानी पटना में हथियारबंद अपराधियों ने घर में घुसकर दानापुर रेल मंडल के लोको पायलट को गोली से भून दिया था. सीने और सिर में तीन गोली लगने से मौके पर ही उसकी मौत हो गई थी. अपराधियों द्वारा उनके बेटे को भी गोली मार दी गई थी. इस मामले में भी पुलिस को अब तक कामयाबी हासिल नहीं मिल पाई है.

20 जनवरी 2021 को हथियारों से लैस अपराधियों ने कोर्ट जा रहे मुंशी को गोली मारकर हत्या कर दी थी. हत्या की यह वारदात राजधानी पटना के नौबतपुर इलाके में घटित हुई थी. गोली लगने के बाद मुंशी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था. इस मामले में भी पुलिस को अब तक के कामयाबी हासिल नहीं हो पाई है.

एक अन्य मामले में पटना के सुलतानगंज थाना क्षेत्र के गुलबी घाट पर अपराधियों ने एक युवक को गोली मार दी थी. गंभीर अवस्था में उसे पीएमसीएच भर्ती कराया गया जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था. मृतक की पहचान अलाउद्दीन उर्फ बिकाऊ के रूप में की गई थी. इस मामले में भी पुलिस को अब तक कामयाबी हासिल नहीं हो पाई है.

रूपसपुर थाना क्षेत्र के आरपीएस इंजरिंग कॉलेज जाने के मार्ग में सचिवालय कॉलोनी के निकट बदमाशों ने रजनी देवी 45 वर्षीय महिला को सुबह 7:00 बजे धारदार हथियार से गला रेत कर हत्या कर दिया गया था. इस मामले में भी पुलिस को कामयाबी नहीं मिल पाई है.

राजधानी पटना के कंकड़बाग मैं अपराधियों ने एक ज्वेलरी दुकान में लूटपाट की घटना को अंजाम दिया था. हथियार के बल पर लाखों के ज्वेलरी लूट की घटना को अंजाम दिया गया था. हथियारबंद अपराधियों ने कर्मचारी को बंदूक के बल पर लाखों गहने लेकर फरार हो गए थे. इस मामले का भी उद्भेदन अब तक पुलिस द्वारा नहीं की गई है.

पटना के गोविंद मित्र रोड के दो सगे चावल व्यवसायी भाई के 4 महीने से लापता होने के बाद भी अब तक पुलिस उसे नहीं ढूंढ पाई है ना ही इस मामले में संलिप्त अपराधियों को ढूंढ पाई है.

अब अगर साल 2021 की बात करें तो साल के शुरुआत में ही 12 जनवरी को पटना एयरपोर्ट के स्टेशन मास्टर रूपेश सिंह की अपराधियों ने हत्या कर दी. इस मामले में हल्का पुलिस ने चारों अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है लेकिन पुलिस द्वारा हत्या के पीछे के कारणों से परिवार वाले असंतुष्ट हैं. जिस वजह से वह लगातार सीबीआई से जांच करवाने की भी मांग कर रहे हैं.

दरअसल 12 जनवरी को पटना एयरपोर्ट से घर आने के दौरान अपराधियों ने उनके घर के पास ही रुपेश सिंह को निशाना बनाकर 6 गोलियां दागी थी. इस मामले में जांच को लेकर भी कई सवाल उठ रहे थे. कुछ दिन पहले 6 महीने बीत जाने के बाद इस मामले में चौथा फरार अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया.

हालांकि यह कोई पहला मामला नहीं है. इस तरह के कई ऐसे और भी मामले हैं जिनमें पुलिस द्वारा कांड का उद्भेदन नहीं किया गया है. कई मामलों को उजाकर नहीं करने को लेकर जब ईटीवी भारत ने पुलिस मुख्यालय और पटना पुलिस के एसएसपी उपेंद्र शर्मा से बात करना चाहा तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया. पुलिस मुख्यालय का कहना है कि सभी मामलों का अनुसंधान जारी है. जल्द ही अपराधी सलाखों के पीछे होंगे.

बिहार के पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ दास ने ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान बताया कि राजधानी पटना सहित बिहार के अन्य जिलों में कई ऐसे वारदात को अंजाम दिया गया है. जिसमें पुलिस को अब तक कामयाबी नहीं हासिल हो पाई है. इसका मुख्य कारण है कि बिहार सरकार पुलिस को शराब और बालू माफियाओं को पकड़ने में व्यस्त कर दी है.

उन्होंने कहा कि राजधानी पटना के चर्चित रुपेश सिंह हत्याकांड में भी पुलिस द्वारा लीपापोती की गई है. पुलिस द्वारा कभी पार्किंग विवाह तो कभी रोड रेज की घटना करार दिया गया है. जबकि टेंडर घोटाले मामले में रूपेश सिंह की हत्या हुई है.

आईपीएस अधिकारी ने कहा कि 5 साल पहले बिहार में शराबबंदी कानून लागू हुआ था. जिसमें आज बिहार में शराब माफिया तैयार हो गए हैं. बिहार पुलिस में सबसे बड़ा भ्रष्टाचार शराबबंदी कानून की वजह से ही हुआ है.

वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने बताया कि राजधानी पटना सहित बिहार के कई अन्य जिलों में कई ऐसे बड़े वारदात हुए हैं जिसमें पुलिस को कामयाबी नहीं मिली है. इसका मुख्य कारण है कि बिहार सरकार पुलिस को दूसरे कामों में व्यस्त कर रखी है. बिहार पुलिस बालू और शराब पकड़ने में व्यस्त है.

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बिहार पुलिस के द्वारा सिर्फ छोटे शराब और बालू माफियाओं को पकड़ा जा रहा है. सरकार अगर पुलिस विभाग को छूट दे देगी तो बड़े माफिया सलाखों के पीछे होंगे.

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