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PMCH प्रशासन का दावा : हड़ताल से मरीजों के इलाज में नहीं होगा असर

इस हड़ताल से पीएमसीएच और एनएमसीएच में इलाज व्यवस्था पर असर पड़ सकता है. हालांकि अस्पताल प्रशासन का दावा है कि इससे मरीजों के इलाज में कोई फर्ख नहीं पड़ेगा.

अस्पताल में लगी भीड़
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Published : Apr 8, 2019, 12:56 PM IST

पटनाः बिहार के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के जूनियर डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. इस हड़ताल से पीएमसीएच और एनएमसीएच में इलाज व्यवस्था पर असर पड़ सकता है. हालांकि अस्पताल प्रशासन का दावा है कि इससे मरीजों के इलाज में कोई फर्ख नहीं पड़ेगा.

दरअसल, अस्पताल प्रशासन का दावा है कि हड़ताल से निबटने के लिए दूसरे सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों से सहयोग मांगा गया है. पीएमसीएच प्रशासन की मानें तो अगर जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे तो 50 डॉक्टरों की तैनाती इमरजेंसी से लेकर अलग-अलग वार्डों में किया जायेगा.

patna
अस्पताल में बैठे लोग

जेडीए हड़ताल पर,पीएमसीएच कितना तैयार
पीएमसीएच में राज्य भर के मरीज यहां पर बेहतर इलाज के लिए आते हैं. ऐसे में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल पर चले जाने से कई लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ जाती हैं. हालांकि इस बार पीएमसीएच प्रशासन ने दावा किया है की जेडीए के हड़ताल पर पीएमसीएच के स्वास्थ्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा. अस्पताल प्रशासन ने सिविल सर्जन से 50 डॉक्टरों की मांग की है.

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को लिखी गयी चिट्ठी
इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को भी पत्र लिखकर भेजा जा चुका है. पीएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ रंजीत कुमार जैमुआर ने कहा है कि आज सेकंड हाफ से 50 डॉक्टर अस्पताल में काम करना शुरू कर देंगे. जिससे जूनियर डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार का मरीजों के इलाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

हड़ताल से पीएमसीएच और एनएमसीएच में इलाज व्यवस्था पर असर

जूनियर डॉक्टरों की मांग सही
हालांकि उन्होंने जूनियर डॉक्टरों की मांग को जायज ठहराया है. उन्होंने कहा है कि जूनियर डॉक्टर अपनी जगह पर सही मांग कर रहे हैं. उनकी सभी मांगों को सरकार को पूरा करना चाहिए. वहां जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती है, तब तक वे काम पर वापस नहीं लौटेंगे

पटनाः बिहार के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के जूनियर डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. इस हड़ताल से पीएमसीएच और एनएमसीएच में इलाज व्यवस्था पर असर पड़ सकता है. हालांकि अस्पताल प्रशासन का दावा है कि इससे मरीजों के इलाज में कोई फर्ख नहीं पड़ेगा.

दरअसल, अस्पताल प्रशासन का दावा है कि हड़ताल से निबटने के लिए दूसरे सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों से सहयोग मांगा गया है. पीएमसीएच प्रशासन की मानें तो अगर जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर रहेंगे तो 50 डॉक्टरों की तैनाती इमरजेंसी से लेकर अलग-अलग वार्डों में किया जायेगा.

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अस्पताल में बैठे लोग

जेडीए हड़ताल पर,पीएमसीएच कितना तैयार
पीएमसीएच में राज्य भर के मरीज यहां पर बेहतर इलाज के लिए आते हैं. ऐसे में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल पर चले जाने से कई लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ जाती हैं. हालांकि इस बार पीएमसीएच प्रशासन ने दावा किया है की जेडीए के हड़ताल पर पीएमसीएच के स्वास्थ्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा. अस्पताल प्रशासन ने सिविल सर्जन से 50 डॉक्टरों की मांग की है.

स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को लिखी गयी चिट्ठी
इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को भी पत्र लिखकर भेजा जा चुका है. पीएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ रंजीत कुमार जैमुआर ने कहा है कि आज सेकंड हाफ से 50 डॉक्टर अस्पताल में काम करना शुरू कर देंगे. जिससे जूनियर डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार का मरीजों के इलाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा.

हड़ताल से पीएमसीएच और एनएमसीएच में इलाज व्यवस्था पर असर

जूनियर डॉक्टरों की मांग सही
हालांकि उन्होंने जूनियर डॉक्टरों की मांग को जायज ठहराया है. उन्होंने कहा है कि जूनियर डॉक्टर अपनी जगह पर सही मांग कर रहे हैं. उनकी सभी मांगों को सरकार को पूरा करना चाहिए. वहां जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती है, तब तक वे काम पर वापस नहीं लौटेंगे

Intro:जेडीए हडताल पर,पीएमसीएच कितना तैयार


राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के जूनियर डॉक्टर आज से हड़ताल पर हैं, लेकिन सुबे के सबसे बड़े अस्पताल सह सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल पीएमसीएच, जूनियर डॉक्टर के हड़ताल को लेकर कितना तैयार है कितना सजग है एक रिपोर्ट


Body:सुपरस्पेशलिटी अस्पताल पीएमसीएच में एक बार फिर से जूनियर डॉक्टरों का हड़ताल है वैसे तो राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में जूनियर डॉक्टर आज से हड़ताल पर चले गए हैं लेकिन पीएमसीएच में सबकी निगाहें रहती है क्योंकि राज्य भर के सभी मरीज यहां पर अपने बेहतर इलाज के लिए आते हैं ऐसे में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल पर चले जाने से कई लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ जाती है हर वक्त हो हंगामा विरोध प्रदर्शन होता रहता है हालांकि इस बार पीएमसीएच प्रशासन ने दावा किया है की इस बार जेडीए के हड़ताल पर पीएमसीएच के स्वास्थ्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा अस्पताल प्रशासन ने सिविल सर्जन से 50 डॉक्टरों की मांग की है इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को भी पत्र लिखकर भेजा जा चुका है पीएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ रंजीत कुमार जैमुआर ने कहा है कि आज सेकंड हाफ से 50 डॉक्टर अस्पताल में काम करना शुरू कर देंगे जिससे जूनियर डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार का मरीजों के इलाज पर कोई असर नहीं पड़ेगा हालांकि जूनियर डॉक्टरों की मांग को उन्होंने जायज ठहराया है उन्होंने कहा है कि जूनियर डॉक्टर अपनी जगह पर सही मांग कर रहे हैं उनकी सभी मांगों को सरकार को पूरा करना चाहिए


Conclusion:गौरतलब है कि आज सप्ताह के पहले दिन यानि सोमवार को पीएमसीएच में हजारों की संख्या में राज्य के तमाम जिलों से मरीज यहां पर बेहतर इलाज के लिए आते हैं और ओपीडी में हजारों की संख्या में मरीज अपना इलाज के लिए पुर्जा कटवा रहे हैं, लेकिन जेडीए के हड़ताल पर असर पड़ना लाजमी है क्योंकि सीनियर डॉक्टर के काम करने के तरीके और जूनियर डॉक्टर के काम करने के तरीके में फर्क हैं क्योंकि कई सीनियर डॉक्टर कुछ को छोडकर अपने काम के प्रति सजग नहीं रहते है जितना कि जूनियर डॉक्टर दिखते हैं, लेकिन इन सबों के बीच इमरजेंसी में कड़ी सुरक्षा एवं डॉक्टरों की तैनाती कर दी गई है अब रहा सवाल अन्य विभागों की तो वहां जेडीए के हड़ताल का असर देखने को मिल सकता है क्योंकि सीनियर डॉक्टर के बारे में एक बात यह भी कहा जाता है कि 11:00 बजे लेट नहीं 2:00 बजे भेट नहीं यह जगजाहिर हैं तो ऐसे में अन्य विभागों में जूनियर डॉक्टर का हड़ताल पर असर दिखना लाजमी भी हो सकता है फिलहाल पीएमसीएच प्रशासन ने दावा किया है कि जेडीए का हड़ताल पर पीएमसीएच के स्वास्थ्य पर कोई असर नहीं पड़ेगा हालांकि पीएमसीएच अस्पताल के प्रशासन के दावे अगर सही रहे तो मरीजों के लिए अच्छी खबर है क्योंकि जिंदगी बहुत ही कीमती चीज है और जान बचाना सबसे अहम बात है




बाईट-रंजीत जैमुआर,उपाधीक्षक पीएमसीएच
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