पटना: रूपेश हत्याकांड में घटना के 36 घंटे से ज्यादा का वक्त बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा है. इस दौरान पटना पुलिस ने जो जांच की है, उसमें अब तक करीब 2000 मोबाइल नंबरों को डंप किया गया है. जबकि इस मामले को लेकर 250 संदिग्धों से पुलिस ने पूछताछ भी की है.
इसके बावजूद भी पुलिस की जांच अभी किसी ठोस नतीजे तक नहीं पहुंची है. इसी बीच पटना पुलिस ने 3 लोगों को हिरासत में भी लिया है.
नीतीश कुमार कर रहे निगरानी
एक तरफ रूपेश हत्याकांड की जांच में एसआईटी की टीम लगी हुई है. तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद इस पूरे मामले की निगरानी कर रहे हैं. लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि अभी तक जो जांच की प्रगति है, वह इस लायक नहीं है कि बताया जा सके घटना का कारण क्या है. पुलिस भी इस घटना का मूल कारण पता करने में 36 घंटे से ज्यादा वक्त बीतने के बाद भी असफल साबित होती नजर आ रही है.
सीसीटीवी फुटेज की जांच
बुधवार को पटना एयरपोर्ट पर पहुंची पुलिस की टीम ने लगातार 5 घंटे तक पटना एयरपोर्ट पर लगे तमाम सीसीटीवी फुटेज की जांच की थी. इसके अलावा एयरपोर्ट से लेकर रुपेश के घर तक के सीसीटीवी कैमरे को खंगाला गया. हालांकि एक कैमरे में एक संदिग्ध की तस्वीर पुलिस को जरूर मिली है. जो रूपेश को फॉलो करता नजर आ रहा था.
गोपालगंज गई पुलिस की टीम
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार छपरा और गोपालगंज गई पुलिस टीम को अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं. पटना पुलिस के सूत्र बताते हैं कि ठेके के विवाद से इस पूरे घटनाक्रम को जोड़कर देखा जा रहा था. हालांकि पुलिस की एक टीम गोपालगंज और छपरा जब अनुसंधान करने पहुंची, तो ठेके से जुड़े सारे मामलों को खारिज किया है.
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माफिया और सरगना से पूछताछ
सूत्र बताते हैं कि इस मामले में पुलिस एक ऐसे पुलिसकर्मी की तलाश कर रही है. जिसका कुछ दिनों पहले रुपेश के भाई और उसके साथ कोई विवाद हुआ था. इस मामले में पटना, बेउर जेल और हाजीपुर जेल में बंद 2 माफिया और सरगना से भी पुलिस ने पूछताछ की है. जिन्होंने हाल के दिनों में सुपारी किलिंग जैसी घटनाओं को अंजाम दिया था.